एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था। वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था। यहां तक कि जो मोक्ष का साधन है अर्थात भगवत-भजन, उसके लिए भी वह समय नहीं निकाल पाता था। एक सुबह राजा वन की तरफ भ्रमण करने के …
Read More »अंदर बाहर – भाग 2
अब तक आपने पढ़ा की एक गाँव मे हुई तेज बारिश से बचने के लिए लोगो ने एक मंदिर का सहारा लिया। एक एक करके लोग बढ़ने लगे। तब सब ने निर्णय लिया की जो बहार है उसे बहार ही रहने दो, सभी के मना करने के बावजूद मुखिया ने एक बूढ़े को मंदिर के अंदर लिया, जब एक दूसरी …
Read More »अंदर बाहर
एक बार एक गाँव में जबरदस्त बारिश हुई, आसपास के सारे झोपडे ओर कई लोग बारिश में बह गये। जो बचे थे उन्होने अपनी जान बचाने के लिए गाँव के एक उंचे टिल्लेपे आए मंदिर में सहारा लीया। मंदिर उचाई पर था सो उसे बारिश के बहते पानी से कम नुकसान हो रहा था, गाँव वाले वहा सही सलामत थे, …
Read More »बच गया रे… बच गया…
गाँव में झलूस था! सीमा पार के उस कुए पर हर साल की तरह इस साल भी मुर्गो कि बली दि जा रही थी। पंडित जी जोरो शोरो से मंत्र तंत्र पढ रहे थे, गाँव का उस्तव संपन्न हुआ ओर सभी अपने अपने घर लोटने लगे। रास्ते में छोटे सागर ने अपने पिताजी मनोहर का हाथ थाम और पुछा “पिताजी …
Read More »कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर – कहानियां कहावतो की
कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर – कहानियां कहावतो की एक दिन एक आदमी अपने लड़के के साथ बाज़ार जा रहा था। बाज़ार पहुंचकर उसने कुछ सामान खरीदा। सामान लेकर बाप-बेटे, दोनों बातें करते चले आ रहे थे। सामने से एक बैलगाड़ी आ रही थी। जब पास आ गयी, तो बाप-बेटे से बोला, “देखो बेटे, गाड़ी नाव पर जा …
Read More »बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी – कहानियां कहावतो की
बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी – कहानियां कहावतो की एक परिवार में दो छोटे बच्चे थे। तीन वर्ष और पांच वर्ष के। एक दिन बच्चों के दादा एक बकरी खरीद कर लाये। पहले तो बच्चे बकरी से दूर-दूर रहते थे। जब वह सींग मारने को गर्दन टेढ़ी करती, तो बच्चे भाग खड़े होते। कुछ दिन बाद इस बकरी …
Read More »काम करे तो क़ाज़ी, ना करे तो पाजी – कहानियां कहावतो की
काम करे तो क़ाज़ी, ना करे तो पाजी – कहानियां कहावतो की एक गाँव में एक क़ाज़ी था। वह अपने न्याय के लिए बहुत प्रसिद्ध था। उसकी ईमानदारी देखते हुए गाँव वाले ही नहीं बल्कि आस पास गाँव के लोग भी उसका सम्मान करते थे। गाँव के पांच और ज़मींदार भी उसके आदर में कमी नहीं रखते थे। यानी के अमीर …
Read More »अफसोस
प्रीति ओर मनोहर अपने जीवन से काफी संतुष्ठ थे। दो बेटिया मालती ओर लता ओर उसके 10 साल के लंबे इंतजार के बाद ओर कुछ प्रयत्नों के बाद जन्मा उनका प्यारा अभिजीत! बड़े लाड प्यार से उन्होंने अपने बेटे अभिजीत को बड़ा किया था। अच्छी स्कूल मे उसे पढ़ाया पेट काट-काट कर अपनी हैसियत से भी ऊंचे कॉलेज मे अभिजीत …
Read More »ख़ुशी की खोज
अंजन मुनि अपने आश्रम में अनेक शिष्यों को शिक्षा देते थे। एक दिन वह अपने शिष्यों से बोले, “आज मैं तुम्हें बताऊंगा कि खुशी आसानी से किस तरह मिल सकती है?” सभी शिष्य बोले, “गुरुजी, जल्दी बताइए।” मुनि शिष्यों को एक कमरे में ले गए। वहां ढेर सारी एक जैसी पतंगें रखी हुई थीं। मुनि शिष्यों से बोले, “इन पतंगों …
Read More »चमत्कार ऐसे नहीं होते
अंकुर सुबह से रो रहा था। उसका प्यारा काले रंग का मेंमना चम्पू सुबह से गायब था। पहले लगा वो यहा वहा कही चारा खाने गया होगा। पर दोपहर तक जब वो लोटा नही तब सभी चिंतत हो गए। वेसे मेमने का गायब होना कोई नई बात नही थी! आये दिन भेड बकरे उनके गाव से गायब होते रहते। पर …
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