शुद्ध सोना क्यों बनाया, प्रभु मुझे तुमने, कुछ मिलावट चाहिये गलहार होने के लिये! जो मिला तुममें, भला क्या भिन्नता का स्वाद जाने, जो नियम में बँध गया, वह क्या भला अपवाद जाने, जो रहा समकक्ष, करुणा की मिली कब छाँह उसको, कुछ गितरावट चाहिये उद्धार होने के लिये। जो अजन्में हैं, उन्हें इस इंद्रधनुषी विश्व से संबंध ही क्या! …
Read More »