History For Kids

तुंगुस्का घटना: वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे 30 जून

तुंगुस्का घटना: वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे 30 जून

‘वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे (International Asteroid Day)’ यानी ‘विश्व उल्कार्पिड दिवस‘ प्रतिवर्ष 30 जून को मनाया जाता है, जो 1908 में ‘तुंगुस्का घटना‘ की सालगिरह है जब उल्कापिड विस्फोट से पूरा जंगल नष्ट हो गया था। यह घटना 75 वर्ष पुरानी है जब 30 जून, 1908 को रूस के साइबेरिया इलाके में एक बहुत ही भयानक विस्फोट हुआ। पोडकामेन्नया (Poddkamenna) तुंगुस्का …

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बुरुंगा नरसंहार: कट्टर इस्लामवादी पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा

बुरुंगा नरसंहार: कट्टर इस्लामवादी पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा

बुरुंगा नरसंहार: सन् 1971 में भारतीय सेना के पराक्रम का ही नतीजा था कि दुनिया में नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ। स्वराज्य के लिए वहाँ के लोगों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम छेड़ा। इस आंदोलन को दबाने के लिए पाकिस्तान की क्रूर सेना ने जुल्म और ज्यादती की हदें पार कर दीं। इस मुक्ति संग्राम में स्थानीय हिंदू बढ़-चढ़कर हिस्सा …

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गणतंत्र दिवस का इतिहास

गणतंत्र दिवस का इतिहास

गणतंत्र दिवस का इतिहास: कुछ ही दिनों में सारा देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने वाला है। हर वर्ष की तरह इस बार भी इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तककर्त्तव्य पथ से होकर भव्य परेड निकाली जाएगी जिसकी सलामी देश के राष्ट्रपति लेंगे। परेड में भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना आदि कौ विभिन्न रेजिमेंट हिस्सा लेती हैं। इस दिन …

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Other side of Subhash Chandra Bose

Other side of Subhash Chandra Bose

Other side of Subhash Chandra Bose: One hundred and nineteen years ago, on January 23, was born one of India‘s most iconic political figures – Subhas Chandra Bose. Forty four years later, in 1941, he left the country never to return, dying in a controversial aircrash on August 18, 1945. Many enquiries later, and with ample historical evidence available, the …

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Netaji Subhas Chandra Bose: Impossible man

Netaji Subhas Chandra Bose: Impossible man

Netaji Subhas Impossible man: Why Netaji Subhas Chandra Bose cannot be appropriated by any party and what Indians can learn from him It is perhaps fitting that Netaji’s death remains a mystery. For no definitive death could have done justice to the life that he lived. That of the impossible man Netaji Subhas Impossible man: Let us start with an …

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पिंगली वेंकैया: राष्ट्रध्वज तिरंगे के शिल्पकार

पिंगली वेंकैया: राष्ट्रध्वज तिरंगे के शिल्पकार

जिन्होंने डिजाइन किया भारत का राष्ट्रध्वज, गरीबी में हुई उनकी मौत: नेहरू के भारत में झोपड़ी में रहने को थे मजबूर, बेटे ने इलाज बिना तोड़ा दम उन्होंने ‘A National Flag for India‘ नामक पुस्तिका में भारत के राष्ट्रीय ध्वज के लिए 30 डिजाइंस सुझाए। 1909 से 1921 तक कॉन्ग्रेस के विभिन्न सत्रों में वो इस मुद्दे को उठाते रहे। …

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Maharaja Duleep Singh: Last king of Sikh empire

Maharaja Duleep Singh: Last king of Sikh empire

Read how Maharaja Duleep Singh – son of Maharaja Ranjit Singh, last king of Sikh empire, was converted to Christianity and ‘lost’ the Kohinoor to British It is believed that when Duleep Singh surrendered the Sikh empire to the British, he also surrendered the Kohinoor diamond. However, the reality was far from what people believed. The diamond was taken away …

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लाइफ ऑफ़ बैरिस्टर वीर विनायक दामोदर सावरकर

लाइफ ऑफ़ बैरिस्टर वीर विनायक दामोदर सावरकर

लाइफ ऑफ़ बैरिस्टर सावरकर: भारत माता के सर्वोत्तम पुत्रो में से एक वीर विनायक दामोदर सावरकर जी का जन्म दिवस (28 May, 1883 – 26 February, 1966) था, जिनको आज लोग, ‘वीर सावरकर’ के नाम से उद्बोधित करते है। सावरकर जी उन स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों में से है, जिनके योगदान को, कांग्रेस की सरकारों और वामपंथी इतिहासकारो द्वारा स्वतंत्रता …

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ताजमहल: जानिए कब और कैसे बना Taj Mahal

ताजमहल: जानिए कब और कैसे बना

’18 साल का वैवाहिक जीवन, 14 बच्चे, 15वें प्रसव के दौरान 37 की उम्र में मुमताज की मौत’: जानिए कब और कैसे बना ताजमहल 10 सालों तक शाहजहाँ, मुमताज की हड्डियों अथवा कंकाल को लेकर ही यहाँ से वहाँ घूमता रहा होगा। मुमताज की कब्र है कहाँ इसको लेकर पुख्ता जानकारी खुद पुरातत्व विभाग के पास ही नहीं है। देश …

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महात्मा गाँधी का अंतिम अनशन: क्या थी उनकी माँगें

महात्मा गाँधी का अंतिम अनशन: क्या थी उनकी माँगें

Pak को दिला दिए 55 करोड़ रुपए, शरणार्थी हिन्दुओं / सिखों को भरी ठंड में मस्जिदों से निकाल सड़क पर ला दिया: गाँधी का अंतिम अनशन महात्मा गाँधी की अन्य माँगें थीं – पुरानी दिल्ली में मुस्लिमों को स्वतंत्र रूप से घूमने-फिरने की व्यवस्था की जाए, पाकिस्तान से लौटने वाले मुस्लिमों को लेकर गैर-मुस्लिम कोई आपत्ति न जताएँ, रेलगाड़ियों में …

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