We Indians are very proud to celebrate Republic day Protected by soldiers in the border who never sway Hear me, I just have few things to say Reading this you may decide your own way Over the years that has past ’26th Jan is just another holiday’, I thought With the very recent wisdom I have got I salute the …
Read More »राष्ट्रगान मुझको भी आता है: मनोहर लाल ‘रत्नम’
जन गण मन बीमार पड़ा है, अधिनायक है कहाँ सो गया, भारत भाग्य विधाता भी तो, इन गलियों में कहीं खो गया। मेरे भारत के मस्तक पर, है आतंक की काली छाया – कर्णधार जितने भारत के, इन सबको है संसद भाता। मुझसे यदि पूछ कर देखो, राष्ट्रगान मुझको है आता॥ आग लगी है पंजाब मेरे में, सिंधु और गुजरात …
Read More »वन्दे मातरम्: बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
वन्दे मातरम् भारत का संविधान सम्मत राष्ट्रगीत है। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् 1882 में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के सन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनायी थी। ∼ बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय हिन्दी-अनुवाद …
Read More »ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन: सलिल चौधरी
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझ पे दिल कुर्बान तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान तेरे दामन से जो आये उन हवाओं को सलाम चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आये तेरा नाम सब से प्यारी सुबह तेरी, सब से रंगीं तेरी शाम माँ का दिल बनके कभी सीने से …
Read More »इस मोड़ से जाते हैं: गुलज़ार
इस मोड़ से जाते हैं कुछ सुस्त कदम रस्ते कुछ तेज कदम राहें। पत्थर की हवेली को शीशे के घरौंदों में तिनकों के नशेमन तक इस मोड़ से जाते हैं। आंधी की तरह उड़ कर इक राह गुजरती है शरमाती हुई कोई कदमों से उतरती है। इन रेशमी राहों में इक राह तो वह होगी तुम तक जो पहुंचती है …
Read More »हम को मन की शक्ति देना: गुलज़ार
हम को मन की शक्ति देना मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें। भेदभाव अपने दिल से साफ कर सकें, दोस्तों से भूल हो तो माफ कर सकें, झूठ से बचे रहें सच का दम भरें, दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें। मुश्किलें पड़ें तो हम पे इतना कर्म कर, साथ दें …
Read More »पगली लड़की: कुमार विश्वास
मावस कि काली रातों में, दिल का दरवाज़ा खुलता है जब दर्द कि प्याली रातों में, ग़म आँसू के संग घुलता है जब पिछवाड़े के कमरे में, हम निपट अकेले होते हैं जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं, सब सोते हैं, हम रोते हैं जब बार-बार दोहराने से, सारी यादें चुक जाती हैं जब ऊँच-नीच समझाने में, माथे की नस दुख …
Read More »जिसकी धुन पर दुनिया नाचे: कुमार विश्वास
जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल ऐसा इकतारा है, जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है, झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर, तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है। जो धरती से अम्बर जोड़े, उसका नाम मोहब्बत है, जो शीशे से पत्थर तोड़े, उसका नाम मोहब्बत है, कतरा कतरा सागर …
Read More »हंगामा: कुमार विश्वास
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा कभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामा कोई ख़्वाबों में आकर बस लिया दो पल तो हंगामा मैं उससे दूर था तो …
Read More »रंग दुनिया ने दिखाया है निराला देखूँ: कुमार विश्वास
रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ, है अँधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ आइना रख दे मेरे हाथ में, आख़िर मैं भी, कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ, जिसके आँगन से खुले थे मेरे सारे रस्ते, उस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँ। हर एक नदिया के होंठों पे समंदर का तराना है, यहाँ फरहाद के आगे …
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