Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

आई है होली: होली स्पेशल बाल-कविता

आई है होली - डॉ. सरस्वती माथुर

आई है होली: होली स्पेशल बाल-कविता – होली का त्योहार मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि राक्षसों के राजा कश्यप और उसकी पुत्री दिति के दो पुत्र थे हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप। हिरण्याक्ष बलशाली तो था ही उसने ब्रह्मा की तपस्या से यह वरदान प्राप्त किया हुआ था कि न तो कोई मनुष्य, न भगवान और …

Read More »

आओ खेलें आज होली: शशि पाधा

आओ खेलें आज होली - शशि पाधा

होली खुशियों और भाईचारे का पर्व है, इस पर्व पर लोग आपसी गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग, गुलाल लगाकर होली मनाते हैं। होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस दिन होली जलाई जाती है और इसके अगले दिन रंग और गुलाल के साथ होली खेली जाती है, जिसे धुलंडी नाम से जाना जाता है। धुलंडी …

Read More »

बुरा न मानो होली है: होली पर बाल-कविता

बुरा न मानो होली है - होली पर बाल-कविता

होली का त्योहार भारत में फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह रंगों और खुशियों का त्योहार है। बच्चों में इस दिन बड़ा ही उत्साह रहता है। कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन इस दिन के अवसर के लिए घरों में बनाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सभी लोगों को सारे गिले-शिकवे मिटाकर दोस्ती कर …

Read More »

वीर शिवाजी: छत्रपति शिवाजी पर वीर रस कविता

वीर शिवाजी: छत्रपति शिवाजी पर वीर रस कविता

वीर शिवाजी भोसले का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोसले सेनापति थे और उनकी माता जीजाबाई एक धार्मिक महिला थीं। मां से ही शिवाजी को धर्म और आध्यात्म की शिक्षा मिली थी। वीर शिवाजी बचपन से ही सामंती प्रथा के खिलाफ थे और मुगल शासकों द्वारा प्रजा के प्रति क्रूर …

Read More »

खण्डकाव्य चंद्रशेखर आजाद कुछ चुनिंदा अंश: श्रीकृष्ण सरल

खण्डकाव्य चंद्रशेखर आजाद कुछ चुनिंदा अंश: श्रीकृष्ण सरल

श्रीकृष्ण सरल उन भारतीय कवियों और लेखकों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय क्रांतिकारियों पर अनेक पुस्तकें लिखीं, जिनमें पन्द्रह महाकाव्य हैं। सरल जी ने अपना सम्पूर्ण लेखन भारतीय क्रांतिकारियों पर ही किया है। उन्होंने लेखन में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सर्वाधिक क्रांति-लेखन और सर्वाधिक महाकाव्य (पन्द्रह) लिखने का श्रेय सरलजी को ही जाता है। 1 जनवरी 1919 …

Read More »

कनुप्रिया (इतिहास: सेतु – मैं): धर्मवीर भारती

Dharamvir Bharati

कनुप्रिया (इतिहास: सेतु – मैं): धर्मवीर भारती धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक और सामाजिक विचारक थे। नीचे की घाटी से ऊपर के शिखरों पर जिस को जाना था वह चला गया – हाय मुझी पर पग रख मेरी बाँहों से इतिहास तुम्हें ले गया! सुनो कनु, सुनो क्या मैं सिर्फ एक …

Read More »

फूल मोमबत्तियां सपने: धर्मवीर भारती

फूल मोमबत्तियां सपने: धर्मवीर भारती धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। उनका जन्म इलाहाबाद के अतर सुइया मुहल्ले में हुआ। उनके पिता का नाम श्री चिरंजीव लाल वर्मा और माँ का श्रीमती चंदादेवी था। स्कूली शिक्षा डी. ए. वी हाई स्कूल में हुई और उच्च शिक्षा …

Read More »

आओ मिलकर पेड़ लगायें: सुरिंदर शर्मा

आओ मिलकर पेड़ लगायें: सुरिंदर शर्मा

आओ मिलकर पेड़ लगायें: वृक्षारोपण पर कविता वृक्ष लगाने के लाभों पर हमारे पूर्वजों द्वारा लंबे समय तक जोर दिया गया है। पेड़ों की पूजा करना पेड़ लगाने के लाभों को स्वीकार करने का एक और तरीका है। पेड़ हमें छाया, फल, फूल और छाल प्रदान करते हैं। लेकिन पेड़ लगाने के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में ताजा हवा (ऑक्सीजन) और …

Read More »

तू तुम आप: Bal Kavita on Good Manners & Etiquette

तू तुम आप - ओमप्रकाश बजाज - Bal Kavita on Good Manners & Etiquettes

तू तुम आप: ओमप्रकाश बजाज जी की शिष्टाचार एव आदर भाव पर हिंदी कविता तू तुम आप: शिष्ट या सभ्य पुरुषों का आचरण शिष्टाचार कहलाता है। दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार, घर आने वाले का आदर करना, आवभगत करना, बिना द्वेष और नि:स्वार्थ भाव से किया गया सम्मान शिष्टाचार कहलाता है। शिष्टाचार से जीवन महान् बनता है। हम लघुता सं …

Read More »

मिठाई: ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता

Mithai by Om Prakash Bajaj

भारतीय मिठाई पर ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाइयाँ बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को ‘हलवाई’ कहते हैं। भारत की संस्कृति …

Read More »