Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा हो: लोहड़ी लोक गीत

Lohri Folk Song सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा हो

सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा होदुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले ती विआई हो,शेर शकर पाई हो, कुड़ी दे जेबे पाई हो,कुड़ी कौन समेटे हो, चाचा गाली देसे होचाचे चुरी कुटी हो, जिम्मीदारा लूटी हो,जिम्मीदार सुधाये हो, कुड़ी डा लाल दुपटा हो,कुड़ी डा सालू पाटा हो, सालू कौन समेटे हो,आखो मुंडियों ताना ‘ताना’, बाग़ तमाशे जाना ‘ताना’,बागों मनु कोडी लबी …

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हुल्ले नी माइ हुल्ले दो बेरी पत्ता झुल्ले: लोहड़ी लोक गीत

Lohri Folk Song हुल्ले नी माइ हुल्ले दो बेरी पत्ता झुल्ले

Lohri is a popular winter time Punjabi folk festival, celebrated primarily by Sikhs and Hindus from the Punjab region in the northern part of Indian subcontinent. The significance and legends about the Lohri festival are many and these link the festival to the Punjab region. Many people believe the festival commemorates the passing of the winter solstice. Lohri marks the …

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भारत के त्यौहार Hindi Poem on Indian Festivals

Hindi Poem on Indian Festivals भारत के त्यौहार

भारत के त्यौहार: भारत त्यौहारों की भूमि है। भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही उत्सव और त्यौहारों की परम्परा रही हैं। इसमें विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते है और इस प्रकार यहाँ कई धार्मिक त्यौहार मनाये जाते हैं। उत्सव धर्म का एक अभिन्न अंग हैं। भारत में तीन राष्ट्रीय त्यौहार भी मनाए जाते है। उत्सव के मौसम के …

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मकई दा दाना, आना ले के जाना: लोहड़ी लोक गीत

Lohri Folk Song मकई दा दाना, आना ले के जाना

मकई दा दाना, आना ले के जाना “Mukai da dana, Aana lei ke janahulle hulareasi ganga chalesas sora chalejeth jathani chaledyor darani chalepairi shaunkan chalihulle hulareasi ganga pohnchesas sora pohnchejeth jathani pohnchedyor darani pohnchepairi shaunkan pohnchihulle hulareasi ganga nahte shava or hullejeth jathani nahtedyor darani nahtepairi shaunkan nahtiihulle hulareshaunkan paili paurishaunkan duji paurishaunkan tiji paurimaiti dhakka dittashaukan vichhe rud gayihulle …

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लो आ गयी लोहड़ी वे: जावेद अख्तर

लो आ गयी लोहड़ी वे - जावेद अख्तर

लो आ गयी लोहड़ी वे,बना लौ जोड़ी वे,कलाई कोई यू थामो, ना जावे छोड़ी वे,ना जावे छोड़ी वेछूठ ना बोली वे,कुफर ना टोली वे,जो तुने खायी थी कसमे, इक इक तोड़ी वे,इक इक तोड़ी वेलो आ गयी लोहड़ी वे,बना लो जोड़ी वे…तेरे कुर्बान जावा, तेरी मर्ज़ी जान जावा,तोह हर बात मान जावा, तेरी सोनिये…ओय-ओय-ओय तेरे कुर्बान जावातेनु मै जान-दिया, खूब …

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स्वामी विवेकानंद के भाषण पर प्रेरणादायक कविता

स्वामी विवेकानंद के भाषण पर प्रेरणादायक कविता

शिकागो धर्म सम्मेलन, 1893 में दिया गया भाषण स्वामी विवेकानंद पर कविता अमरीकी भाई बहनो कह, शुरू किये जब उद्बोधन। धर्म सभा स्तब्ध हुई थी, सुनकर उनका सम्बोधन॥आया उस प्राचीन देश से, जो संतो की है नगरी। पाया हूँ सम्मान यहाँ जो, भरी हर्ष से मन गगरी॥मेरा है वो धर्म जिसे सब, कहते धर्मो की माता। धरा गगन में होने वाली, हर हलचल …

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स्वामी विवेकानंद जी की कविता: सागर के वक्ष पर

युवा दिवस: स्वामी विवेकानंद जयंती पर जानकारी

सागर के वक्ष पर: स्वामी विवेकानंद जी नील आकाश में बहते हैं मेघदल,श्वेत कृष्ण बहुरंग,तारतम्य उनमें तारल्य का दीखता,पीत भानु-मांगता है विदा,जलद रागछटा दिखलाते।बहती है अपने ही मन से समीर,गठन करता प्रभंजन,गढ़ क्षण में ही, दूसरे क्षण में मिटता है,कितने ही तरह के सत्य जो असम्भव हैं –जड़ जीव, वर्ण तथा रूप और भाव बहु।आती वह तुलाराशि जैसी,फिर बाद ही …

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काली माता: स्वामी विवेकानंद की कविता

काली माता: स्वामी विवेकानंद की कविता

  काली माता: स्वामी विवेकानंद छिप गये तारे गगन के,बादलों पर चढ़े बादल,काँपकर गहरा अंधेरा,गरजते तूफान में, शतलक्ष पागल प्राण छूटेजल्द कारागार से–द्रुमजड़ समेत उखाड़कर, हरबला पथ की साफ़ करके।शोर से आ मिला सागर,शिखर लहरों के पलटतेउठ रहे हैं कृष्ण नभ कास्पर्श करने के लिए द्रुत,किरण जैसे अमंगल कीहर तरफ से खोलती हैमृत्यु-छायाएँ सहस्रों,देहवाली घनी काली।आधिन्याधि बिखेग्ती, ऐनाचती पागल हुलसकरआ, …

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हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक

Happy New Year Funny Hindi Poem हैप्पी न्यू इयर

हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक – नव वर्ष का यह उत्सव पूरी दुनिया में बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। सभी लोगों का मानना है कि नया साल हमेशा नई उम्मीदें और खुशियां लेकर आता है। इसलिए सभी लोग नए साल के अवसर पर खुशी से इसका स्वागत करते है। सभी लोग 31 दिसंबर की रात …

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ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा

Hindi Poem About Good Morning of New Year ये सुबह तुम्हारी है

ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा – भारत में नव वर्ष का आयोजन सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग दिनों में मनाते है लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण ज्यादातर लोग अब 1 जनवरी को भी नव वर्ष का आयोजन करते है। हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यानी गुड़ी पड़वा पर हर …

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