Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

जो तुम आ जाते एक बार – महादेवी वर्मा

जो तुम आ जाते एक बार। कितनी करूणा कितने संदेश, पथ में बिछ जाते बन पराग, गाता प्राणों का तार तार, अनुराग भरा उन्माद राग, आँसू लेते वे पथ पखार। जो तुम आ जाते एक बार। हँस उठते पल में आर्द्र नयन, धुल जाता होठों से विषाद, छा जाता जीवन में बसंत, लुट जाता चिर संचित विराग, आँखें देतीं सर्वस्व …

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प्रिय कैसे, फिर तुम्हें मनाऊँ – सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा

ह्रदय ने हर छण पीर सही है श्वासों की तुम संग प्रीत लगी है तुमको लेकर बात बढ़ी है तुम बिन चॆन कहां से पाऊँ प्रिय कैसे, फिर तुम्हें मनाऊँ। चितवन ऐसी खिली कली सी स्वर लहरी है जल – तरंग सी नयनों की झपकी, साझं ढली सी बिछड़ा सावन कहाँ से लाऊँ प्रिय कैसे, फिर तुम्हें मनाऊँ। नेह मधुर …

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पहला नशा, पहला खुमार – मजरूह सुल्तानपुरी

चाहे तुम कुछ ना कहो, मैने सुन लिया के साथी प्यार का मुझे चुन लिया, चुन लिया, मैने सुन लिया पहला नशा, पहला खुमार नया प्यार है, नया इंतज़ार कर लू मैं क्या अपना हाल, ऐ दिल-ए-बेकरार, मेरे दिल-ए-बेकरार, तू ही बता उड़ता ही फिरूँ इन हवाओं में कहीं या मैं झूल जाऊँ इन घटाओं में कहीं एक कर दूँ …

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चलो हम दोनों चलें वहां – नरेंद्र शर्मा

भरे जंगल के बीचो बीच, न कोई आया गया जहां, चलो हम दोनों चलें वहां। जहां दिन भर महुआ पर झूल, रात को चू पड़ते हैं फूल, बांस के झुरमुट में चुपचाप, जहां सोये नदियों के कूल; हरे जंगल के बीचो बीच, न कोई आया गया जहां, चलो हम दोनों चलें वहां। विहंग मृग का ही जहां निवास, जहां अपने …

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बबम बम बबम बम बम लहरी – कैलाश खेर

Haath jod ke bolee kawarja – (2) tino lok basaaye bastee me – (2) aap base viraane me ji, aafate viraane me ajee raam bhajo jee, raam bhajo jee raam bhajo jee, raam bhajo jee shiv ka vandan kiya karo ajee shiv ka vandan kiya karo jee bagad bam, babam bam babam bam bamleharee – (4) Meree ek suno antaryaamee, …

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चाँद – गोविन्द भारद्वाज

लहर – लहर लहराया चाँद, आसमान पर आया चाँद। सजी सितारों की बारात, मन ही मन मुस्काया चाँद। नही धरती शबनम में , और देख इतराया चाँद। सुनकर नगमा चांदनी का, आज फिर गुनगुनाया चाँद। इस जगमगाती दुनिया में, परी लोक से आया चाँद। ∼ गोविन्द भारद्वाज

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साल मुबारक – हरिहर झा

यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो पल दो पल खुशी में जी लेने दो तुम सच कहते हो कल किसी आतंकवादी बम से आसमान फट पड़ेगा तो मेरी फटी कमीज़ के तार-तार से आसमाँ को भी सी दूँगा पर आज मेरे दिल की नसें मत चिरने दो यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो माना कल सार्स के कीटाणु …

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उड़ी पतंग – डॉ. मोहम्मद साजिद खान

आसमान का मौसम बदला, बिखर गई चहुँओर पतंग। इंद्रधनुष जैसी सतरंगी, नील गगन की मोर पतंग॥ मुक्त भाव से उड़ती ऊपर, लगती है चितचोर पतंग। बाग तोड़कर, नील गगन में, करती है घुड़दौड़ पतंग॥ पटियल, मंगियल और तिरंगा, चप, लट्‍ठा, त्रिकोण पतंग। दुबली-पतली सी काया पर, लेती सबसे होड़ पतंग॥ कटी डोर, उड़ चली गगन में, बंधन सारे तोड़ पतंग। …

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ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है – इन्दीवर

कु — सूरज कब दूर गगन से चंदा कब दूर किरन से ख़ुश्बू कब दूर पवन से कब दूर बहार चमन से अ — ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है जनमों का संगम है उ — ये बन्धन तो… अ — सूरज कब दूर… उ — ख़ुश्बू कब दूर… अ — ये बन्धन तो… अ — तुम ही मेरे …

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काली आरती – जय काली माता

काली आरती - जय काली माता

अंबे तू हे जगद अंबे काली जय दुर्गे गब्बर वाली तेरे ही गुन गाये भारती ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती उतारे तेरी आरती महाकाली तेरी आरती तेरे भक्तजनों पर माता घिर पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पडो माँ कर के सिंह सवारी सो सो सिंहो से है बलसाली है दस भुजा वाली दुखियों के दुःख निवारती …

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