Folktales For Kids

अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे Folktale on Hindi Proverb

अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे – Folktale on Hindi Proverb

अनाज तथा अन्य सामान की ढुलाई बैलजाड़ियां, घोड़ों, ऊंटों आदि से होती थी। सामान को लाने – ले – जाने के यही साधन थे। एक आदमी ऊंट से सामान लाने – ले – जाने का काम करता था। कभी वह खलिहानों से अनाज बाज़ार में ले जाता था। कभी सामान को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाता था। …

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ऊंट की चोरी निहुरे – निहुरे Folktale on Hindi Proverb

ऊंट की चोरी निहुरे - निहुरे - Folktale on Hindi Proverb

एक चोर था। वह जानवरों की चोरी किया करता था। कभी कहीं से गाय चुरा लेता था। कहीं से बैल चुरा लेता था। चोरी किए गए चौपायों को वह बहुत दूर जाकर बेच आता था। कभी – कभी वह जानवरों के मेलों में बेच आता था। कई बार वह पकड़ा भी गया था। खूब पीटा भी था। कभी – कभी वह …

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बिटौरे से तो उपले ही निकलेंगे Folktale on Hindi Proverb

बिटौरे से तो उपले ही निकलेंगे-Folktale on Hindi Proverb

एक अहींरो का गाँव था। उसमे एक युवक था। उसकी चोरी करने की आदत छुटपन से ही पड़ गई थी। वैसे तो इस प्रवृत्ति के दो – चार व्यक्ति और भी थे इस गांव मेँ। उससे पूरा परिवार दुखी रहता था। चोरी – चकारी मे जब उसका नाम आता था, परिवार के लोगो की निगाहें नीची हो जाती थी। बड़ी …

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कभी घी भर घना, कभी मुट्ठी भर चना Folktale on Hindi Proverb

कभी घी भर घना, कभी मुट्ठी भर चना-Folktale on Hindi Proverb

एक संपन्न परिवार था। उसके यहाँ खेतीवाड़ी का काम होता था। घर मेँ गांय – भैंसे थी। फसल खूब होती थी। घर मेँ सब तरह का सामान बना रहता था। रिश्तेदारोँ की आव – भगत भी अच्छी होती थी। तीज – त्योहार के दिन पूरी पकवान बनते थे। कहने का मतलब किसी तरह की कोई कमी न थी। गाय – …

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हंडिया मेँ एक चावल देखा जाता है Folktale on Hindi Proverb

हंडिया मेँ एक चावल देखा जाता है-Folktale on Hindi Proverb

एक परिवार था। उस परिवार मेँ रोज रोटियां ही बनती थी। रोटी ओ के साथ के लिए कभी सब्जी बनती थी कभी दाल। लेकिन दो – चार दिन बाद एक समय चावल भी बन जाते थे। चावल अधिकतर दाल के साथ या कढ़ी के साथ खाए जाते। उस परिवार मेँ एक लड़की भी थी। जब उसकी दादी चावल पकाती तो …

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एक से भले दो Hindi Folktale on Proverb Two Heads Are Better Than One

एक से भले दो-Hindi Folktale on Proverb Two Heads Are Better Than One

एक परिवार था। उस परिवार में बूढी माँ और एक उसका लड़का। एक लड़की भी थी जो ससुराल में थी। बूढी माँ जीवों से बहुत प्यार करती थी। जब लड़का काम पर करता था, तो माँ अकेली रह जाती थी। उस समय बुढ़िया कुत्ता, तोता और नेवला से मन लगाए रखती थी। उसका लड़का भी इनसे बहुत प्यार करता था। …

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कंगाली में आटा गिला Folktale on Hindi Proverb

कंगाली में आटा गिला–Folktale on Hindi Proverb

एक मजदूर परिवार था। उस परिवार में किसी – न – किसी चीज का अभाव हमेशा बना रहता था। परिवार मेँ किसी बच्चे के पास पूरे कपड़े नहीँ होते थे। घर की रुखी – सूखी रोटी के अलावा बाहर की चीजें कम खा पाते थे। सर्दियाँ भी बिना गर्म कपड़ों के गुजर जाती थी। कभी भरपेट खाते तो कभी आधा …

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अल्लाह का घर सब जगह है Hindi Folktale on Proverb ‘God Is Everywhere’

अल्लाह का घर सब जगह है-Hindi Folktale on Proverb God Is Everywhere

गुरु नानक के अधिकांश जीवन भ्रमण मेँ बिताया। वे देश के विभिन्न स्थानोँ पर घूमते रहे, गुरु महिमा का प्रचार करते रहे। समाज मेँ जागरुकता फैलाते रहे। कुरीतियाँ का हमेशा विरोध करते रहे। जहाँ – जहाँ वे जाते थे, उनकी वाणी सुनने के लिए भी भीड़ उमड़ पड़ती थी। एक बार वे घूमते – घूमते मक्का मदीना जा पहुंचे। वे …

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पछतावा – दिल को छू लेने वाली कहानी

पछतावा - दिल को छू लेने वाली कहानी

एक मेहनती और ईमानदार नौजवान बहुत पैसे कमाना चाहता था क्योंकि वह गरीब था और बदहाली में जी रहा था। उसका सपना था कि वह मेहनत करके खूब पैसे कमाये और एक दिन अपने पैसे से एक कार खरीदे। जब भी वह कोई कार देखता तो उसे अपनी कार खरीदने का मन करता। कुछ साल बाद उसकी अच्छी नौकरी लग …

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जल में रह कर मगर से बैर – कहानियां कहावतो की

जल में रह कर मगर से बैर – कहानियां कहावतो की

एक नदी थी। उसमे तमाम मछलियाँ रहती थीं। आस-पास गाओं के लड़के नदी के किनारे-किनारे चलते थे और किनारे से तैरती मछलियों के बच्चो को देखते थे। उन्हें पकड़ने की कोशिश भी करते थे। लेकिन मछलियों के बच्चे लड़कों के हाथ नहीं आते थीं। कभी कभी किनारे पर कछुए भी देखने को मिल जाते थे। उसी नदी में एक मगर …

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