Folktales In Hindi

Folktales In Hindi

शुभ मुहूर्त

Shubh muhrat

एक समय की बात है – एक बहुत की भोला – भाला दम्पति था। पति – पत्नी, दोनों ही इतने ज्यादा भोले थे कि कई बार तो उनके निपट मूर्ख होने का भी संदेह होता था। एक रात में कुछ शोर सुनकर दोनों उठ बैठे। “मालूम होता है, घर में चोर घुस आए हैं,” आदमी फुसफुसाया। “क्यों भागवान, तुम्हे कुछ सुनाई …

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लपलौस का धमाका

Laploss ka dhamaka

मध्य प्रदेश के रायपुर जिले के आसपास का इलाका छत्तीसगढ़ कहलाता है। इस प्रदेश के कई दुसरे इलाकों की तरह यहाँ भी काफी संख्या में जनजातियां रहती थी। गाँव वाले और आदिवासी वैसे तो पड़ोसी ही होते थे लेकिन दोनों का रहन – सहन एक – दुसरे भिन्न होता है। गांव वाले तो ज्यादातर खेती – बाड़ी करके ही गुजारा करते …

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राजा और अँधा

राजा और अँधा

एक रोज सुबह – सुबह राजा वीरभद्र आखेट के लिए निकला। महल लौटने को हुआ तो बहुत ही थका, भूखा और प्यास हो चुका था। तभी, सड़क के किनारे उसने तरबूजों का एक खेत देखा। एक प्यासे व्यक्ति को इससे बढ़कर और क्या चाहिए? उसने अपने सेवकों को कुछ बढ़िया तरबूज लाने का आदेश दिया। जब वे उस तरफ बढ़ …

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बुद्धिमान मेमना

Intelligent Goat Kid

एक घने जंगल की गुफा में एक नन्हा मेमना अपना माँ – बाप के साथ रहता था। बकरी परिवार के खाने के लिए जंगल में बहुत कुछ था – झाड़ियाँ, पत्तियां आदि। तीनों का जीवन आराम से कट जाता, बस शिकारी जानवरों का डर भर न होता। पूरा जंगल बड़े – बड़े बाघों और चालाक, निर्दयी गीदड़ों, से भरा हुआ था। बकरी …

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गोपाल का इलाज

Gopal ka ilaaj

गोपाल भांड नहुत ही बुद्धिमान और मेहनती आदमी था। उसकी बुद्धि और व्यवहार कुशलता के बहुत चर्चे थे। लोगों की हर समस्या का हल वह चुटकियों में करता था। इसलिए उसके पास लोग अपनी – अपनी मुश्किलें लेकर आते ही रहते थे। किस्मत की बात है – उसके पड़ोस में एक निहायत कमअक्ल दम्पति रहता था। उस पर तुर्रा यह …

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चालाक मेंढक

Clever Frog

एक नदी में एक मोटा – सा, हरे रंग का मेंढक था। मेंढक अपनी जिंदगी से खुश और संतुष्ट था। एक बार दुर्भायवर्ष वह नदी से निकलकर, नर्म – नर्म धुप का मजा लेने के लिए किनारे पर आ बैठा। तभी एक काले कौए ने उसे झपटकर अपनी चोंच में पकड़ लिया। “वाह!” क्या स्वादिष्ट भोजन हाथ लगा,” मेंढक को …

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अली का गधा

अली का गधा

कच्छ के एक गाँव में एक युवक रहता था जिसका नाम था अली। अली बढ़ई का काम करता था। गाँव के सब लोग उसे बहुत प्यार करते थे। वह छोटा – सा था, तभी उसके माता – पिता की मृत्यु हो गई थी। इसलिए वह अकेला ही रहता था।रोज शाम को अपना काम खत्म करके, अली गाँव के पोखर के …

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कबूतर

Pigeons

संध्या का समय हो चला था। महल के दीपक पंक्ति में रखे हुए टिमटिमा रहे थे। आती – जाती हवा में उनकी लौ लहरा रही थी। सुय्या एक खुरदरा, ऊनी कम्बल अपने इर्द – गिर्द लपेटे, महल के अतःपुर में बैठा हुआ जागते रहने की भरपूर कोशिश कर रहा था। उसी सुबह वहां बर्फ गिरी थी और कड़ाके की सर्दी …

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दरिद्र ब्राह्मण

Poor Brahmin

बहुत वर्ष पहले एक छोटे – से गाँव में एक गरीब, मगर भला ब्राह्मण रहता था। वह देवी का परम भक्त था और नित्य ही दुर्गा का नाम 108 बार लिखे बिना अन्न – जल कुछ भी ग्रहण नही करता था। सम्पन्न परिवारों में शादी – ब्याह या फिर अंतिम संस्कार करवाना ही उसकी जीविका का एकमात्र साधन था। परन्तु रोज …

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शामलाल नाई

Shamlal Nai - Indian Folktale

शामलाल बेहद संत स्वभाव और धार्मिक वृत्ति का व्यक्ति था। पेशे से वह नाई था। सामाजिक व्यवस्था में तब नाई छोटी जाति के माने जानते थे। शामलाल मानता था कि नीची जाति में जन्म होना, लोगों के पूर्व जन्म में किए गए दुष्कर्मों का फल है। और यह भी कि जैसे पारसमणि के छूते ही लोहा भी सोना हो जाता …

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