लाखों तारे आसमां में, एक मगर ढूँढे ना मिला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२ किस्मत का हैं नाम मगर, काम हैं ये दुनिया वालों का फूँक दिया हैं चमन हमारे ख़्वाबों और खयालों का जी करता हैं खुद ही घोंट दें, अपने अरमानों का गला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२ …
Read More »Children’s Poetry about Festival of Lights – Deepawali शुभ दीपावली
जगमग – जगमग दीप जलें, रोशन घर का हो हर कोना। प्रकाश के जैसे उज्जवल तन हो, जन – जन स्वजन और निर्मल मन हो। रोशनी का आगाज जहाँ हो, तुम वहां हो हम वहां हों। दूर तम के अन्धकार हों, मीठे सुर हों मीठी ताल हो। शुभकामनायें हैं यही हमारी, सतरंगी हर दीवाली हो। ∼ अमृता गोस्वामी [वैशाली नगर, …
Read More »झिलमिल सितारों का आंगन होगा – आनंद बक्षी
झिलमिल सितारों का आँगन होगा रिमझिम बरसता सावन होगा ऐसा सुन्दर सपना, अपना जीवन होगा प्रेम की गली में एक छोटा सा घर बनायेंगे कलियाँ ना मिले ना सही, काँटों से सजायेंगे बगिया से सुन्दर वो बन होगा तेरी आँखों से सारा, संसार मैं देखूंगी देखूंगी इस पार या, उस पार मैं देखूंगी नैनो को तेरा ही, दर्शन होगा फिर …
Read More »एक तेरा साथ हम को दो जहां से प्यारा है – मजरुह सुलतानपुरी
एक तेरा साथ हम को दो जहां से प्यारा है तू है तो हर सहारा है ना मिले संसार, तेरा प्यार तो हमारा है तू है तो हर सहारा है हम अकेले है, शहनाईयाँ चूप हैं, तो कंगना बोलता है तू जो चलती है, छोटे से आँगन में, चमन सा डोलता है आज घर हमने, मिलन के रंग से संवारा …
Read More »चंदा रे चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ – जावेद अख्तर
ह: चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे, बातें करेंगे तुझको आते इधर लाज आये अगर ओढ़ के आजा, तू बादल घने गुलशन, गुलशन, वादी वादी, बहती है रेशम जैसी हवा जंगल जंगल, पर्वत, पर्वत, हैं नींद में सब इक मेरे सिवा चंदा, चंदा आजा सपनों की नीली नदिया में नहायें आजा ये तारे चुनके हम, घर …
Read More »अँखियों के झरोखों से
अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने मन में तुम्हीं मुस्काए, बस तुम्हीं मुस्काए अखियों के झरोखों से… इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ …
Read More »आके तेरी बाँहों में – वंश
आके तेरी बाँहों में, हर शाम लगे सिंदूरी मेरे मन को महकाए, तेरे मन की कस्तूरी। आके तेरी बाँहों में, हर शाम लगे सिंदूरी मेरे मन को महकाए, तेरे मन की कस्तूरी। महकी हवाए उड़ता आंचल लत घुंघराले काले बादल प्रेम सुधा नैनो से बरसे, पी लेने को जीवन तरसे बाहो मे कास लेने दे, परीत का चुंबन देने दे …
Read More »Inspirational Hindi Poem to Light Up Your Life चिराग जलते रहें
उजालों के नाम जब तक ना आये पैगाम, मयस्सर हो ना रौशनी हर बाम चिराग जलते रहें। अँधेरे खुद ही दामन ओढ़ लें आकर शुआओं के, नूरानी जब तक न हो हर गम चिराग जलते रहें। हमारी आँख में चमके चिराग अपनी मोहब्बत के, दिलों में प्यार के सुबहो – शाम चिराग जलते रहें। सजा लो लाख लड़ियाँ चमकीली दर …
Read More »Agyeya Hindi Poem about Poor People & Frustration अनुभव परिपक्व
माँ हम नहीं मानते – अगली दीवाली पर मेले से हम वह गाने वाला टीन का लट्टू लेंगे ही लेंगे – नहीं, हम नहीं जानते – हम कुछ नहीं सुनेंगे। – कल गुड़ियों का मेला है मुझे एक दो पैसे वाली काग़ज़ की फिरकी तो ले देना अच्छा मैं लट्टू नहीं मांगता – तुम बस दो पैसे दे देना। – …
Read More »पर्व है पुरुषार्थ का, दीप के दिव्यार्थ का
पर्व है पुरुषार्थ का, दीप के दिव्यार्थ का। देहरी पर दीप एक जलता रहे, अंधकार से युद्ध यह चलता रहे। हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा, जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा। दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है, कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है। आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए, प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए। झिलमिल रोशनी में निवेदित …
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