Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

सिंधु में ज्वार: अटल बिहारी वाजपेयी की देश प्रेम कविता

सिंधु में ज्वार: अटल बिहारी वाजपेयी की देश प्रेम कविता

सिंधु में ज्वार: On the auspicious occasion of the birthday of our past Prime Minister Atal Ji, I am posting excerpt from an inspiring poem written by him. सिंधु में ज्वार: अटल बिहारी वाजपेयी आज सिंधु में ज्वार उठा है नगपति फिर ललकार उठा है कुरुक्षेत्र के कण–कण से फिर पांचजन्य हुँकार उठा है। शत–शत आघातों को सहकर जीवित हिंदुस्थान …

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पानी और धुप: सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रेरणादायी देश प्रेम कविता

पानी और धुप: सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रेरणादायी देश प्रेम कविता

पानी और धुप: Here is a poem written by the famous poetess Subhadra Kumari Chauhan at the time of freedom struggle of India. It depicts the desire of a child to learn the use of sword to ward off policemen who come to arrest the freedom fighter ‘Kaka’. पानी और धुप: सुभद्रा कुमारी चौहान अभी अभी थी धूप, बरसने, लगा …

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और भी दूँ: रामावतार त्यागी – पढ़ने मात्र से धधक उठेंगी देश भक्ति की ज्वाला

और भी दूँ: रामावतार त्यागी

और भी दूँ: रामावतार त्यागी, जो “त्यागी” के नाम से भी जाने जाते है (17 March 1925 – 12 April 1985) एक भारतीय हिंदी कवि थे। त्यागी ने 15 से भी ज्यादा किताबें लिखी थी और उनकी कविताएं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती है। रामावतार त्यागी का …

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आनंद बक्षी का देश भक्ति गीत: वतन पे जो फ़िदा होगा (फूल बने अंगारे)

आनंद बक्षी का देश भक्ति गीत: वतन पे जो फ़िदा होगा (फूल बने अंगारे)

वतन पे जो फ़िदा होगा: Here is an immortal poem of Anand Bakshi that was written for the 1963 movie “Phool Bane Angaare”. Such powerful and moving words never fail to moisten eyes. It is appropriate to refresh the memory of this song on this 15th of August. वतन पे जो फ़िदा होगा: आनंद बक्षी हिमाला की बुलंदी से, सुनो आवाज …

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मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन बावरा का देश प्रेम फ़िल्मी गीत

मेरे देश की धरती सोना उगले - गुलशन बावरा

मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन छह वर्ष की उम्र में कविता लिखने लगे थे। बचपन में ही मौत का दंश झेलने वाले गुलशन के गीतों में दर्द छलकता रहा। लोग इसमें डूबते रहे। विभाजन के बाद दिल्ली आकर यहां स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद मुंबई में गए और वहां संघर्ष शुरू हुआ। रेलवे में लिपिक की नौकरी की …

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चलो तिरंगे को लहरा लें: देशभक्ति के विषय पर बेहतरीन कविता

चलो तिरंगे को लहरा लें Patriotic poem in hindi

चलो तिरंगे को लहरा लें: पिंगली वैंकया ने पाँच सालों तक तीस विभिन्न देशों के राष्ट्रीय ध्वजों पर शोध किया और अंत में तिरंगे के लिए सोचा। 1921 में विजयवाड़ा में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में वैंकया पिंगली महात्मा गांधी से मिले थे और उन्हें अपने द्वारा डिज़ाइन लाल और हरे रंग से बनाया हुआ झंडा दिखाया। चलो तिरंगे को …

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लो आ गयी लोहड़ी वे: जावेद अख्तर

लो आ गयी लोहड़ी वे - जावेद अख्तर

लो आ गयी लोहड़ी वे,बना लौ जोड़ी वे,कलाई कोई यू थामो, ना जावे छोड़ी वे,ना जावे छोड़ी वेछूठ ना बोली वे,कुफर ना टोली वे,जो तुने खायी थी कसमे, इक इक तोड़ी वे,इक इक तोड़ी वेलो आ गयी लोहड़ी वे,बना लो जोड़ी वे…तेरे कुर्बान जावा, तेरी मर्ज़ी जान जावा,तोह हर बात मान जावा, तेरी सोनिये…ओय-ओय-ओय तेरे कुर्बान जावातेनु मै जान-दिया, खूब …

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सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा हो: लोहड़ी लोक गीत

Lohri Folk Song सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा हो

सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा होदुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले ती विआई हो,शेर शकर पाई हो, कुड़ी दे जेबे पाई हो,कुड़ी कौन समेटे हो, चाचा गाली देसे होचाचे चुरी कुटी हो, जिम्मीदारा लूटी हो,जिम्मीदार सुधाये हो, कुड़ी डा लाल दुपटा हो,कुड़ी डा सालू पाटा हो, सालू कौन समेटे हो,आखो मुंडियों ताना ‘ताना’, बाग़ तमाशे जाना ‘ताना’,बागों मनु कोडी लबी …

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हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक

Happy New Year Funny Hindi Poem हैप्पी न्यू इयर

हैप्पी न्यू इयर: सरदार टूक टूक – नव वर्ष का यह उत्सव पूरी दुनिया में बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। सभी लोगों का मानना है कि नया साल हमेशा नई उम्मीदें और खुशियां लेकर आता है। इसलिए सभी लोग नए साल के अवसर पर खुशी से इसका स्वागत करते है। सभी लोग 31 दिसंबर की रात …

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नया साल मुबारक: घनश्याम दास आहूजा की नव वर्ष पर हिंदी कविता

नया साल मुबारक: घनश्याम दास आहूजा की नव वर्ष पर हिंदी कविता

नया साल मुबारक: नया साल हमें नई परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रेरित करता है और हमें अपना जीवन नए उत्साह और आनंद के साथ जीने की ऊर्जा देता है। नए साल में हम पिछले साल की अपनी गलतियों से सीखते हैं, नया संकल्प या शपथ लेते हैं और पूरी ऊर्जा के साथ अपने काम को पूरा करने में लग …

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