श्री गुरु अर्जुन देव जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का सम्पादन भाई गुरदास जी की सहायता से किया और रागों के आधार पर गुरुग्रंथ साहिब जी में संकलित बाणियों का जो वर्गीकरण किया है, उसकी मिसाल मध्यकालीन धार्मिक ग्रंथों में दुर्लभ है। सिख धर्म में सबसे पहला बलिदान शांति के पुंज और शहीदों के सरताज पांचवें गुरु श्री …
Read More »सुजाता और भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति: बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिणा: सुजाता की खीर और भगवान बुद्ध को ‘ज्ञान प्राप्ति’ ध्यान मुद्रा में पीपल के पेड़ के नीचे बैठे भगवान बुद्ध के चरणों के पास बैठी महिला वही सुजाता है जिसने भगवान बुद्ध को वैशाख पूर्णिमा के दिन खौर खिलाई थी। इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, जिसकी तलाश में वह वर्षों से भटक रहे थे, शरीर को …
Read More »रूपनगढ़ की राजकुमारी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
रूपनगढ़ की राजकुमारी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा – ‘अपनी कन्या को शाही बेगम बनने के लिये तुरंत दिल्ली भेज दो!’ औरंगजेब के इस संदेश के साथ दिल्ली से एक सेना भी रूपनगढ़ के राजा विक्रम सोलंकी के पास पहुँची। अनेक राजपूत नरेशों ने अपनी कन्याएँ दिल्ली को भेज दी थीं। विरोध करने में केवल सर्वनाश ही था। कोई …
Read More »किसान की घड़ी: एकाग्रता पर प्रेरक हिंदी बाल-कहानी
किसान की घड़ी: एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी। वैसे तो घड़ी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था। उसने खुद भी घड़ी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में… पर तामाम …
Read More »परमात्मा और किसान: बच्चों के लिए पौराणिक नीतिकथा
परमात्मा और किसान: एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा, देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं, …
Read More »बीकानेर की वीरांगना: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
बीकानेर की वीरांगना: अपने सतीत्व और पतिव्रता – धर्म की रक्षा करना ही भारतीय स्त्रियों के जीवन का एक अनुपम और पवित्र आदर्श रहा है। उनके सतीत्व के वज्राघात से बड़े-बड़े साम्राज्यों की नींव हिल उठी, राजमुकुट धूलि में लोटने लगे, मानव – वेषधारी दानवों की दानवता और व्यभिचारमूल्क अत्याचार का अन्त हो गया। किरण देवी या राजरानी किरण देवी …
Read More »शिलाद पत्नी दुर्गावती: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
शिलाद पत्नी दुर्गावती: ‘हम लोगों ने खुन की नदी बहा दी थी, महाराज!’ खिन्न सैनिक ने कहा। ‘पर महाराज को बहादुरशाह के क्रूर सैनिकों ने बंदी बना लिया।’ सैनिक ने सिर निचा कर लिया। ‘बहादुरशाह तो हुमायूँ का एक छोटा सरदार है’ राय ने दुर्ग की अधिपति शिलाद के छोटे भाई लक्ष्मण ने रोष के साथ उत्तर दिया। ‘यदि स्वयं …
Read More »महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा – वर्ष 1576 ई० में हल्दी घाटी का विकट युद्ध हुआ। यदि राणा चाहते तो अपने भाले की नोक से बाबर के घर का चिराग गुल कर देते, शहजादा सलीम के हाथी पर चेतक अपने अगले चरण रख चुका था। राजपूतों ने बड़ी वीरता दिखायी, मान का अभिमान विजयी हुआ। …
Read More »बुद्ध के प्रवचन: भगवान बुद्ध से जुड़ी कथाएँ
एक बार बुद्ध एक गांव में अपने किसान भक्त के यहां गए। शाम को किसान ने उनके प्रवचन का आयोजन किया। बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित थे, लेकिन वह भक्त ही कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। गांव के लोगों में कानाफूसी होने लगी कि कैसा भक्त है कि प्रवचन का आयोजन करके स्वयं …
Read More »सिद्धार्थ कुमार: भगवान बुद्ध के बचपन का किस्सा
बुद्ध भगवान का बचपन का नाम सिद्धार्थ कुमार है। महाराज शुद्धोदन ने उनके लिए एक अलग बहुत बड़ा बगीचा लगवा दिया था। उसी बगीचे में वे एक दिन टहल रहे थे। इतने में आकाश से हंस पक्षी चीखता हुआ गिर पड़ा। राजकुमार सिद्धार्थ ने दौड़कर उस पक्षी को लिया। किसी ने हंस को बाण मारा था। वह बाण अब भी …
Read More »