Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

मुबारक ईद मुबारक Eid Special Bollywood Song

मुबारक ईद मुबारक - जलीस शेरवानी

मुबारक ईद मुबारक: जलीस शेरवानी अस्सलाम अलैकुम अस्सलाम, ईद का है यारो यह पयाम… यह ईद का त्यौहार है, खुशियो का है त्यौहार… ना तेरा है ना मेरा है यह सब का है त्यौहार यह प्यार का पैगाम है यह प्यार का पैगाम मुबारक ईद मुबारक… चाहे वोह रहमान हो या भाई अपना राम, हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई, सब को है …

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Hindi Poem on Eid-Ul-Fitr ईद हो हर दिन

Hindi Poem on Eid-Ul-Fitr ईद हो हर दिन

रमज़ान का पाक महीना बस अलविदा कहने को तैयार है।  रमज़ान के ख़त्म होते ही जो ईद मनाई जाती है, उसे ईद-उल-फितर कहा जाता है। इस्लाम समुदाय में इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मस्जिदों को सजाया जाता है, लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों में एक से बढ़कर एक पकवान बनते हैं, छोटों को ईदी दी जाती है …

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जीवन एक अभिलाषा: तेजपाल सिंह गुलिया

जीवन एक अभिलाषा: तेजपाल सिंह गुलिया

जीवन एक अभिलाषा: तेजपाल सिंह गुलिया – द्रास नदी (Dras River) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के कर्गिल ज़िले में बहने वाली एक नदी है। यह ज़ोजिला दर्रे के समीप माचोई हिमानी में उत्पन्न होती है और खरबू के समीप शिंगो नदी से विलय करती है। द्रास भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले में स्थित एक बस्ती है। ३,२३० …

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नाम बड़े हस्ताक्षर छोटे: काका हाथरसी

Kaka Hathrasi

काका हाथरसी (वास्तविक नाम – प्रभुलाल गर्ग, जन्म: 18 सितंबर, 1906, हाथरस, उत्तर प्रदेश; मृत्यु: 18 सितंबर, 1995) भारत के प्रसिद्ध हिन्दी हास्य कवि थे। उन्हें हिन्दी हास्य व्यंग्य कविताओं का पर्याय माना जाता है। काका हाथरसी की शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही थी, वर्तमान में भी अनेक लेखक और व्यंग्य कवि काका …

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जश्ने ईद मनाऊँ कैसे: Hindi Poem On Eid Celebration

Hindi Poem About Eid Celebration जश्ने ईद मनाऊँ कैसे

जश्ने ईद मनाऊँ कैसे: Hindi Poem On Eid Celebration – ईद उल-फ़ित्र या ईद उल-फितर मुस्लमान रमज़ान उल-मुबारक के एक महीने के बाद एक मज़हबी ख़ुशी का त्यौहार मनाते हैं। जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इसलामी कैलंडर के …

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शाकाहार: सौरभ जैन सुमन की शाकाहारी जीवन पर कविता

हमारी भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही शाकाहार की ओर जोर दिया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के कई अध्ययनों के बाद शाकाहार का डंका अब विश्व भर में बजने लगा है। शरीर पर शाकाहार के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए दुनिया भर में लोगों ने अब माँसाहार से किनारा करना शुरू कर दिया है। आज इसीलिये पूरे विश्वभर …

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जब दीप जले आना: रविन्द्र जैन का लोकप्रिय फ़िल्मी गीत

जब दीप जले आना: रविन्द्र जैन का लोकप्रिय फ़िल्मी गीत

जब दीप जले आना गीत चितचोर 1976 में बनी हिन्दी भाषा की रूमानी फिल्म से है। यह बासु चटर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म ताराचंद बड़जात्या द्वारा निर्मित एक राजश्री प्रोडक्शन्स फिल्म है। यह सुबोध घोष की एक बंगाली कहानी, चित्ताचोर पर आधारित है। के॰ जे॰ येशुदास और मास्टर राजू ने इस फिल्म के लिये 1976 का राष्ट्रीय फिल्म …

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मंगल भवन अमंगल हारी: रविंदर जैन का भक्ति गीत

Jaspal Singh Devotional Bhajan from Geet Gaata Chal राम सिया राम

Geet Gaata Chal is a Hindi film released in 1975. Produced by Tarachand Barjatya for Rajshri Productions, the film is directed by Hiren Nag. The film stars Sachin, Sarika, Madan Puri, Padma Khanna and Leela Mishra. The songs written and composed by Ravindra Jain. The movie is a remake of 1965 Bengali movie Atithi. मंगल भवन अमंगल हारी: जसपाल सिंह …

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नवकार मंत्र: Most significant mantra in Jainism

नवकार मंत्र: Most significant mantra in Jainism

नवकार मंत्र: Navakar Mantra The Ṇamōkāra Mantra (णमोकार मन्त्र), also variously referred to as the Navakar Mantra (नवकार मन्त्र), Namaskār Mantra (नमस्कार मन्त्र) or the Pancha Parameshti Namaskār, is the most significant mantra in Jainism. Jain Prakrit णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं Transliterated to …

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बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे: गोपाल सिंह नेपाली

Gopal Singh Nepali Spring Season Hindi Film Song बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे

गोपाल सिंह नेपाली (1911 – 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने “रतलाम टाइम्स”, चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें ‘सावन’, ‘कल्पना’, ‘नीलिमा’, ‘नवीन …

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