Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

Javed Akhtar’s Melodious Devotional Bhajan ओ पालनहारे

Javed Akhtar's Melodious Devotional Bhajan ओ पालनहारे

Dive into a world of tranquility with this beautiful composition by A.R. Rahman, Udit Narayan & Lata Mangeshkar, their flawless vocals have transformed this melodious devotional masterpiece and taken it to a whole new level. ओ पालनहारे, निर्गुण और न्यारे तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं… हमरी उलझन सुलझाओ भगवन तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं… तुम्ही हमका हो संभाले तुम्ही हमरे …

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Meera Bai Bhajan by Anup Jalota ऐसी लागि लगन, मीरा हो गई मगन

ऐसी लागि लगन, मीरा हो गई मगन - अनूप जलोटा

हीरे मोंती से नही सोभा है हाथ की, है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे, मर कर भी अमर है नाम उस जिव का जग मैं, प्रभु प्रेम मैं बलिदान जो जीवन किया करे ऐसी लगी लगन, मीरा हो गई मगन वो तो गली-गली हरी गुन गाने लगी महलो में पली, बन के जोगिन चली मीरा रानी दीवानी कहाने …

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Bekal Utsahi Contemplation Hindi Poem रोते रोते बहल गई कैसे

Bekal Utsahi Contemplation Hindi Poem रोते रोते बहल गई कैसे

रोते रोते बहल गई कैसे रुत अचानक बदल गई कैसे मैंने घर फूँका था पड़ौसी का झोपड़ी मेरी जल गई कैसे जिस पे नीयत लगी हो मौसम की सूखी टहनी वो फल गई कैसे बात जो मुद्दतों से दिल में थी आज मुँह से निकल गई कैसे जिन्दगी पर बड़ा भरोसा था जिन्दगी चाल चल गई कैसे दोस्ती है चटान …

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Bekal Utsahi Hindi Poem about Drought कब बरसेगा पानी

कब बरसेगा पानी – बेकल उत्साही

सावन भादौं साधु हो गए, बादल सब संन्यासी पछुआ चूस गई पुरवा को, धरती रह गई प्यासी फसलों ने वैराग ले लिया, जोगी हो गई धानी राम जाने कब बरसेगा पानी ताल तलैया माटी चाटै, नदियाँ रेत चबाएँ कुएँ में मकड़ी जाला ताने, नहरें चील उड़ाएँ उबटन से गगरी रूठी है, पनघट से बहुरानी राम जाने कब बरसेगा पानी छप्पर …

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देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ: राम अवतार त्यागी

देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूँ - राम अवतार त्यागी

रामावतार त्यागी का जन्म 17 मार्च 1925 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले की संभल तहसील में हुआ। आप दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर थे। हिन्दी गीत को एक नई ऊँचाई देने वालों में आपका नाम अग्रणीय है। रामधारी सिंह दिनकर सहित बहुत से हिंदी साहित्यकारों ने आपके गीतों की सराहना की थी। ‘नया ख़ून’; ‘मैं दिल्ली हूँ’; ‘आठवाँ स्वर’; ‘गीत …

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Harivansh Rai Bachchan Inspirational Hindi Poem नीड़ का निर्माण फिर फिर

Harivansh Rai Bachchan Inspirational Hindi Poem नीड़ का निर्माण फिर फिर

वह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा, धूल धूसर बादलों न भूमि को इस भाँति घेरा, रात सा दिन हो गया फिर रात आई और काली, लग रहा था अब न होगा इस निशा का फिर सवेरा, रात के उत्पात–भय से भीत जन–जन, भीत कण–कण, किंतु प्रची से उषा की मोहिनी मुस्कान फिर–फिर! नीड़ का निर्माण फिर–फिर, …

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