Suryakumar Pandey

Suryakumar Pandey (born 1 January 1956) is a Hindi poet, humorist, satirist and writer from Lucknow, India. In a long literary career, Suryakumar Pandey has been contributing to various genres of Hindi literature like Hasya Kavita (humorous comic poetry), Vyangya (satire) and Bal Kavita (children rhymes) etc. He is most recognized as a Hasya kavi and for his distinctive style and language of hasya kavita Popularly known as Pandeyji, he is also well known for his Hāsya kavita (humorous hindi poetry) recitations at Hindi kavi sammelans both in India and globally.

Funny Hindi Bal Kavita about a hungry cat बिल्ली मौसी – सूर्यकुमार पांडेय

बिल्ली मौसी – सूर्य कुमार पांडेय

बिल्ली मौसी चलीं बनारस लेकर झोला डंडा गंगा तट पर मिला उसे तब मोटा चूहा पंडा चूहा बोला बिल्ली मौसी चलो करा दूँ पूजा मुझ सा पंडा यहाँ घाट पर नहीं मिलेगा दूजा बिल्ली बोली ओ पंडा जी भूख लगी है भारी पूजा नहीं, पेट पूजा की करो तुरत तैयारी समझा चूहा बिल्ली मौसी का जो पंगा जी में टीका–चंदन …

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Hindi Bal Kavita about Eyes आँख – सूर्यकुमार पांडेय

Hindi Bal Kavita about Eyes आँख - सूर्यकुमार पांडेय

कुछ की काली कुछ की भूरी कुछ की होती नीली आँख जिसके मन में दुख होता है उसकी होती गीली आँख। सबने अपनी आँख फेर ली सबने उससे मीचीं आँख गलत काम करने वालों की रहती हरदम नीची आँख। आँख गड़ाते चोर–उचक्के चीज़ों को कर देते पार पकड़े गये चुराते आँखें आँख मिलाने से लाचार। आँख मिचौनी खेल रहे हम …

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Suryakumar Pandey Inspirational Hindi Poem मेरा खरापन शेष है

मेरा खरापन शेष है – सूर्यकुमार पांडेय

गांव में मैैं गीत के आया‚ मुझे ऐसा लगा‚ मेरा खरापन शेष है। वृक्ष था मैं एक‚ पतझड़ में रहा मधुमास सा‚ पत्र–फल के बीच यह जीवन जिया सन्यास सा‚ कोशिशें बेशक मुझे जड़ से मिटाने को हुईं‚ मेरा हरापन शेष है। सीख पाया मैं नहीं इस दौर जीने की कला‚ धोंट पाया स्वार्थ पल को भी नहीं मेरा गला‚ …

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