I danced before my Giridhara. Again and again I dance To please that discerning critic, And put His former love to the test. I put on the anklets Of the love of Shyam, And behold! My Mohan stays true. Worldly shame and family custom I have cast to the winds. I do not forget the beauty of the Beloved Even …
Read More »I am true to my Lord – Mirabai Devotional Bhajan in English
I am true to my Lord, O my companions, there is nothing to be ashamed of now Since I have been seen dancing openly. In the day I have no hunger At night I am restless and cannot sleep. Leaving these troubles behind, I go to the other side; A hidden knowledge has taken hold of me. My relations surround …
Read More »Strange Is The Path of Love: Devotional Poem by Hindu mystic poetess Mirabai
Do not mention the name of love, O my simple-minded companion. Strange is the path When you offer your love. Your body is crushed at the first step. If you want to offer love Be prepared to cut off your head And sit on it. Be like the moth, Which circles the lamp and offers its body. Be like the …
Read More »Javed Akhtar’s Melodious Devotional Bhajan ओ पालनहारे
Dive into a world of tranquility with this beautiful composition by A.R. Rahman, Udit Narayan & Lata Mangeshkar, their flawless vocals have transformed this melodious devotional masterpiece and taken it to a whole new level. ओ पालनहारे, निर्गुण और न्यारे तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं… हमरी उलझन सुलझाओ भगवन तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं… तुम्ही हमका हो संभाले तुम्ही हमरे …
Read More »Meera Bai Bhajan by Anup Jalota ऐसी लागि लगन, मीरा हो गई मगन
हीरे मोंती से नही सोभा है हाथ की, है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे, मर कर भी अमर है नाम उस जिव का जग मैं, प्रभु प्रेम मैं बलिदान जो जीवन किया करे ऐसी लगी लगन, मीरा हो गई मगन वो तो गली-गली हरी गुन गाने लगी महलो में पली, बन के जोगिन चली मीरा रानी दीवानी कहाने …
Read More »Sister’s Unconditional Love Poem: My Sister
What you mean to me Is more than I can express. You see, I had no sister when I was little To call when I was in distress. When we first met, We had no clue What was getting ready to happen, Was not completely out of the blue. God had a plan Throughout all the years. He was making …
Read More »Bekal Utsahi Contemplation Hindi Poem रोते रोते बहल गई कैसे
रोते रोते बहल गई कैसे रुत अचानक बदल गई कैसे मैंने घर फूँका था पड़ौसी का झोपड़ी मेरी जल गई कैसे जिस पे नीयत लगी हो मौसम की सूखी टहनी वो फल गई कैसे बात जो मुद्दतों से दिल में थी आज मुँह से निकल गई कैसे जिन्दगी पर बड़ा भरोसा था जिन्दगी चाल चल गई कैसे दोस्ती है चटान …
Read More »Bekal Utsahi Hindi Poem about Drought कब बरसेगा पानी
सावन भादौं साधु हो गए, बादल सब संन्यासी पछुआ चूस गई पुरवा को, धरती रह गई प्यासी फसलों ने वैराग ले लिया, जोगी हो गई धानी राम जाने कब बरसेगा पानी ताल तलैया माटी चाटै, नदियाँ रेत चबाएँ कुएँ में मकड़ी जाला ताने, नहरें चील उड़ाएँ उबटन से गगरी रूठी है, पनघट से बहुरानी राम जाने कब बरसेगा पानी छप्पर …
Read More »देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ: राम अवतार त्यागी
रामावतार त्यागी का जन्म 17 मार्च 1925 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले की संभल तहसील में हुआ। आप दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर थे। हिन्दी गीत को एक नई ऊँचाई देने वालों में आपका नाम अग्रणीय है। रामधारी सिंह दिनकर सहित बहुत से हिंदी साहित्यकारों ने आपके गीतों की सराहना की थी। ‘नया ख़ून’; ‘मैं दिल्ली हूँ’; ‘आठवाँ स्वर’; ‘गीत …
Read More »Harivansh Rai Bachchan Inspirational Hindi Poem नीड़ का निर्माण फिर फिर
वह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा, धूल धूसर बादलों न भूमि को इस भाँति घेरा, रात सा दिन हो गया फिर रात आई और काली, लग रहा था अब न होगा इस निशा का फिर सवेरा, रात के उत्पात–भय से भीत जन–जन, भीत कण–कण, किंतु प्रची से उषा की मोहिनी मुस्कान फिर–फिर! नीड़ का निर्माण फिर–फिर, …
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