Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

माँ तुझे सलाम – वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान

माँ तुझे सलाम - वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान

ओ ओ… वन्दे मातरम् x 8 यहाँ वहां सारा जहाँ देख लिया है कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा है नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं मैं गया जहाँ भी बस तेरी याद थी जो मेरे साथ थी मुझको तड़पाती रुलाती सबसे प्यारी तेरी सूरत प्यार है बस तेरा प्यार ही माँ तुझे …

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एषा मम धन्या माता: Sanskrit Poem on Mother

Poem on Mother in Sanskrit Language एषा मम धन्या माता

एषा मम धन्या माता एषा मम धन्या माता । एषा मम धन्या माता।। ध्रुवपदम्। या मां प्रातः शय्यातः जागरयति सम्बोधनतः। हरस्मिरणं या कारयति। आलस्यं मम नाश्यति।। एषा मम…। कुरु दत्तं ग्रहकार्यम् त्वम्, कुरु सुत! पाठभ्यासं त्वम्। आदेश ददती एवम् योजयते कार्ये नित्यम्।। एषा मम…। मधुरं दुग्धं ददाति या स्वादु फलं च ददाति या। यच्छति महां मिष्टान्नम् यच्दति महां लवणत्राम्।। एषा …

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राणा प्रताप की तलवार: श्याम नारायण पाण्डेय जी का वीर रस काव्य

Maharana Pratap Jayanti

श्याम नारायण पाण्डेय (1907 – 1991) वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे। वह केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे। आरम्भिक शिक्षा के बाद आप संस्कृत अध्ययन के लिए काशी चले आये। यहीं रहकर काशी विद्यापीठ से आपने हिन्दी में साहित्याचार्य किया। द्रुमगाँव (डुमराँव) में अपने घर पर रहते …

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हल्दीघाटी: झाला का बलिदान – श्याम नारायण पांडेय

Haldighati Poem on Maharana Pratap हल्दीघाटी: झाला का बलिदान

It is said that the Mughals were humbled in victory that day at Haldighati and Rana obtained a glorious defeat. Man Singh narrowly escaped the spear of Rana. Mughals by far out numbers Rana’s men. Tired and wounded Rana was headed for a certain death. At that juncture, a valiant warrior in Rana’s army, named Jhala came to his rescue. …

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मछली जल की रानी है – जीवन उसका पानी है: नर्सरी राइम

मछली जल की रानी है-Short Hindi Nursery Rhyme

मछली जल की रानी है मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है हाथ लगाओ डर जाएगी बाहर निकालो मर जाएगी सारा पानी पी जाएगी फिर वो स्कूल नही जाएगी टीचर जी के घर जाएगी एक समोसा खा जाएगी फिर वो मोटी हो जाएगी फिर घर जाकर सो जाएगी ~ एनोनिमस

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जन गण मन: भारत का राष्ट्रगान – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Rabindranath Tagore Jayanti

जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम्‌ है। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय …

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देश की माटी देश का जल: रबीन्द्रनाथ टैगोर

Rabindranath Tagore

देश की माटी देश का जल हवा देश की देश के फल सरस बनें प्रभु सरस बने देश के घर और देश के घाट देश के वन और देश के बाट सरल बनें प्रभु सरल बनें प्रभु देश के तन और देश के मन देश के घर के भाई-बहन विमल बनें प्रभु विमल बनें ∼ रबीन्द्रनाथ टैगोर अनुवाद – भवानी …

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हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे: फैज अहमद ‘फैज’

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे - फैज अहमद 'फैज'

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ – भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे जिनको अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्म, ग़ज़ल लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी (तरक्कीपसंद) दौर की रचनाओं को सबल किया। उन्हें नोबेल …

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तनखा दे दो बाबूजी: मजदूर दिवस पर हिंदी कविता

तनखा दे दो बाबूजी - Labour Day Hindi Poem

अबके तनखा दे दो सारी बाबूजी अब के रख लो बात हमारी बाबूजी इक तो मार गरीबी की लाचारी है उस पर टी.बी. की बीमारी बाबूजी भूखे बच्चों का मुरझाया चेहरा देख दिल पर चलती रोज़ कटारी बाबूजी नूण-मिरच मिल जाएँ तो बडभाग हैं हमने देखी ना तरकारी बाबूजी दूधमुंहे बच्चे को रोता छोड़ हुई घरवाली भगवान को प्यारी बाबूजी …

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साथी हाथ बढ़ाना: साहिर लुधियानवी का श्रमिक दिवस विशेष फ़िल्मी गीत

साथी हाथ बढ़ाना - साहिर लुधियानवी - Labour Day Film Song

नया दौर का एक यादगार गीत। फिल्म नया दौर आजादी के बाद देश में किस तरह के बदलाव आए और लोग किस तरह आधुनिकता की ओर अपने कदम बढ़ाने लगे थे, इसे भी समझाया गया था। यह फिल्म भारतीयों के संघर्ष की कहानी है, जिसे बखूबी पर्दे पर उतारा निर्देशक बी.आर. चोपड़ा ने. 1957 में आई इस फिल्म से सिनेमा …

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