Folktales In Hindi

Folktales In Hindi

भारत की लोकप्रिय लोक कथाएं: जादुई ढोल – आराधना झा

पश्चिम भारत के एक छोटे-से राज्य में, धर्मराज नामक एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा रहता था। उसकी प्रजा के मन में उसके लिए बहुत श्रद्धा और आदर था। राजा धर्मराज बहुत लम्बा, ऊंचा और रूपवान था। उसके सिर के बाल काले और घने थे जिन्हे उसका ख़ास कोई भोलू ही काटता था। भोलू यह काम कई वर्षों से कर रहा …

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वीर राजपूत नारी कृष्णा की लोक कथा

कृष्णा – वीर राजपूत नारी की लोक कथा

मेवाड़ के महाराजा भीमसिंह की पुत्री कृष्णा अत्यन्त सुन्दरी थी। उससे विवाह करने के लिये अनेक वीर राजपूत उत्सुक थे। जयपुर और जोधपुर के नरेशों ने उससे विवाह करने की इच्छा प्रकट की थी। मेवाड़ के महाराणा ने सब बातों को विचार करके जोधपुर नरेश के यहाँ अपनी पुत्री की सगाई भेजी। जब जयपुर के नरेश को इस बात का …

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आज़ादी: शराबी शेर की कहानी

Freedom

एक जंगल में कुछ शिकारी आये। उन्होंने जाल बिछाया और एक शेर को पकड लिया। पिंजरे में शेर को बंध कर वो शहर ले आये, एक वैज्ञानिक ने उस शेर को ऊंचे दाम देकर खरीद लिया। उस वैज्ञानिक का मासूम प्राणियो पर तरह तरह के प्रयोग करना मनपसंद विषय था। इंसानों द्वारा प्रयोग की जाने वाली चीजो का प्राणियो पर …

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घर की मुर्गी दाल बराबर: कहानियां कहावतों की

घर की मुर्गी दाल बराबर – कहानियां कहावतो की

फकीरा बहुत गरीब था। मेहनत मज़दूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। घर में अधिकतर दाल रोटियां ही बनती थी। एकादि बार प्याज की चटनी भी चल जाती थी। फिर शाम को दाल। कभी कभी हरी सब्ज़ी बनती थी। मीट तो बकरीद के समय ही बन पाता था। कभी खरीदकर लाते थे। कभी किसी के यहाँ से आ …

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घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने: कहानियां कहावतों की

घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने-Hindi folktale on proverb No rash at home, went to her cash

एक गरीब परिवार था। उसका खर्चा जैसे ­ तैसे चल रहा था। घर में कभी दाल रोटी कभी सब्ज़ी ­ रोटी। लेकिन महीने में भी कई दिन ऐसे आते थे जब बिना दाल ­सब्ज़ी के गुजरा होता था। कभी प्याज­ नमक से रोटियाँ खाते कभी चटनी के साथ। सभी एकादी आलू बचा लेते तो उसे उबालकर भरता बना लेते। कभी …

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सती सावित्री: सत्यवान और सावित्री की लोक-कथा

नारद ने जब यह कहा की सत्यवान की आयु बस एक वर्ष की है तो सावित्री ने निष्ठा तथा आत्मविस्वास पूर्वक कहा – ‘जो कुछ होने को था सो हो चूका। ह्रदय तो बस एक ही बार चढ़ाया जाता है। जो ह्रदय निर्माल्य हो चूका उसे उसे लौटाया कैसे जाये? सती बस एक ही बार अपना ह्रदय अपने प्राण धन …

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मातृशक्ति – देशभक्ति को प्रेरित करता लेख

मातृशक्ति

प्रात: काल के समय सुंदर-सुंदर चिड़ियाँ चहचहाती हैं। नन्हीं-नन्हीं कलियाँ अपना हास्य मुख खोले हुए अठखेलियाँ करती हैं और छोटे-छोटे बच्चे हँसते-खेलते दिखाई देते हैं। आम की सुपुष्पित डाल में से कोयल के संगीत की मधुर ध्वनी कानों में सुन पड़ती है। विशाल वृक्ष झूम-झूमकर जगदीश को प्रणाम करते जान पड़ते हैं। सम्पूर्ण सृष्टि में नवीन जीवन दिखायी पड़ता है। …

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मुक्ति का उपाय – पौराणिक ज्ञानवर्धक कथा

मुक्ति का उपाय - पौराणिक ज्ञानवर्धक कथा

पुराण भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है। पुराणों में मानव जीवन को ऊँचा उठाने वाली अनेक सरल, सरस, सुन्दर और विचित्र-विचित्र कथाएँ भरी पड़ी हैं। उन कथाओं का तात्पर्य राग-द्वेष रहित होकर अपने कर्तव्य का पालन करने और भगवान को प्राप्त करने में ही है। पद्मपुराण के भूमिखण्ड में ऐसी ही एक कथा आती है। अमरकण्टक तीर्थ में सोम शर्मा …

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वीरमती – वीर मराठा नारी की लोक कथा

वीरमती - वीर मराठा नारी की लोक कथा

देवगिरि नामक एक छोटा – सा राज्य था। चौदहवीं शताब्दी में वहाँ के राजा रामदेव पर अलाउद्दीन ने चढ़ाई की। उसने राजा रामदेव के पास अधीनता स्वीकार करने के लिये संदेस भेजा, किन्तु सच्चे राजपूत पराधीन होने के बदले युद्ध में हँसते – हँसते मर जाना अधिक उत्तम मानते हैं। राजा रामदेव ने अलाउद्दीन को बहुत कड़ा उत्तर दिया। क्रोध …

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आत्मनियंत्रण – जेन गुरु की शिक्षाप्रद कहानी

आत्मनियंत्रण - जेन गुरु की शिक्षाप्रद कहानी

जापान का एक युवा तीरंदाज खुद को दुनिया का सबसे बड़ा धनुर्धर मानने लगा। जहां भी वह जाता लोगों को मुकाबले की चुनौती देता और हराकर उनका खूब मजाक उड़ाता। एक बार उसने एक जेन गुरु बोकोशु को चुनौती दी। गुरु ने पहले तो उसे समझाना चाहा लेकिन जब वह अपने गुमान में अड़ा ही रहा तो बोकोशु ने चुनौती …

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