फूल–सी हो फूलवाली। किस सुमन की सांस तुमने आज अनजाने चुरा ली जब प्रभा की रेख दिनकर ने गगन के बीच खींची। तब तुम्हीं ने भर मधुर मुस्कान कलियां सरस सींची, किंतु दो दिन के सुमन से, कौन–सी यह प्रीति पाली प्रिय तुम्हारे रूप में सुख के छिपे संकेत क्यों हैं और चितवन में उलझते प्रश्न सब समवेत क्यों हैं …
Read More »भारत का आधार हिंदी Short Poem on Hindi Divas
भारत का आधार हिंदी Short Poem on Hindi Divas भारत का आधार है हिंदी, भारतीय का संस्कार है हिंदी। भारत माँ का प्यार है हिंदी, जय हिन्द का प्रचार है हिंदी।। हिन्द का अभियान है हिंदी, मुस्लिम का ईमान है हिंदी। सिक्खों का गर्व है हिंदी, भारत में एक पर्व है हिंदी।। कविता का उद्गार है हिंदी, अंधकार में प्रकाश …
Read More »शिक्षक – विनीता सैमुअल
जीवन में जो राह दिखाए, सही तरह चलना सिखाए। मात-पिता से पहले आता, जीवन में सदा आदर पाता। सबको मान प्रतिष्ठा जिससे, सीखी कर्तव्यनिष्ठा। कभी रहा न दूर मैं जिससे, वह मेरा पथदर्शक है जो। मेरे मन को भाता, वह मेरा शिक्षक कहलाता। कभी है शांत, कभी है धीर, स्वभाव में सदा गंभीर, मन में दबी रहे ये इच्छा, काश …
Read More »ये शिक्षक कहलाते हैं: हिंदी कविता
रोज सुबह मिलते है इनसे, क्या हमको करना है, ये बतलाते हैं। ले के तस्वीरें इन्सानों की, सही गलत का भेद हमें, ये बतलाते हैं। कभी ड़ांट तो कभी प्यार से, कितना कुछ हमको, ये समझाते हैं। है भविष्य देश का जिन में, उनका सबका भविष्य, ये बनाते हैं। है रगं कई इस जीवन में, रगों की दुनिया से पहचान, …
Read More »साइंस टीचर – आयुष डांगी
ये हैं हमारे साइंस के टीचर, जिनमें हैं कई मेन फीचर। ताकत उनकी इतनी सुपर, चाहें तो उठा दें स्कूटर। पढ़ना उनका है एक गुण, न है उनमे कोई अवगुण। साइंस में हैं वो हमारे लीडर, प्रॉब्लम सोल्वे करें जैसे कम्प्यूटर। हम न करें कभी उनकी निंदा, दिखने में एकदम हैं गोविंदा। ∼ आयुष डांगी [Class – 7th (B), Maria Assamvata …
Read More »देवा श्री गणेशा – अमिताभ भट्टाचार्य
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा ज्वाला सी जलती है आँखो मे जिसके भी दिल मे तेरा नाम है पर्वा ही क्या उसका आरंभ कैसा है और कैसा परिणाम है धरती अंबर सितारे, उसकी नज़रे उतारे डर भी उससे डरा रे, जिसकी रखवालिया रे करता साया तेरा हे देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा तेरी भक्ति तो …
Read More »मोरया रे – जावेद अख्तर
मेरे सारे पलछिन सारे दिन तरसेंगे सुन ले तेरे बिन तुझको फिर से जलवा दिखाना ही होगा अगले बरस आना है आना ही होगा देखेंगी तेरी राहें, प्यासी प्यासी निगाहें तो मान ले तू मान भी ले कहना मेरा लौट के तुझको आना है सुन ले कहता दीवाना है जब तेरा दर्सन पाएंगे चैन तब हमको पाना है मोरया मोरया …
Read More »इसी देश में – प्रभुदयाल श्रीवास्तव
इसी देश में कृष्ण हुये हैं, इसी देश में राम। सबसे पहिले जाना जग ने, इसी देश का नाम। इसी देश में भीष्म सरीखे, दृढ़ प्रतिज्ञ भी आये। इसी देश में भागीरथजी, भू पर गंगा लाये। इसी देश में हुये कर्ण से, धीर वीर धन दानी। इसी देश में हुये विदुर से, वेद ब्यास से ज्ञानी। सत्य अहिंसा प्रेम सिखाना, …
Read More »कदम कदम बढ़ाये जा – राम सिंह ठाकुर
कदम कदम बढ़ाये जा खुशी के गीत गाये जा, ये जिंदगी है क़ौम की तू क़ौम पे लुटाये जा… तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़ मरने से तू कभी न डर, उड़ा के दुश्मनों का सर जोश-ए-वतन बढ़ाये जा… कदम कदम बढ़ाये जा खुशी के गीत गाये जा, ये जिंदगी है क़ौम की तू क़ौम पे लुटाये जा… हिम्मत तेरी बढ़ती रहे …
Read More »जब जीरो दिया मेरे भारत ने – इन्दीवर
जब जीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आयी, तारो की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाई, देता ना दशमलव भारत तो, यू चांद पे जाना मुश्किल था, धरती और चांद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था, सभ्यता जहाँ पहले आयी, पहले जन्मी है जहाँ पे कला, अपना भारत वो भारत है, जिस के पीछे संसार …
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