राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो, सभी प्यार से कहते बापू। तुमने हम सबको मार्ग दिखाया, सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया। हम सब तेरी संतानें हैं, तुम हो हमारे प्यारे बापू। सीधा – सादा वेश तुम्हारा, नहीं कोई अभिमान। खादी की एक धोती पहने, वाह रे बापू तेरी शान। एक लाठी के दम पर तुमने, अंग्रेजों की जड़ें हिलाई। भारत माँ को आज़ाद कराया, …
Read More »रेलगाड़ी रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक – हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय
आओ बच्चों रेल दिखायें छुक छुक करती रेल चलायें सीटी देकर सीट पे बैठो एक दूजे की पीठ पे बैठो आगे पीछे, पीछे आगे लाइन से लेकिन कोई न भागे सारे सीधी लाइन में चलना आंखे दोनों नीची रखना बंद आंखों से देखा जाए आंख खुली तो कुछ न पाए आओ बच्चों रेल चलायें सुनो रे बच्चों, टिकट कटाओ तुम …
Read More »प्यारे बच्चे – गोविन्द भारद्वाज
नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे, एक जैसे हैं सारे बच्चे। मुखड़े-सबके हैं भोले-भाले, देश के बच्चे बड़े मतवाले। न्यारे जग में प्यारे बच्चे, नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥ पौधे हैं ये फुलवारी के, रंग-बिरंगी सब क्यारी के। आँखों के सब तारे बच्चे, नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥ एक राह के ये सब राही, भारत वतन के हैं सिपाही। सुन्दर हैं इकसारे बच्चे, नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे॥ ∼ …
Read More »श्री सरस्वती स्तोत्रम्
या कुन्देन्दुतुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वंदिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥ शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमा माद्या जगद्व्यापिनीं वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां वंदे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥2॥ वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन मां सरस्वती का पूजन-अर्चन करने के साथ-साथ श्री सरस्वती …
Read More »श्री सरस्वती चालीसा
॥दोहा॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥ जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥ रूप चतुर्भुज धारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥ जग में …
Read More »पानी बरसा छम छम छम
पानी बरसा, छम छम छम, छाता लेकर, निकले हम। पैर फिसल गया, गिर गए हम, नीचे छाता, ऊपर हम।
Read More »नया साल मुबारक – घनश्याम दास आहूजा
मेरे दोस्तों मेरे अज़ीज़ों तुमको, ये नया साल मुबारक। बीते वर्ष को छोड़ो यारों, आया है नया काल मुबारक। खुशी के इस अवसर पर वाद्ययंत्रों की, मधुर ताल मुबारक। खिंच कर चले आए परिवार छोड़, परदेस ने बुना वो जाल मुबारक। उठो भई रिंग करो घर पे लेन-देन हो, खुशियों का अहवाल मुबारक। रानी बिटिया राजा बेटे के थपथपाओ, प्यार …
Read More »नए वर्ष में नयी पहल हो – सजीवन मयंक
नए वर्ष में नई पहल हो। कठिन ज़िंदगी और सरल हो॥ अनसुलझी जो रही पहेली। अब शायद उसका भी हल हो॥ जो चलता है वक्त देखकर। आगे जाकर वही सफल हो॥ नए वर्ष का उगता सूरज। सबके लिए सुनहरा पल हो॥ समय हमारा साथ सदा दे। कुछ ऐसी आगे हलचल हो॥ सुख के चौक पुरें हर द्वारे। सुखमय आँगन का …
Read More »नए वर्ष पर – देवराज
नए वर्ष की पहली रात में तुमने अपनी डायरी में मेरे लिए शुभकामनाएँ लिखीं: कि मुझे दुनिया में वह सब मिले जो अभीष्ट और काम्य है सब तरह का सुख, लंबी उम्र देश-विदेश में नाम और ख्याति यानि विस्तृत विशाल सर्जन कर्म। मैं तुम्हारी शुभकामनाओं के लिए हृदय से कृतज्ञ हूँ लेकिन मेरे दूरवासी दोस्त तुम एक चीज़ की कामना करना भूल …
Read More »नया वर्ष मंगलमय सबको – डॉ. यशोधरा राठौर
नया वर्ष मंगलमय सबको नई किरण-सा हो यह वर्ष ऋद्धि-सिद्धि दे हमें गणपति भैरवी दे नूतन उत्कर्ष नए वर्ष का नया सुमन मुसकाए सबके जीवन में भरी रहे माता की गोदी खिले सभी का भाग्य सुमन वनिता का सिंदूर अमर हो पुलकित हो जन-जन का मन जुड़ा रहे भाई भाई से नहीं किसी में हो अनबन ∼ डॉ. यशोधरा राठौर
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