Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

Hindi Bal-Kavita about Morning Routine मेरी नींद नहीं खुल पाती

Hindi Bal-Kavita about Morning Routine मेरी नींद नहीं खुल पाती

मुझको नींद बहुत है आती सुबह-सुबह। मेरी नींद नहीं खुल पाती सुबह-सुबह। मम्मी टेप लगातीं उठने-उठने की पापा की बातों में धमकी पिटने की दोनों कहते जल्दी शाला जाना है नल चालू है उठकर शीघ्र नहाना है पर मुझको तो नींद सुहाती सुबह-सुबह मेरी नींद नहीं खुल पाती सुबह-सुबह। म‌म्मी तो उठ‌ जातीं मुँह‌ अँधियारे में पापा ट‌ह‌लें सुब‌ह‌-सुब‌ह‌ ग‌लियारे …

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English Love Poem For Parents From Child: My Parents

English Love Poem For Parents From Child: My Parents

You are both special in every way, Encouraging me more and more each passing day. You both are the reason why I’m so strong, With you two at the helm not a thing could go wrong. You’ve both helped me through many trials and tribulations, You’ve made things better in every situation. Thank you both for always being there, And …

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Agyeya Contemplation Poem on Lost Love प्राण तुम्हारी पदरज फूली

प्राण तुम्हारी पदरज फूली मुझको कंचन हुई तुम्हारे चंचल चरणों की यह धूली! आईं थीं तो जाना भी था – फिर भी आओगी‚ दुख किसका? एक बार जब दृष्टिकरों से पदचिन्हों की रेखा छू ली! वाक्य अर्थ का हो प्रत्याशी‚ गीत शब्द का कब अभिलाषी? अंतर में पराग सी छाई है स्मृतियों की आशा धूली! प्राण तुम्हारी पदरज फूली! ∼ …

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Gopal Singh Nepali Inspirational Hindi Poem on Frustration कुछ ऐसा खेल रचो साथी

Gopal Singh Nepal Inspirational Hindi Poem on Frustration कुछ ऐसा खेल रचो साथी

कुछ ऐसा खेल रचो साथी कुछ जीने का आनंद मिले कुछ मरने का आनंद मिले दुनियां के सूने आंगन में कुछ ऐसा खेल रचो साथी वह मरघट का सन्नाटा तो रह रह कर काटे जाता है दुख दर्द तबाही से दब कर मुफ़लिस का दिल चिल्लाता है यह झूठा सन्नाटा टूटे पापों का भरा घड़ा फूटे तुम जंजीरों की झनझन …

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Gopal Singh Nepali Hindi Bal-Kavita यह लघु सरिता का बहता जल

Gopal Singh Nepali Hindi Bal-Kavita यह लघु सरिता का बहता जल

यह लघु सरिता का बहता जल‚ कितना शीतल‚ कितना निर्मल। हिमगिरि के हिम निकल–निकल‚ यह विमल दूध–सा हिम का जल‚ कर–कर निनाद कलकल छलछल‚ बहता आता नीचे पल–पल। तन का चंचल‚ मन का विह्वल। यह लघु सरिता का बहता जल। निर्मल जल की यह तेज धार‚ करके कितनी श्रृंखला पार‚ बहती रहती है लगातार‚ गिरती–उठती है बार बार। रखता है …

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Gopal Singh Nepali Hindi Love Poem यह दिल खोल तुम्हारा हँसना

Gopal Singh Nepali Hindi Love Poem यह दिल खोल तुम्हारा हँसना

प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है बोले मधुप फूल की बोली, बोले चाँद समझ लें तारे गा–गाकर मधुगीत प्रीति के, सिंधु किसी के चरण पखारे यह पापी भी क्यों–न तुम्हारा मनमोहम मुख–चंद्र निहारे प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है देखा मैंने एक बूँद से ढँका जरा आँखों का कोना थी मन में …

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Hullad Muradabadi Hasya Vyang Poem on Drinking पीने का बहाना

Hullad Muradabadi Hasya Vyang Poem on Drinking पीने का बहाना

हौसले को आज़माना चाहिये मुशकिलों में मुसकुराना चाहिये खुजलियाँ जब सात दिन तक ना रुकें आदमी को तब नहाना चाहिये साँप नेता साथ में मिल जाएँ तो लट्ठ नेता पर चलाना चाहिये सिर्फ चारे से तसल्ली कर गए आपको तो देश खाना चाहिये! जो इलैक्शन हार जाए क्या करे? तिरुपति में सिर मुँडाना चाहिये हाथ ही अब तक मिलाए आज …

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Hindi Bal-Kavita telling Money can’t buy everything पैसे की सीमा

Hindi Bal-Kavita telling Money can't buy everything पैसे कि सीमा

पैसा किताब खरीद सकता है, विद्या नहीं। पैसा साज़ खरीद सकता है, स्वर नहीं। पैसा डॉक्टर खरीद सकता है, जीवन नहीं। पैसा मूर्ति खरीद सकता है, भगवान नहीं। पैसा शरीर खरीद सकता है, आत्मा नहीं। पैसा कलम खरीद सकता है, सुलेख नहीं। पैसा बिस्तर खरीद सकता है, नींद नहीं। पैसा लड़का खरीद सकता है, बेटा नहीं। पैसा आराम खरीद सकता …

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