एक बालक को किसी अपराध में कैद की सज़ा हो गयी थी। एक बार अवसर पाकर वह जेल से भाग निकला। बड़ी भूख लगी थी, इसीलिये समीप के गाँव में उसने एक झोपडी में जाकर कुछ खाने को माँगा। झोपडी में एक अत्यन्त गरीब किसान परिवार रहता था। किसान ने कहा – “भैया! हम लोगो के पास कुछ भी नही …
Read More »रेलगाड़ी को बचाने में प्राण देने वाला बालक Bravery story in Hindi
एक आदमी रेलवे में नदी के ऊपर पुल के चौकीदार का काम करता था। उसका एक चौदह लड़का भी उसी के साथ रहता था। एक दिन बड़ा तूफान आया और उसके साथ जोर का पानी। रात की गाड़ी आने के पहले पिता पुल देखने के लिए गया और लड़का घर में रहा। उसके थोड़ी देर बाद नदी में बाढ़ आयी …
Read More »आप हाथी नहीं इंसान हैं
एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया। उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे इस बात का बड़ा अचरज हुआ की हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं! ये …
Read More »ऊँची उड़ान
गिद्धों का एक झुण्ड खाने की तलाश में भटक रहा था। उड़ते – उड़ते वे एक टापू पर पहुँच गए। वो जगह उनके लिए स्वर्ग के समान थी। हर तरफ खाने के लिए मेंढक, मछलियाँ और समुद्री जीव मौजूद थे और इससे भी बड़ी बात ये थी कि वहां इन गिद्धों का शिकार करने वाला कोई जंगली जानवर नहीं था और …
Read More »संकट ग्रस्त जहाज को बचानेवाला दयालु बालक
कई वर्ष हुए, जाड़े के दिनों में समुंद्र के किनारे एक गाँव में शोर हुआ कि ‘एक जहाज थोड़ी दूर पर कीचड़ मे फँस गया है और उस पर बैठे हुए लोग बड़े संकट में हैं।’ इस बात को सुनते ही चारों ओर से लोग एकत्र होने लगे और चिन्ता करने लगे। उस समय वहाँ एक भी नाव न थी, …
Read More »अनाथ बालक की दयालुता
एक बड़े देश की रानी को बच्चों पर बड़ा प्रेम था। वह अनाथ बालकों को अपने खर्च से पालती-पोसती। उसने यह आदेश दे रखा था कि ‘कोई भी अनाथ बालक मिले, उसे तुरंत मेरे पास पहुँचाया जाय।’ एक दिन सिपहियों को रास्ते में एक छोटा बच्चा मिला। उन्होंने उसे लाकर रानी के हाथों में सौप दिया। रानी सहज स्नेह से …
Read More »इब्राहिम लिंकन की दयालुता
एक दिन इब्राहिम लिकंन अपने मित्रों के साथ शाम को टहलकर घर लोट रहे थे। उन्होंने देखा की सामने से एक घोड़ा आ रहा था। घोड़े की पीठ पर जीन कसी थी, लेकिन सवार उस पर नहीं था। घोड़े को देखते ही इब्रहिम ने कहा – ‘यह किसका घोडा है, इसका सवार कहा गया?’ मित्रों ने कहा – ‘किसी शराबी …
Read More »दयालु मूलराज
लगभग नौ सौ वर्ष पहले की है, राजा भीमदेव गुजरात में राज्य करते थे। उनके एक लड़का था। नाम था मूलराज। लड़का होनहार था और था बड़ा दयालु। एक साल गुजरात में बरसात नही हुई। खेत सुख गये। एक गाँव के लोग राजा को लगान नही दे सकते। राजा के सिपहियों ने गाँव में जाकर उन लोगोके घरो में जो …
Read More »शतमन्यु – दयालु और परोपकारी बालक
सत्युग की बात है। एक बार देश में दुर्भिक्ष पड़ा। वर्षा के अभाव से अन्न नही हुआ। पशुओ के लिए चारा नही रहा। दूसरे वर्ष भी वर्षा नही हुई। विपत्ति बढ़ती गयी। नदी-तालाब सूख चले। मार्तण्ड की प्रचण्ड किरणों से धरती रसहीन हो गयी। तृण भस्म हो गए। वृक्ष निष्प्राण हो चले मनुष्यों और पशुओं में हाहाकार मच गया। दुर्भिक्ष …
Read More »अनमोल
राजा महेन्द्रनाथ हर वर्ष अपने राज्य में एक प्रतियोगिता का आयोजन करते थे, जिसमें हजारों की संख्या में प्रतियोगी भाग लिया करते थे और विजेता को पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता है। एक दिन राजा ने सोचा कि प्रजा की सेवा को बढ़ाने के लिए उन्हें एक राजपुरूष की आवश्यकता है जो बुद्धिमान हो और समाज के कार्य में अपना …
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