बचपन के दिन किसी भी व्यक्ति के जीवन के बड़े महत्वपूर्ण दिन होते हैं। बचपन में सभी व्यक्ति चिंतामुक्त जीवन जीते हैं। खेलने उछलने-कूदने, खाने-पीने में बड़ा आनंद आता है। माता-पिता, दादा-दादी तथा अन्य बड़े लोगों का प्यार और दुलार बड़ा अच्छा लगता हैं। हमउम्र बच्चों के साथ खेलना-कूदना परिवार के लोगों के साथ घूमना-फिरना बस ये ही प्रमुख काम …
Read More »नानक दुखिया सब संसार: जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता
Gautam Buddha said that this world is a world of sorrows. Here Guru Nanak is saying the same. Except for few illusory moments of mirth, rest of the life is a struggle and frustration. नानक दुखिया सब संसार बूढ़ा बाप पड़ा बीमार माँ की बेटे से तकरार इस का रुठ गया है यार नानक दुखिया सब संसार गुंडा लेकर हुआ …
Read More »सयानी बिटिया – हिंदी कविता: बेटियां होती है पराया धन
जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को अपना घर समझे जीवन-भर कब जानी बिटिया चॉकलेट भैया को भाये पाती है गुड़धानी बिटिया सारा जीवन इच्छाओं की देती है कुर्बानी बिटिया चौका, चूल्हा, झाडू, बर्तन भूल गई शैतानी बिटिया हल्दी, बिछूए, कंगल …
Read More »मेघ आये बड़े बन ठन के, सँवर के: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
भारत में मॉनसून हिन्द महासागर व अरब सागर की ओर से हिमालय की ओर आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है। जब ये हवाएं भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं तो भारत तथा आसपास के देशों में भारी वर्षा होती है। ये हवाएं दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक सक्रिय रहती हैं। वैसे किसी …
Read More »इन्साफ़ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के: शकील बदायूंनी
आसान अल्फाज के जरिए सीधे दिल में उतरने वाले मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी के बगैर रूमानी फिल्मों की कहानियां अधूरी हैं। मगर, मकबूल शायर होने के बावजूद उन्हें वह जगह नहीं मिली जिसके वह हकदार थे। ‘मुगल-ए-आजम’ और ‘मदर इंडिया‘ जैसी कालजयी फिल्मों और ‘मेरे महबूब’, ‘गंगा-जमुना’ और ‘घराना’ जैसी अपने दौर की सुपरहिट फिल्मों को अपने नग्मों …
Read More »रुक जाना नहीं तू कहीं हार के: मजरूह सुल्तानपुरी
महान शायर और गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी का अपनी जिंदगी और शायरी के बारे में नजरिया कुछ ऐसा ही था जैसा कि उनका यह गीत कि ‘एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल‘। मुशायरों और महफिलों में मिली शोहरत तथा कामयाबी ने एक यूनानी हकीम असरारूल हसन खान को फिल्म जगत का एक अजीम …
Read More »अम्बर की एक पाक सुराही: अमृता प्रीतम
Here is a nice poem of Amrita Pritam based upon which a lovely song was composed for film Kadambari (1975) that was sung by Asha Bhonsle. The song differs significantly from the actual poem below. This had to be done to bring the lines into meter. The last stanza we hear in the song is not there in the poem …
Read More »हमारा तुम्हारा वतन एक है: वर्षा दीक्षित
भारत के प्राचीन और हिन्दू ग्रंथों में सिंधु नामक देश के बारे में उल्लेख मिलता है। इस सिंधु देश के बारे में ग्रंथों में विस्तार से लिखा हुआ है। सिंधु घाटी की सभ्यता का केंद्र स्थान है पाकिस्तान। इसी सभ्यता के दो नगर चर्चित है – मोहनजोदड़ो और हड़प्पा। यह सभ्यता बलूचिस्तान के हिंगलाज मंदिर से भारत के राजस्थान और …
Read More »आओ बच्चों तुम्हें दिखाये झाँकी हिंदुस्तान की: कवि प्रदीप
देश प्रेम और देश के लिए कुछ कर गुज़रने का जज़्बा हर नागरिक में होता है। हिंदी सिनेमा ने भी इस मोहब्बत और जज़्बे को बख़ूबी अभिव्यक्त किया है। आज भी देशभक्ति के कई ऐसे गाने हैं जो लोकप्रिय हैं। बदलते वक़्त के साथ इनकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा ही हुआ है। कुछ ऐसे बेशक़ीमती गीत हैं जो हर नागरिक को वतन के प्रति …
Read More »विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता
Here is an old classic poem by Rashtra Kavi Mathilisharan Gupt, praising the great and ancient motherland India. विजय भेरी: देश प्रेम कविता जीवन रण में फिर बजे विजय की भेरी। भारत फिर भी हो सफल साधना तेरी। आत्मा का अक्षय भाव जगाया तू ने, इस भाँति मृत्यु भय मार भगाया तू ने। है पुनर्जन्म का पता लगाया तू ने, …
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