Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

बाप का कंधा Hindi Wisdom poem from Father to Son

Hindi Wisdom poem from Father to Son बाप का कंधा

बाप का कंधा: पिता दिवस या फ़ादर्स डे के सम्मान में मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया मुझसे कहने लगा देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया मैंने कहा बेटा – इस गलत फ़हमी में भले ही जकड़े रहना मगर मेरा हाथ पकड़े रहना जिस दिन यह हाथ छूट जाएगा बेटा तेरा रंगीन …

Read More »

अकेले हम अकेले तुम Father Son Heart Touching Hindi Song

Father Son Heart Touching Hindi Song अकेले हम अकेले तुम

अकेले हम अकेले तुम: मजरूह सुल्तानपुरी अकेले हम, अकेले तुम जो हम तुम संग है तो फिर क्या ग़म तू मेरा दिल, तू मेरी जान, O I love you Daddy, तू मासूम, तू शैतान, But you Love me Daddy… यू तो है तू नन्हा सा है मगर गुरु सब का और इसी शरारत से दिल जिगर है तू सब का कहने …

Read More »

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए Father’s Day Funny Hindi Song

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए: आनंद बक्षी

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए: आनंद बक्षी ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए गाना आये या ना आये गाना चाहिए बेटा बजाओ ताली गाते हैं हम कव्वाली बजने दो एक तारा छोड़ो ज़रा फव्वारा ये बाल्टी उठाओ ढोलक इसे बनाओ बैठे हो क्या ये लेकर ये घर है या है थिएटर पिक्चर नहीं है जाना बाहर नहीं है आना …

Read More »

ऐ मेरे बेटे सुन मेरा कहना: पितृ दिवस पर फ़िल्मी गीत

ऐ मेरे बेटे सुन मेरा कहना - साहिर लुधियानवी

आ गले लग जा 1973 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है जिसका निर्देशन मनमोहन देसाई ने किया है। इसमें शशि कपूर, शर्मिला टैगोर और शत्रुघ्न सिन्हा हैं। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट बनी थी। फिल्म अपने अद्भुत हिट गानों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें साहिर लुधियानवी के गीतों के साथ आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा संगीत था। इस फिल्म …

Read More »

मेरी प्यारी माँ: मातृ दिवस हिंदी बाल-कविता

मेरी प्यारी माँ तू कितनी प्यारी है

दिवस, मातृ और दिवस शब्दों से मिलकर बना है जिसमें मातृ का अर्थ है मां और दिवस यानि दिन। इस तरह से मातृ दिवस का मतलब होता है मां का दिन। पूरी दुनिया में मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना …

Read More »

माँ तो माँ होती है: मातृ दिवस पर कविता

माँ तो माँ होती है - ओम प्रकाश बजाज

मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, …

Read More »

मेरी माँ: मदर्स डे पर हिंदी बाल-कविता

मेरी माँ - यांशिका तंवर Mothers Day Special Hindi Poem

आधुनिक मातृ दिवस का अवकाश ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया था। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं। जैसे कि पिताओं को सम्मान देने के लिए पितृ दिवस …

Read More »

मेरी माँ: मातृ दिवस पर बाल-कविता

मेरी माँ - प्रभगुन सिंह - Short Hindi Poem on Mother

मातृ दिवस मनाने का शुरुआत सर्वप्रथम ग्रीस देश में हुई थी, जहां देवताओं की मां को पूजने का चलन शुरु हुआ था। इसके बाद इसे त्योहार की तरह मनाया जाने लगा। हर मां अपने बच्चों के प्रति जीवन भर समर्पित होती है। मां के त्याग की गहराई को मापना भी संभव नहीं है और ना ही उनके एहसानों को चुका …

Read More »

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ तितली उड़ती, चिड़िया उड़ती कुछ न कुछ करते रहना दादाजी की बड़ी दवात गरमी की छुट्टी का मतलब होगी पेपर लेस पढ़ाई सूरज चाचा पानी बनकर आऊँ नदी बनूँ शीत लहर फिर आई जीत के परचम पर्यावरण बचा लेंगे हम हँसी-हँसी बस, मस्ती-मस्ती खुशियों के मजे कंधे पर नदी बूंदों की चौपाल अपना फर्ज निभाता …

Read More »

काका हाथरसी के दोहे

काका हाथरसी के दोहे

सन १९०६ में हाथरस में जन्मे काका हाथरसी (असली नाम: प्रभुनाथ गर्ग) हिंदी व्यंग्य के मूर्धण्य कवि थे। उनकी शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही, आज भी अनेकों लेखक और व्यंग्य कवि काका की रचनाओं की शैली अपनाकर लाखों श्रोताओं और पाठकों का मनोरंजन कर रहे हैं। व्यंग्य का मूल उद्देश्य लेकिन मनोरंजन नहीं …

Read More »