भागी रे भागी रे भागी, ब्रिज बाला, ब्रिज बाला कान्हा ने पकड़ा रंग डाला हे, भागा रे भागा रे भागा नन्द लाला, नन्द लाला राधा ने पकड़ा रंग डाला भाडा हे रंग, अदा प्यार मेरा… दिल जाये गा, गोरी रूप तेरा भीड़ बदरिया रास्त मह तेरा… भय की बहिना देवाला भागा रे भागा रे भागा, नन्द लाला, नन्द लाला राधा …
Read More »बहक गए टेसू – क्षेत्रपाल शर्मा
बहक गए टेसू निरे, फैले चहुँ, छतनार मौसम पाती लिख रहा, ठगिनी बहे बयार अष्ट सिद्धि नौ निधि भरा, देत थके को छाँव नंद गाँव भी धन्य है, धन्य आप का गाँव पीले फूलों से सजी, सरसों की सौगात कहती ज्यों सौगंध से, छुओ न हमरे गात भीग गए ये कंठ पर, पलक न भीजें आज नैन झुके, झुकते गए, …
Read More »नाम उसका राम होगा – श्याम नारायण पाण्डेय Devotional Hindi Poem
गगन के उस पार क्या पाताल के इस पार क्या है? क्या क्षितिज के पार, जग जिस पर थमा आधार क्या है? दीप तारों की जलाकर कौन नित करता दिवाली? चाँद सूरज घूम किसकी आरती करते निराली? चाहता है सिंधु किस पर जल चढ़ा कर मुक्त होना? चाहता है मेघ किसके चरण को अविराम धोना? तिमिर–पलकें खोलकर प्राची दिशा से …
Read More »हाथ बटाओ Thoughtful Hindi Poem from Nida Fazli
नील गगन पर बैठे कब तक चांद सितारों से झांकोगे पर्वत की ऊंची चोटी से कब तक दुनियां को देखोगे आदर्शों के बन्द ग्रंथों में कब तक आराम करोगे मेरा छप्पर टपक रहा है बन कर सूरज इसे सुखाओ खाली है आटे का कनस्तर बन कर गेहूं इसमें आओ मां का चश्मा टूट गया है बन कर शीशा इसे बनाओ …
Read More »होली की शुभकामनाएं – सुरेशचन्द्र ‘विमल’
होली का पर्व सुहाना यह, सारी खुशियाँ घर लाना है। अब निशा दुखों की विदा हुई, सुरभित दिनकर फिर आया है॥ धर्म, जाति, भाषा के हम, वाद – विवादों में पड़कर। अपनों को थे हम भूल गए, थे भटक गए थोड़ा चलकर॥ मंदिर – मस्जिद में हम अटके, मानवता को विस्मृत करके। निज स्वार्थ जाल में फंसे रहे, मन – मंदिर को कुलषित …
Read More »कैपोचे – हम दिल दे चुके सनम – समीर
कैपोचे आय ढील दे ढील देदे रे भैया… उस पतंग को ढील दे जैसी ही मस्ती मे आये अरे जैसी ही मस्ती मे आये उस पतंग को खींच दे ढील दे ढील देदे रे भैया तेज़ तेज़ तेज़ है मांजा अपना तेज़ है… ऊंगली कट सकती है बाबु.. तो पतंग क्या चीज़ है ढील दे ढील देदे रे भैया.. उस …
Read More »अरी छोड़ दे सजनिया – नागिन
अरी छोड़ दे सजनिया छोड़ दे पतंग मेरी छोड़ दे ऐसे छोडू ना बलमवा नैनवा की डोर पहले जोड़ दे आशाओं का मांजा लगा रंगी प्यार से डोरी तेरे मोहल्ले उड़ते उड़ते आई चोरी चोरी बैरी दुनिया कहीं ना तोड़ दे पतंग मेरी छोड़ दे, ऐसे छोडू ना बलमवा नैनवा की डोर पहले जोड़ दे अरमानो की डोर टूटने खड़े …
Read More »चली चली रे पतंग – राजिंदर कृष्ण
चली-चली रे पतंग मेरी चली रे… चली बादलो के पार हो के डोर पे सवार साड़ी दुनिया ये देख-देख जली रे चली-चली रे पतंग… यू मस्त हवा मे लहराए जैसे उड़न खटोला उदा जाए… ले के मन मे लगन जैसे कोई दुल्हन चली जाए सावरिया की गली रे चली-चली रे पतंग… रंग मेरी पतंग का धानी है ये नील गगन …
Read More »तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा: साहिर लुधियानवी
तू हिन्दु बनेगा ना मुसलमान बनेगा इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा। अच्छा है अभी तक तेरा कुछ नाम नहीं है तुझको किसी मजहब से कोई काम नहीं है जिस इल्म ने इंसान को तकसीम किया है उस इल्म का तुझ पर कोई इलज़ाम नहीं है तू बदले हुए वक्त की पहचान बनेगा। मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया …
Read More »विश्व–सुंदरी Gopal Singh Nepali Hindi Poem about Beauty Queen
जल रहा तुम्हारा रूप–दीप कुंतल में बांधे श्याम घटा नयनों में नभ की नील छटा अधरों पर बालारुण रंजन मृदु आनन में शशी–नीराजन जल रहा तुम्हारा रूप–दीप भौंहों में साधे क्षितिज–रेख तुम अपनी रचना रहीं देख हाथों में विश्व–कमल सुन्दर मधु–मधुर कंठ में कोकिल–स्वर जल रहा तुम्हारा रूप–दीप सुन्दरी तुम्हारे कुसुम बाण उड़ चले चूमने प्राण–प्राण दिशिदिशि से जयजयकार उठा …
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