ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाये कभी देखो मन नहीं जागे, पीछे-पीछे सपनों के भागे एक दिन सपनों का राही, चला जाये सपनो के आगे कहाँ ज़िन्दगी कैसी है पहेली… जिन्होंने सजाये यहाँ मेले, सुख-दुःख संग-संग झेले वही चुनकर खामोशी, यूँ चले जाएँ अकेले कहाँ ज़िन्दगी कैसी है पहेली… ∼ योगेश चित्रपट : आनंद (1971) निर्माता …
Read More »चंपा और चमेली कह दूँ – योगेश समदर्शी
जीवन की सूनी गलियों को कैसे रंग रंगीली कह दूँ नकली फूलों को मैं कैसे चंपा और चमेली कह दूँ हर बगिया में शूल बचे हैं कलियाँ तो सारी कुम्हलाईं कैसे कह दूँ सब सुन्दर है जब बगिया सारी मुरझाई बादल, बरसे बिन पानी के कैसी अजब पहेली कह दूँ जीवन के सारे गुण सुन्दर लुप्त हुए हैं देखो तो …
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