आया तीजां का त्यौहार, आज मेरा बीरा आवैगा। सामण में बादल छाए, सखियां नै झूले पाए। मैं कर लूं मौज बहार, आज मेरा बीरा आवैगा। आया तीजां का त्योहार, आज मेरा बीरा आवैगा। मेरे मन में चाव घणा सै. क्या सुंदर समै बणा सै। मन्नै कर द्यो तुरत तैयार, आज मेरा बीरा आवैगा। आया तीजां का त्यौहार, आज मेरा बीरा …
Read More »Hindi Bal Kavita on Wild Thoughts सोच रहा हूँ
सोच रहा हूँ, इस गर्मी में, चन्दा मामा के घर जाऊं। मामा मामी नाना नानी, सबको कम्प्यूटर सिखलाऊँ। सोच रहा हूँ पंख खरीदूं, उन्हें लगाकर नभ् में जाऊं। ज्यादा ताप नहीं फैलाना, सूरज को समझाकर आऊँ। सोच रहा हूँ मिलूं पवन से, शीतल रहो उन्हें समझाऊं। ज्यादा ऊधम ठीक नहीं है, उसे नीति का पाठ पढ़ाऊँ। सोच रहा हूँ रूप …
Read More »Hindi Poem about coming home – जब मैं घर जाती हूँ
आजकल जब मैं घर जाती हूँ, एक वासंती पवन मेरी जानिब चली आती है। घेर लेती है मुझे अपने आगोश में, जिन्दगी हर ओर मुस्कुराती है। मैं महकने लगती हूँ, इक खनकती घण्टियों सी हँसी घर को मंदिर बना देती है। वो चमकीली आँखों वाली मेरी लाडली मेरे जीवन की अखंड बाती है। ~ उषा रावत
Read More »Hasya Vyang Bal Kavita on Inflation श्रम करने पर रुपये मिलते
घर में रुपये नहीं हैं पापा, चलो कहीं से क्रय कर लायें। सौ रुपये कितने में मिलते, मंडी चलकर पता लगायें। यह तो पता करो पापाजी, पाँच रुपये कितने में आते| एक रुपये की कीमत क्या है, क्यों इसका न पता लगाते। नोट पाँच सौ का लेना हो, तो हमको क्या करना होगा। दस का नोट खरीदेंगे तो, धन कितना …
Read More »Wisdom Hindi Bal Kavita भूल कर भी
भूल कर भी कभी यह न सोचो, कि तुम सब कुछ जानते हो। फूल, फल, पेड़, अनाज, सब्जियां, रंग, सब को भली भांति पहचानते हो। ऐसा सोचने वाला कभी भी, कुछ नया सीख नहीं पता है। अपने दर्प में अकड़ा जकड़ा, जानने का हर अवसर गवाता है। इतनी बड़ी इस दुनिया में न जाने, कितना कुछ भरा समाया है। जीवन …
Read More »Inspirational Hindi Song जिसका कोई नहीं उसका तो ख़ुदा है यारों
हे हे हे इक दिन किसी फ़क़ीर ने इक बात कही थी अब जा के दिल ने माना माना वो बात सही थी जिसका कोई नहीं उसका तो ख़ुदा है यारों -२ (मैं नहीं कहता) -२ किताबों में लिखा है यारों जिसका कोई नहीं… (हम तो क्या हैं) -२ वो फ़रिश्तों को आजमाता है -२ बनाकर हमको मिटाता है फिर …
Read More »Bal Kavita on Homemade Pickles अचार
भोजन का स्वाद बढ़ाता अचार, मुँह में पानी ले आता अचार। बूढ़े- बच्चे सब को भाता अचार, घर में बनाया जाता अचार। बना बनाया भी आता अचार, कई चीज़ो का बनता अचार। आम, मिर्च, आंवला, निंबू, गाजर, शलगम, कटहल का बनता अचार। कई मसालों के पड़ने से चटपटा, स्वादिष्ट तीखा बन पाता अचार। आचार- चटनी अधिक न खाना, गला भी …
Read More »Hasya Vyang Hindi Poem वेदना – बेढब बनारसी
आह वेदना, मिली विदाई निज शरीर की ठठरी लेकर उपहारों की गठरी लेकर जब पहुँचा मैं द्वार तुम्हारे सपनों की सुषमा उर धारे मिले तुम्हारे पूज्य पिताजी मुझको कस कर डाँट बताई आह वेदना, मिली विदाई प्रची में ऊषा मुस्काई तुमसे मिलने की सुधि आई निकला घर से मैं मस्ताना मिला राह में नाई काना पड़ा पाँव के नीचे केला …
Read More »Namaz Poetry in Hindi नमाज याद रखना
रमजाने-पैगाम याद रखना, हर वक्त हो नमाज याद रखना। आयतें उतरी जमीं पे जिस रोज, अनवरे-इलाही आयी उस रोज। इनायत खुदा की न कभी भूलना, हर वक्त हो नमाज याद रखना। खयानत का ख्याल तू दिल से निकाल दे, खुदी को मिटा खुदाई में तस्लीम कर दे। क़यामत के कहर में भी ये कलाम न छोड़ना, हर वक्त हो नमाज …
Read More »Hindi Poem on Man’s Status आदमी की औकात
औरत के दिल को पढ़ना भले मुश्किल हो गया हो, आदमी की औकात को पढ़ना हमेशा से आसान काम रहा है। एक माचिस की तिल्ली, एक घी का लोटा, लकड़ियों के ढेर पे कुछ घण्टे में राख… बस इतनी-सी है आदमी की औकात! एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया, अपनी सारी ज़िन्दगी, परिवार के नाम कर गया। कहीं रोने …
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