मैं एक हाशिया हूँ मुझे छोड़ा गया है शायद कभी ना भरने के लिए मेरे बाद बहुत कुछ लिखा जायेगा मुझसे पहले कुछ नहीं मैं उनके लिए अस्तित्वहीन हूँ जिनका अस्तित्व मुझसे है मैं एक हाशिया हूँ मुझे छोड़ा गया है सुन्दर दिखने के लिए मुझे छोड़ लिखे जाते हैं बड़े-बड़े विचार मुझपर विचार करने की फुर्सत कहाँ ? मैं …
Read More »दर्द माँ-बाप का – शिल्पी गोयल
वे बच्चे जो करते हैं माँ-बाप का तिरस्कार, अक्ल आती है उन्हें जब पड़ती है बुरे वक़्त की मार। क्या करे दुनिया ही ऐसी है, बेटे तो बेटे बेटियां भी ऐसी हैं। माँ-बाप का खून करते हैं बच्चे, जब बारी आती है अपनी तो रो पड़ते हैं बेचारे बच्चे। माँ-बाप के सहारे जीते थे कभी बच्चे, अब बच्चों के सहारे …
Read More »Chook Chook Chook – Sanjay Ahluwalia
Chook, chook, chook, chook, chook. Good Morning! Mrs. Hen. How many chicks have you got? Madam, I’ve got ten. Four of them are yellow; And four of them are brown; And two of them are speckled red, The nicest in town. ∼ Sanjay Ahluwalia
Read More »Churmura, Churmura – Sanjay Ahluwalia
Churmura, Churmura, Churmura. Yeah, yeah, Churmura. My Papa gave me a Rupee, To buy one toffee. But I want Churmura. Churmura, Churmura, Churmura. Yeah, yeah, Churmura. My Papa gave me a Dollar, To buy one roller. But I want Churmura. Churmura, Churmura, Churmura. Yeah, yeah, Churmura. My Papa gave me a Yen, To buy one pen. But I want Churmura. …
Read More »बस्ता – महजबीं
हे भगवान मेरा यह बस्ता, करता है मेरा हाल खस्ता। कवा दो इसका भार कम, निकल ना जाए मेरा दम। कब चलेगा ऐसे काम, जीना हुआ मेरा हराम। जो छीने मेरा आराम हे भगवान निकालो कोई रास्ता, तुझे हमारे बचपन का वास्ता। ∼ महजबीं
Read More »डाल पर बन्दर
बैठा था एक डाल पर बन्दर भीग रहा पानी के अंदर। थर-थर थर-थर काँप रहा था, ऑछी-ऑछी रहा था। चिड़िया बोली बन्दर मामा, कहा नहीं क्यों तुमने माना ? ऑछी-ऑछी छींक रहे हो सुन मामा को गुस्सा आया, चिड़िया का घर तोड़ गिराया। चूँ-चूँ चूँ-चूँ चिड़िया रोई, बैठ डाल पर वो भी सोई।
Read More »धोबी आया
धोबी आया, धोबी आया, कपड़े गिन, कपड़े गिन। कितने कपड़े लाया, कितने कपड़े लाया? एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, दस और बस।
Read More »डाकिया आया
देखो एक डाकिया आया, थैला एक हाथ में लाया। पहने है वह खाकी कपड़े, कई चिट्ठियां हाथ में पकड़े। चिट्ठी में संदेशा आया, शादी में है हमें बुलाया। शादी में सब जाएंगे, खूब मिठाई खाएंगे।
Read More »भारत की शान
झंडा है भारत की शान, झंडा है वीरों की आन। इसको हैं हम शीश झुकाते, जन-गण-मन का गीत हैं गाते।
Read More »बादल – नेक राम अहिलवर
काले-काले उमड़कर बादल, लाए पानी भरकर बादल। बादलों ने जब डाला डेरा, छाया आकाश में घोर अंधेरा। दूर से आया चलकर बादल, लाया पानी भरकर बादल॥ बच्चा बूढा नहीं कोई उदास, बुझेगी तपती धरती की प्यास। नहीं भागेगा डर के बादल, लाया पानी भरकर बादल॥ धरा से लेकर पर्वत की चोटी, गिरी उन पर बूंदे मोटी-मोटी। बरसेगा आज जमकर बादल, …
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