वसंत पंचमी हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल की पांच तारीख को मनाई जाती है। देवी भागवत में उल्लेख है कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही संगीत, काव्य, कला, शिल्प, रस, छंद, शब्द व शक्ति की प्राप्ति जीव को हुई थी। सरस्वती को प्रकृति की देवी की उपाधि भी प्राप्त है। पद्मपुराण में मां सरस्वती का रूप प्रेरणादायी …
Read More »वसंत पंचमी की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार वसंत पंचमी मां सरस्वती के आविर्भाव व विजय का दिन है। वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि सरस्वती ने अपने चातुर्य से देवताओं को कुंभकर्ण से बचाया था। देवी वरदान प्राप्त करने के लिए राक्षसराज कुंभकर्ण ने करीब दस हजार वर्षों तक तपस्या की। जब ब्रह्मा प्रसन्न हुए और वरदान के लिए आए तो सभी देव …
Read More »सांस्कृतिक सौहार्द का पर्व वसंत पंचमी: Hindu Culture & Traditions
जीवन में परिवर्तन अति आवश्यक है। वसंत ऋतु परिवर्तन की घोतक है इसलिए इस ऋतु के आगमन को वसंत पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। शीत ऋतु से जड़त्व को प्राप्त हुई प्रकृति वसंत ऋतु के आगमन से चेतनता को प्राप्त हो जाती है। प्रकृति का माधुर्य वातावरण में नई उमंग तथा नवविवचार का सर्जन करता है। प्रकृति …
Read More »बलिदान दिवस पर विशेष: क्या गांधी सदा साम्प्रदायिकता की आग में जलते रहेंगे
भारत का यह परम सौभाग्य रहा कि 20वीं शताब्दी में सबके आंसू पोंछने के लिए भारत की धरती पर गांधी जी का अवतरण हुआ। गांधी जी भारतीय संस्कृति को वह सबका समन्वय मानते थे। 1922 के खिलाफत आंदोलन में हिन्दू-मुस्लिम के बिच चौड़ी खाई को बापू ने पूरी तरह पाट दिया था। यह गांधी जी का ही प्रभाव था कि …
Read More »Constitution of India
India, also known as Bharat, is a Union of States. It is a Sovereign Socialist Secular Democratic Republic with a parliamentary system of government. The Republic is governed in terms of the Constitution of India which was adopted by the Constituent Assembly on 26th November 1949 and came into force on 26th January 1950. The Constitution provides for a Parliamentary …
Read More »गुरू गोबिंद सिंह प्रकाश उत्सव: त्याग और वीरता की कहानी
श्री गुरु नानक देव जी की गद्दी के दसवें जामे में आए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का संसार-आगमन बहुपक्षीय रूप में दृष्टिगोचर होता है। नाशवान संसार में बहुत कम समय गुजार कर सांसारिक लोगों के लिए किए गए कार्य भविष्य के लिए रास्ता दर्शाने वाले हैं। श्री पटना साहिब (बिहार) में आगमन कर बचपन की लीलाओं से लेकर श्री …
Read More »Sikh Gurus
In Hinduism a guru is a spiritual teach or guide. Sikhs have retained his basic meaning, but the title itself is very limited in application: there have only been ten human Gurus, starting with Guru Nanak who founded the Sikh religion. The Gurus are: Guru Nanak, 1469-1539 Guru Angad: born 1504, Guru 1539-1552 Guru Amar Das: born 1479, Guru 1552-1574 …
Read More »Pumpkin Pie: American Culture & Tradition
Thanksgiving festival brings with it a sumptuous feast, complete with lip-smacking dishes. And pumpkin pie is one of the great attractions of the feast, which appeals to the taste of almost everyone. You can make it either on the morning of the Thanksgiving Day or in the night, as the last preparation of the festival. For making the pie, pie …
Read More »National Day Of Mourning For Native Americans
Many Native Americans celebrate ‘National Day of Mourning‘ on Thanksgiving Day, by gathering at the top of Coles Hill that overlooks Plymouth Rock. The day brings forth a historical chapter that happened a few years ago. The first National Day of Mourning washed in 1970. Wampanoag leader Frank James was invited by the Commonwealth of Massachusetts to deliver a speech, …
Read More »Bheel & Bhilala archers don’t use right thumbs एकलव्य के सम्मान में अंगूठे का ‘त्याग’
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के भील तथा भिलाला धनुर्धारी एकलव्य के सम्मान में धनुष-बाण चलाते हुए अपने अंगूठों का प्रयोग नहीं करते हैं। द्रोणाचार्य व अर्जुन का प्रतीकात्मक विरोध करने का उनका यह एक अलग ढंग है। महाग्रंथ महाभारत के गुरु-शिष्य द्रोणाचार्य व अर्जुन अधिकतर भारतियों के मन में विशेष स्थान रखते हैं परंतु भील तथा भिलाला …
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