भविष्य फल कथन में ज्योतिष के अलावा अंक-शास्त्र विश्व की सबसे प्राचीन विधा है। इस विज्ञान में शून्य के अलावा शेष सभी नौ अंकों का प्रयोग किया जाता है। अंक शास्त्र के माध्यम से कई तरह के जटिल विषयों का जवाब प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में किसी खास अंक का महत्व होता है और जीवन में …
Read More »कहीं भाग्य लक्ष्मी आपका घर छोड़कर तो नहीं जा रही
ज्योतिषशास्त्र के कालपुरुष सिद्धांत अनुसार व्यक्ति की कुण्डली की भाव संख्या 1, 5 व 9 को लक्ष्मी स्थान माना जाता है तथा भाव संख्या 1, 4, 7 व 10 नारायण स्थान माना जाता है। जब व्यक्ति की कुंडली में भाव 1, 4, 5, 7, 9 व 10 में कुछ अनिष्ट ग्रह बैठे हों या इन भावों के स्वामी वेधा स्थान …
Read More »गणेश चतुर्थी अर्थात कलंक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन मना है
शास्त्रनुसार गणेश चतुर्थी अर्थात कलंक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया हैं। इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को एक साल तक मिथ्या कलंक लगता हैं। भगवान श्री कृष्ण को भी चंद्र दर्शन का मिथ्या कलंक लगने के प्रमाण हमारे शास्त्रों में विस्तार से वर्णित हैं। यदि भूल से भी चौथ का चंद्रमा दिख जाय तो ‘श्रीमद् …
Read More »Look what your Zodiac sun sign has to say about your fashion style
Your zodiac sign can offer some uncannily accurate answers as to why you dress the way you do, believes astropalmist Praveen Singh Chauhan Have you often wondered what to wear to make the best impression? Believe it or not each of the 12 astrological signs can give you plenty of information about your personality. Knowing your sun sign can help …
Read More »गीता में छुपे ज्योतिषीय उपचार
महाभारत के युद्ध से ठीक पहले श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए ज्ञान यानी गीता में ढेरों ज्योतिषीय उपचार भी छिपे हुए हैं। गीता के अध्यायों का नियमित अध्ययन कर हम कई समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। गीता की नैसर्गिक विशेषता यह है कि इसे पढऩे वाले व्यक्ति के अनुसार ही इसकी टीका होती है यानी हर एक …
Read More »समझ जाएं शनिदेव व लक्ष्मी हैं आप पर मेहरबान
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार धन वैभव और सुख के लिए जन्मकुंडली में मौजूद धनदायक योग महत्वपूर्ण होता हैं। जन्मकुंडली एवं चंद्र कुंडली में विशेष धन योग तब बनते हैं जब लग्न व चंद्र कुंडली में धनेश एकादश भाव में हो व लाभेश दूसरे भाव में स्थित हो अथवा धनेश व लाभेश एक साथ होकर भगेश द्वारा दृष्ट हो तो व्यक्ति धनवान …
Read More »गृहणी खुश – धन लक्ष्मी खुश
भारतीय समाज में ही नहीं हिंदू धर्म शास्त्रों में भी महिलाओं को देवी का स्थान दिया जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है जिस घर की महिला सुखी है उस घर में साक्षात महालक्ष्मी निवास करती हैं। करोड़ों देवता भी उस घर को नहीं छोड़ते। स्त्री के अभाव में घर की कल्पना ही नहीं की जा सकती। वह …
Read More »पीतल के बर्तनो का इस्तेमाल करें – जीवन सुधर जायेगा
पीतल अर्थात ब्रास एक मिश्रित धातु है। पीतल का निर्माण तांबा व जस्ता धातुओं के मिश्रण से बनाया जाता है। पीतल शब्द “पीत” से बना है तथा संस्कृत में ‘पीत’ का अर्थ ‘पीला’ होता है तथा धार्मिक दृष्टि से पीला रंग भागवान विष्णु को संबोधित करता है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ व धार्मिक कर्म हेतु पीतल के बर्तन का ही …
Read More »बृहस्पति ग्रह और राजयोग का सुख
बृहस्पति (Jupiter) एक ऐसा ग्रह है जो कई प्रकार से उक्त और अनुक्त दोषों का उपशमन करने की क्षमता रखता है। गुरु की धनु और मीन स्वराशि है। स्वराशि में स्थित ग्रह स्वग्रही कहलाता है। स्वग्रही ग्रह अपने पराक्रम के चरमोत्कर्ष पर होता है। मीन और धनु में तुलनात्मक दृष्टि से धनु में विशेष बली होता है। चंद्रमा की राशि …
Read More »जन्मकुंडली में शनि ग्रह और उसका अशुभ प्रभाव
शनिदेव की कृपा पाने के लिए शास्त्रों में बहुत से उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाकर शनि को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनिवार को शनिदेव की आराधना करने से विशेष लाभ मिलता है। ग्रहों में न्यायाधीश का पद शनिदेव को प्राप्त है। वह ताकत एवं ऊंचे पद का दुरुपयोग व बुरे कर्म करने वालों …
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