Love is the essence. As retreating water leaves the sand dry, so does lost love leave a person drained and lifeless. Here is a beautiful expression by Suryakant Tripathi Nirala. स्नेह निर्झर बह गया है: सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ स्नेह निर्झर बह गया है, रेत सा तन रह गया है। आम की यह डाल जो सूखी दिखी‚ कह रही है – अब …
Read More »होगा तभी दशहरा: विजय दशमी पर हिंदी कविता
दशहरा के त्यौहार पर हिंदी कविता – होगा तभी दशहरा किस्सा एक पुराना बच्चों, लंका में था रावण, राजा एक महा-अभिमानी, काँपता जिससे कण-कण। उस अभिमानी रावण ने था, सबको खूब सताया, रामचन्द्र जब आये वन में, सीता को हर लाया। झिलमिल झिलमिल सोने की, लंका पैरो पे झुकती, और काल की गति भी भाई, उसके आगे रूकती। सुन्दर थी लंका, लंका …
Read More »जय सरस्वती माता: सरस्वती माँ की आरती
Goddess Saraswati: The name Saraswati came from “saras” (meaning “flow”) and “wati” (meaning “she who has …”), i.e. “she who has flow” or can mean sara meaning “essence” and swa meaning “self”. So, Saraswati is symbol of knowledge; its flow (or growth) is like a river and knowledge is supremely alluring, like a beautiful woman. She is depicted as beautiful …
Read More »चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है: नरेन्द्र चंचल
Avtaar is a 1983 film starring Rajesh Khanna and Shabana Azmi. It was directed by Mohan Kumar, and the music was by Laxmikant Pyarelal. Rajesh Khanna did achieve success from Amardeep and Prem Bandhan onwards, but this was Rajesh Khanna’s biggest hit film in terms of box office collections after his bad phase from 1976 to 1978. Avtaar was a …
Read More »अरे जा रे हट नटखट: फिल्म नवरंग से लोकप्रिय होली गीत
चि: धागिन धिनक धिन धागिन धिनक धिन धागिन धिनक धिन अटक-अटक झटपट पनघट पर चटक मटक इक नार नवेली गोरी गोरी ग्वालन की छोरी चली चोरी चोरी मुख मोरी मोरी मुसकाये अलबेली कँकरी गले में मारी कंकरी कन्हैया ने पकरी बाँह और की अटखेली भरी पिचकारी मारी स र र र र र र र र र भोली पनिहारी बोली …
Read More »विद्यालय मैगजीन से हिंदी बाल-कविताएँ
गुरु: प्रभलीन कौर गुरु अनहद का नाद है, गुरु बोध का स्वाद है। गुरु शरणागत की शक्ति है, गुरु स्नेह की पवित्र धारा है।। गुरु बेसहारों का सहारा है, गुरु अनंत कृपाओं का सागर है। गुरु अनुभव की छलकती गागर है, गुरु नवजीवन की भोर है।। गुरु प्रेम की सुंदर डोर है, गुरु सत्य का सुखद स्पर्श है। गुरुदेव है, …
Read More »Night of Nights: Poem on Death of Gandhiji
“If I’m to die by the bullet of a mad man, I must do so smiling. God must be in my heart and on my lips. And if anything happens, you are not to shed a single tear.” – Gandhiji, January 28, 1948 They gathered round him where he lay Upon a bed of dewy flowers: A smile upon his …
Read More »तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ: प्रेम धवन
भारत के वीर पुत्र भगत सिंह – जिसने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। 27 सितम्बर 1907 को जिसका जन्म हुआ और मात्र 24 वर्ष की कोमल आयु में जिसे केवल इसलिए फांसी पे चढ़ा दिया गया क्युकि वो भारत माँ से बहुत प्रेम करता था, किसी को प्रेम की इतनी बड़ी सज़ा? वो माँ का क्या हाल …
Read More »प्रेरक हिंदी कविता: कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती: सोहनलाल द्विवेदी जी की प्रेरक हिंदी कविता लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार …
Read More »मानवता और धर्मयुद्ध (रश्मिरथी): रामधारी सिंह दिनकर
Here is a gem taken from the all-time classic “Rashmirathi”. Dinkar Ji abhors the animal instincts that linger just under the surface of humanity. He abhors the glorification of war by the society. No right thinking human being would want the death and destruction that invariably occurs in a war, but still at times war gets all out support from societies. …
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