जब Ex-President डा. अब्दुल कलाम से मुलाक़ात हुई:
जब मैं Dr. Abdul Kalam से मिला तब वो भारत के राष्ट्रपति थे. तब मैं 17-18 साल का था. वो meeting 15 min की होनी थी लेकिन हमारा conversation इतना intense था कि हमारी मुलाक़ात देढ घंटे तक चली. मुझे लगा ही नहीं कि मैं President of India से बात कर रहा हूँ. हम लोगों ने दो दोस्तों की तरह बात की. वो पहले टेबल की दूसरी ओर बैठे थे, फिर बाद में मेरी बगल में आ के बैठ गए. यह मेरे लिए एक बड़ा ही यादगार और अच्छा learning experience था.
2005 में World Bank का board-member बनने पर:
अपनी parents की इच्छानुसार मैंने engineering में दाखिला तो ले लिया पर Bill Gates की तरह उसे complete नहीं कर पाया. जब मैं 5th Semester था, तब World Bank ने मुझे उनकी board meeting attend करने के लिए invite किया. उस board में मैं ही एक Indian था. इसका objective था कि emerging economies में किस तरह ICT का प्रयोग करके quality of education को improve किया जाय. Mr. Robert Zoellick, the President of World Bank सिर्फ Americans को बोर्ड में नहीं चाहते थे, वो और भी देशों से members चाहते थे. और चूँकि वो education पे focus कर रहे थे इसलिए वो young minds को इसमें include करना चाहते थे.
मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी World Bank का Board Member बनूँगा. ये मेरी जिंदगी का सबसे unforgettable moment था. मुझे direct Robert B Zoellick को report करना था. CEO of Cisco, VP of Microsoft, CEO of SAP etc भी इस बोर्ड के मेम्बर थे.
अपनी कंपनी के future पर:
मैंने हमेशा ये ही माना है कि IT महज एक technology नहीं है बल्कि problems solve करने का एक tool है. और मैं येही इस company में करना चाहता हूँ. मैं चाहता हूँ कि Globals, educations से related software solutions provide करने में market-leader हो.
जब मैं छोटा था तब मैं पैसों के बारे में जादा care नहीं करता था, लेकिन अब मैं अपने employees के लिए उत्तरदायी हूँ ,अगर मैं पैसों के बारे में न सोचूं तो हम scale-up नहीं कर पायेंगे. जब मैंने बेंगलुरु के एक cafe से कंपनी शुरू कि थी तब मैंने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ये multi-million dollar कंपनी बन जायेगी . मेरा driving force मेरा passion है और अभी तक का सफर काफी amazing रहा है.