लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा: Masoom is the directorial debut of Shekhar Kapur. It is an adaptation of the 1980 novel Man, Woman and Child by Erich Segal which was also adapted into a Malayalam movie Olangal and an American movie Man, Woman and Child. The film stars Naseeruddin Shah and Shabana Azmi in lead roles along with Tanuja, …
Read More »तुझे सूरज कहूँ या चंदा, तुझे दीप कहूँ या तारा: प्रेम धवन
तुझे सूरज कहूँ या चंदा, तुझे दीप कहूँ या तारा: Ek Phool Do Mali is a 1969 Indian Hindi film directed by Devendra Goel. The film is based on the book Do Kadam Aage by Sampat Lal Purohit. The film was a Blockbuster and second highest grossing movie of 1969 along with Aradhana & Do Raste. Balraj Sahni earned a …
Read More »चंदा है तू, मेरा सूरज है तू: आनंद बक्षी
चंदा है तू, मेरा सूरज है तू: आराधना 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जिसके निर्माता एवं निर्देशक शक्ति सामंत थे। इस फ़िल्म को 1969 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार के साथ दो अन्य फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से नवाज़ा गया था। फ़िल्म में संगीत दिया है ऍस. डी. बर्मन ने और गीतकार हैं आनन्द बख़्शी। DO YOU KNOW: शर्मिला …
Read More »बच्चे मन के सच्चे: साहिर लुधियानवी
बच्चे मन के सच्चे: दो कलियाँ फिल्म से दो कलियाँ 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। दो जुड़वाँ बच्चों के आधार पर बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफ़िस पर सफल रही तथा साहिर के गीत (बच्चे मन के सच्चे) आज भी प्रसिद्ध है। फ़िल्म का संगीत रवि ने दिया था। बच्चे मन के सच्चे, सारी जग के आँख के तारे ये …
Read More »चिट्ठी आई है: Anand Bakshi Nostalgic Hindi Song
चिट्ठी आई है: आप सभी को दिवाली की ढेर सारी बधाईयाँ। आज के दौर में दिवाली को लोग बम पटाखों से मनाते है, अपने रिश्तेदारों के यहां मिठाइयाँ पहुंचाते है। लेकिन पुराने जमाने में ऐसा नहीं होता था। लोग अपनी दिवाली मनाने के लिए बम पटाखों के इस्तेमाल की बजाय आपस के लोगों को दिवाली पर कविता भेजते थे। लोगों …
Read More »करवा चौथ: भारतीय सुहागिन का त्यौहार
करवा चौथ: भारतीय सुहागिन का त्यौहार – सुहाग का यह व्रत हर साल कार्तिक के पवित्र महीने में संकष्टी चतुर्थी के दिन यानी कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को किया जाता है। सुहागनें इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में सरगी खाकर व्रत अरंभ करती हैं। व्रत पूरे दिन का होता। रात में चांद को छन्नी से देखकर व्रत का समापन किया जाता …
Read More »गणपती बाप्पा मोरया: गणपति विसर्जन पर फ़िल्मी भजन
गणपती बाप्पा मोरया भजन: हरिहरन गणपती बाप्पा मोरया भजन, पुढच्या वर्षी लवकर या (गणपती बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ गणपती बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ) मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे मेरे घर में कितने दिन मेहमान रहे हो… मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे (गणपती बाप्पा …
Read More »यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान
यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली॥ यह कदम्ब का पेड़: सुभद्रा कुमारी चौहान तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता। उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता॥ वहीं …
Read More »ठुकरा दो या प्यार करो: सुभद्रा कुमारी चौहान
देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते हैं। धूमधाम से साज-बाज से वे मंदिर में आते हैं मुक्तामणि बहुमुल्य वस्तुऐं लाकर तुम्हें चढ़ाते हैं। ठुकरा दो या प्यार करो: सुभद्रा कुमारी चौहान मैं ही हूँ गरीबिनी ऐसी जो कुछ साथ नहीं लाई फिर भी साहस कर मंदिर में पूजा …
Read More »सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी बाल-कविता
सभा सभा का खेल आज हम, खेलेंगे जीजी आओ। मैं गांधी जी छोटे नेहरू, तुम सरोजिनी बन जाओ॥ सभा का खेल: सुभद्रा कुमारी चौहान मेरा तो सब काम लंगोटी, गमछे से चल जायेगा। छोटे भी खद्दर का कुर्ता, पेटी से ले आयेगा॥ लेकिन जीजी तुम्हें चाहिये, एक बहुत बढ़िया सारी। वह तुम मां से ही ले लेना, आज सभा होगी …
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