जब दीप जले आना गीत चितचोर 1976 में बनी हिन्दी भाषा की रूमानी फिल्म से है। यह बासु चटर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म ताराचंद बड़जात्या द्वारा निर्मित एक राजश्री प्रोडक्शन्स फिल्म है। यह सुबोध घोष की एक बंगाली कहानी, चित्ताचोर पर आधारित है। के॰ जे॰ येशुदास और मास्टर राजू ने इस फिल्म के लिये 1976 का राष्ट्रीय फिल्म …
Read More »मंगल भवन अमंगल हारी: रविंदर जैन का भक्ति गीत
Geet Gaata Chal is a Hindi film released in 1975. Produced by Tarachand Barjatya for Rajshri Productions, the film is directed by Hiren Nag. The film stars Sachin, Sarika, Madan Puri, Padma Khanna and Leela Mishra. The songs written and composed by Ravindra Jain. The movie is a remake of 1965 Bengali movie Atithi. मंगल भवन अमंगल हारी: जसपाल सिंह …
Read More »नवकार मंत्र: Most significant mantra in Jainism
नवकार मंत्र: Navakar Mantra The Ṇamōkāra Mantra (णमोकार मन्त्र), also variously referred to as the Navakar Mantra (नवकार मन्त्र), Namaskār Mantra (नमस्कार मन्त्र) or the Pancha Parameshti Namaskār, is the most significant mantra in Jainism. Jain Prakrit णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं Transliterated to …
Read More »बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे: गोपाल सिंह नेपाली
गोपाल सिंह नेपाली (1911 – 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने “रतलाम टाइम्स”, चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें ‘सावन’, ‘कल्पना’, ‘नीलिमा’, ‘नवीन …
Read More »ईद के त्यौहार पर हिंदी कविता
ईद के त्यौहार पर हिंदी कविता आसमां में गुफ्तगू है चल रही, चाँद की आये खबर तो ईद हुई अम्मी बनातीं थीं सिंवईयाँ दूध में, स्वाद वह याद आया लो ईद हुई नमाज हो मन से अदा, जकात भी दिल से बँटे, मजहब महज किताब नहीं पूरे हुये रमजान के रोजों के दिन, सौगात जो खुदा की, वो ईद हुई …
Read More »उदास सांझ: कठोर कठिन थके हुए जीवन पर कविता
As the sun sets and darkness prepares to engulf the world, a strange depression some times sets in our thoughts. In this lovely poem Maitreyee Ji has drawn a shabda chitra of this sense of restlessness. उदास सांझ: मैत्रेयी अनुरूपा दिनभर तपा धूप में थक कर‚ हो निढाल ये बूढ़ा सूरज‚ बैठ अधमरे घोड़ों पर – जो डगमग गिर गिर …
Read More »देश मेरे: राजीव कृष्ण सक्सेना
It was many many years ago when I was faced with the question of staying back in USA or return to India. Career and material considerations would have us stay back but deep rooted tug on heart would urge us to pack up and leave. As any pravasi Indian would testify, this is quite a heart wrenching decision to take. …
Read More »मन को वश में करो, फिर चाहे जो करो: रमानाथ अवस्थी
रमानाथ अवस्थी का जन्म फतेहपुर, उत्तरप्रदेश में हुआ। इन्होंने आकाशवाणी में प्रोडयूसर के रूप में वर्षों काम किया। ‘सुमन- सौरभ, ‘आग और पराग, ‘राख और शहनाई तथा ‘बंद न करना द्वार इनकी मुख्य काव्य-कृतियां हैं। ये लोकप्रिय और मधुर गीतकार हैं। इन्हें उत्तरप्रदेश सरकार ने पुरस्कृत किया है। मन की चंचलता सर्व विदित है। अध्यात्म सागर पर भी कई बार …
Read More »वादी ए कश्मीर का क्या ये हाल हो गया
Jammu and Kashmir was a region formerly administered by India as a state from 1954 to 2019, constituting the southern and southeastern portion of the larger Kashmir region, which has been the subject of a dispute between India, Pakistan and China since the mid-20th century. The underlying region of this state were parts of the former princely state of Jammu …
Read More »क्यों मो पे रंग की मारी पिचकारी: बहादुर शाह जफर
वैसे तो होली पूरे भारत में मनाई जाती है पर अलग-अलग सांस्कृतिक अंचलों की होली की अपनी खासियत है। हां, एक बात जो सभी जगहों की होली में सामान्य है, वह है महिलाओं और पुरुषों के बीच रंग खेलने के बहाने अनूठे विनोदपूर्ण और शरारत से भरे प्रसंग। ये प्रसंग शुरू से होली की पहचान से जुड़े रहे हैं। और …
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