सारे के सारे गामा को लेकर गाते चले – २ पापा नहीं है धानी सी दीदी, दीदी के साथ हैं सारे सारे के सारे — पापा नहीं है — सा से निकले रोज़ सवेरा दूर करे अँधियारा रे से रेशमी किरणों ने दूर किया उजियारा सूरज की रोशन किरणों पे सारे गाते चले पापा नहीं है धानी सी दीदी, दीदी …
Read More »मास्टरजी की आ गयी चिट्ठी: गुलज़ार
दिन ताका ताका दिन अ आ इ ई, अ आ इ ई मास्टरजी की आ गई चिट्ठी चिट्ठी में से निकली बिल्ली चिट्ठी में से निकली बिल्ली बिल्ली खाय ज़र्दा पान काला चश्मा पीली कान आहा अ आ इ ई, अ आ इ ई मास्टरजी की आ गई चिट्ठी चिट्ठी में से निकली बिल्ली चिट्ठी में से निकली बिल्ली दिन …
Read More »मैं कभी बतलाता नहीं, पर अँधेरे से डरता हूँ मैं माँ: प्रसून जोशी
मैं कभी बतलाता नहीं, पर अँधेरे से डरता हूँ मैं माँ यूँ तो मैं दिखलाता नहीं, तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ तुझे सब हैं पता, हैं ना माँ तुझे सब हैं पता, मेरी माँ भीड़ में यूँ ना छोड़ो मुझे, घर लौट के भी आ ना पाऊँ माँ भेजना इतना दूर मुझको तू, याद भी तुझको आ ना पाऊँ …
Read More »इचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना: शैलेन्द्र
इचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना, इचक दाना… छज्जे ऊपर लड़की नाचे लड़का है दीवाना, इचक दाना… बोलो क्या? प्रनाम, इचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना छोटी सी छोकरी लालबाई नाम है… पहने वोह घाघरा एक पैसा दाम है… मुह मे सबके आग लगाए आता है रुलाना, इचक दाना… बोलो क्या? मिच्री!!, इचक दाना बीचक दाना …
Read More »तारे ज़मीन पर: प्रसून जोशी
देखो इन्हे यह है ओस की बूंदे, पत्तों की गोद मे आसमान से कूदे अंगड़ाई ले के फिर करवट बदल कर, नाज़ुक से मोती हंस दे फिसल कर खो न जाए ये… तारे ज़मीन पर यह तो है सर्दी मे धुप की किरणे उतरे जो आंगन को सुन्हेरा सा करने मन के अंधेरो को रोशन सा कर दे ठिठुरती हथेली …
Read More »नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है: शैलेन्द्र
र: (नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है) –२ आ: मुट्ठी में है तक़दीर हमारी को: मुट्ठी में है तक़दीर हमारी आ: हम ने क़िस्मत को बस में किया है को: हम ने क़िस्मत को बस में किया है र: (भोली भली मतवाली आँखों में क्या है) –२ आ: आँखोन में झूमे उम्मीदों की दिवाली को: आँखोन में झूमें उम्मीदों की …
Read More »ये तारा वो तारा हर तारा: जावेद अख्तर
ये तारा वो तारा हर तारा, देखो जिसे भी लगे प्यारा ये सब साथ में, जो हैं रात में, तो झगमगाया आसमान सारा झगमग तारें, दो तारें, नौ तारें, सौं तारें, झगमग सारे, हर तारा हैं शरारा तुमने देखी है धनक तो, बोलो रंग कितने हैं सात रंग कहने को, फिर भी संग कितने हैं समझो सबसे पहले तो, रंग …
Read More »My Childhood: Childhood Poem in English
My childhood was fun, Tough and exciting, My childhood was one, Where there wasn’t much fighting, This is my childhood, My childhood was filled, With family and friend, My childhood was filled, With love and lots of happy holidays, My childhood was filled, With tricycles and bicycles, My childhood is filled, With lots of classwork and homework, My childhood is …
Read More »आलू: ओम प्रकाश बजाज
आलू की महिमा है न्यारी सर्वाधिक लोकप्रिय यह तरकारी! भूनो तलो पकाओ खाओ आलू की पराठों का आनंद उठाओ! आलू-गोभी आलू-बैंगन आलू-परवल, आलू से मिलकर बनते ढेरो व्यंजन! आलू के बिना समोसा नहीं बनता पोटैटो चिप्स का हर कोई दीवाना! पानी-पूरी कहो या कहो गोलगप्पा, उस में भी मसाला आलू का पड़ता! बंगला कोठी हो या निम्नवर्गीय झुग्गी, आलू की …
Read More »That Terrible Nightmare: Salil Dhawan
It was all calm and quiet, Everyone was asleep in the night. I was in my own fantasy land, Picking flowers, fragrant and grand. Suddenly came a large dog, Sniffing about and barking around. It stared at me, but having being In a gay mood Went up to where I stood. Horrid doggy, he bit me badly, And chased me …
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