आज जब आपके पास स्वास्थ्य संबंधी किसी भी स्थिति के लिए प्रचुर मात्रा में जानकारी उपलब्ध है, यह निर्णय लेना बहुत कठिन हो जाता है कि किसी डाक्टर से सलाह ली जाए। घरेलू उपचारों बनाम आधुनिक चिकित्सा बारे बहस के बावजूद बहुत से चिकित्सकों का मानना है कि सदियों पुराने घरेलू उपचार प्रभावी हैं तथा कई तरह की स्थितियों में इनका सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। यहां हम आपको कुछ घरेलू उपचारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनका समर्थन डाक्टर भी करते हैं:
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सहजन: घरेलू उपचार
हड्डियों के विशेषज्ञ डा. अरुण बाविस्कर का कहना है कि आधुनिक दवाओं के विकास में प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल किया जाने लगा है। यद्यपि इन्हें उनके प्राकृतिक रूप में सात्विक भोजन में इस्तेमाल करना सर्वाधिक प्रभावशाली होता है। उनका कहना है कि सहजन (Drumstick / Moringa oleifera) को विभिन्न प्रकार की तरी वाली सब्जियों, मुरब्बों, सांबर, डालों और यहां तक कि पुलाव में मिलाने से किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को जोड़ों के दर्द तथा हड्डियों से संबंधित किसी कमी अथवा कमजोरी से छुटकारा मिल सकता है। इसका उपभोग नियमित रूप से जूस के रूप में अथवा दूध के साथ किया जा सकता है।
यह कैसे काम करता है:
सहजन में कैल्शियम, आयरन तथा अन्य विटामिन होते हैं जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद देते हैं। अध्ययनों के अनुसार पालक के मुकाबले सहजन में क्रमशः 30 तथा 100 गुणा अधिक आयरन तथा कैल्शियम होता है।
फटे होंठों के लिए घी: घरेलू उपचार
यहां तक कि मुम्बई की सर्दियां भी आपको फटे होंठों की सौगात दे सकती हैं। इसलिए कंसल्टैंट डर्मेटॉलोजिस्ट, कॉस्मैटॉलोजिस्ट एवं ट्राईकॉलोजिस्ट डा. मिथिला विर्नाक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के तौर पर शुद्ध घी का सुझाव देती हैं। इसे सुबह तथा रात को बिस्तर पर जाने से पहले होंठों पर लगाएं, यह किसी भी अन्य मह्लम की तरह मदद करेगा।
कैसे काम करता है:
घी में आवश्यक फैटी एसिड्स होते हैं जो त्वचा की कोशिकाओं में हाईड्रेशन को सक्रिय करते हैं जिससे त्वचा नम होती है। यह एक तरह का बोंडिंग एजैंट है, जो त्वचा की सबसे गहरी परतों तक जाने के लिए अन्य न्यूट्रीएंट्स के साथ जोड़ी बना सकता है। अपनी सर्वाधिक शुद्ध किस्म में यह संवेदनशील त्वचा के लिए भी सुरक्षित होता है।
सर्दी-खांसी के लिए लौंग: घरेलू उपचार
सामान्य चिकित्सक एवं सर्जन डा. नितिन अमाले कहते हैं कि सामान्य सर्दी से लेकर गर्मियों के निर्जलीकरण तक हर तरह की मौसमी स्वास्थ्य स्थिति के लिए आपके किचन की मसाला कैबिनेट में प्राकृतिक तत्व होते हैं। लौंग की कली आपके शरीर के लिए एक हीट रेडिएटर की तरह काम करती है जबकि किसी बर्तन में लौंग की कली को भूनने तथा उसके वाष्पों को सूंघने अथवा उसे पीस कर चाय में डालने से खांसी-सर्दी में यह चमत्कारी असर दिखाता है। कोई हैरानी नहीं कि लड्डू तथा हलवा जैसी सर्दियों की पारम्परिक मिठाइयों में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है।
यह काम कैसे करता है:
लौंग में प्राकृतिक एंटीइंफ्लामेट्री, एंटी बैक्टीरियल तथा गर्मी देने के गुण होते हैं। इसका गर्मी देने का प्रभाव कफ को पिघलाने तथा नसों को साफ करने में मदद करता है जिससे राहत मिलती है।
वजन घटाने के लिए जीरा:
वजन घटाने के लिए चयापचय में सुधार महत्वपूर्ण है जिससे भोजन अच्छी तरह पचाने तथा वसा तोड़ने में मदद मिलती है। दिन की शुरुआत एक चम्मच जीरा या उसके पाऊडर को एक चम्मच पानी के साथ करनी चाहिए, जिसके पश्चात आधा गिलास हल्का गर्म पानी पीना चाहिए। यह चयापचय को सक्रिय करता है।
कैसे काम करता है:
जीरा पचाने वाले एंजाइम्स की सक्रियता बढ़ाता है और पाचन में तेजी लाता है। यह लिवर में पित्त रस को भी निकलता है जिससे वसा तथा आंत में कुछ प्रकार के न्यूट्रीएंट्स को हजम करने में मदद मिलती है। इसमें ऐसे गुण होते हैं जो शरीर को बुरे, एल.डी.एल. कोलैस्ट्रोल से छुटकारा पाने में मदद करते हैं।