During the third century B.C.E. the spread of Buddhism was furthered by Ashoka (270-232), the third of the Mauryan kings who created the first pan-Indian empire. Ashoka was converted to Buddhism by a Theravada monk and, after a bloody war of conquest against the neighboring state of Kalinga, he recognized that such aggression violated the principles of Buddhism. From this …
Read More »Lord Rama: Hindu God
Characteristics: Morality, Virtue, Ideal son, Ideal king Other Names: Shri Ram, Ramachandra, Maryada Purushottama Principal Scripture: Ramayana Consort: Goddess Sita Mula Mantra: Om Sri Ramaya Namah Rama Gayatri Mantra: Aum Dasarathaye Vidmahe Sitavallabhaya Dheemahi Tanno Ramah Prachodayat Lord Rama is known as the seventh incarnation of Lord Vishnu. Rama, the perfect avatar of the Supreme Protector Vishnu, has always been …
Read More »Lord Vishnu: Hindu God
Characteristics: Protector, Preserver Other Names: Narayan, Adinath, Hrishikesh, Badrinath Principal Scriptures: Vishnu Purana, Vishnu Sahasranama Consort: Lakshmi, The Goddess of Wealth Abode: Vaikuntha Mount (Vahana): Garuda (The Eagle Bird) Weapon: Chakra and Gada (mace) Mula Mantra: Om Namo Bhagwate Vasudevaya Vishnu Gayatri Mantra: Om Narayanaya Vidmahee Vasudevaya Dheemahi Tanno Vishnu Prachodayaat Lord Vishnu is considered as the chief god in …
Read More »कंजक पूजन
कुमारी पूजन में केवल 10 वर्ष तक की कन्या को ही शामिल किया जाना चाहिए। इससे बड़ी उम्र की कन्या को कुमारी पूजन के लिए वर्जित माना गया है। अलग-अलग आयु की कन्याओं का अलग-अलग स्वरूप माना जाता है। कुमारी पूजन से मिलती है सुख-संपदा नवरात्रि में कुमारी पूजन या ‘कंजक पूजन’ का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि …
Read More »एकादशी का व्रत
ये बात बिल्कुल सही है कि एकादशी का व्रत करने से भगवान श्री हरि बड़े प्रसन्न होते हैं तथा वे मनुष्य का दुर्भाग्य, गरीबी व क्लेश समाप्त कर देते हैं परंतु समझने वाली बात यह है कि जो भगवान श्री हरि अपनी भक्ति से प्रसन्न होकर या हरि भक्ति के एक अंग एकादशी से प्रसन्न होकर हमारा दुर्भाग्य हमेशा-हमेशा के …
Read More »गोवत्स द्वादशी (बछवारस) व्रत
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली द्वादशी को गोवत्स द्वादशी के नाम से जाना जाता हैं। इसे बछवारस भी कहते हैं। 9 सितंबर, बुधवार को यह त्यौहार मनाया जाएगा। इस रोज पुत्रवती महिलाएं गाय व बछड़ों की पूजा करती हैं। कैसे करें पूजन
Read More »माता-पिता का श्राद्ध
एक दोस्त हलवाई की दुकान पर मिल गया। मुझसे कहा- “आज माँ का श्राद्ध है, माँ को लड्डू बहुत पसन्द है, इसलिए लड्डू लेने आया हूँ”। मैं आश्चर्य में पड़ गया। अभी पाँच मिनिट पहले तो मैं उसकी माँ से सब्जी मंडी में मिला था। मैं कुछ और कहता उससे पहले ही खुद उसकी माँ हाथ में झोला लिए वहाँ आ …
Read More »क़ुरबानी का दूसरा नाम औरत
औरत सबसे पहले उठे, सहरी बनाए, सबसे आख़िर में खाए, फिर रोज़ा रखे, दोपहर में बच्चों के लिए पकाए, फिर चार बजे से अपने शोहर और ससूराल वालों या घर वालों के लिए अफ़तारी और खाना बनाने के लिए जुत जाती है, पकोड़े, दही भल्ले, छोले वग़ेरह बनाए फिर भी यही धड़का के पता नहीं शोहर, बाप, या सास ससुर …
Read More »हिन्दू मूर्ती पूजा क्यों करते हैं
कोई कहे की की हिन्दू मूर्ती पूजा क्यों करते हैं तो उन्हें बता दें मूर्ती पूजा का रहस्य: स्वामी विवेकानंद को एक राजा ने अपने भवन में बुलाया और बोला, “तुम हिन्दू लोग मूर्ती की पूजा करते हो! मिट्टी, पीतल, पत्थर की मूर्ती का! पर मैं ये सब नही मानता। ये तो केवल एक पदार्थ है।” उस राजा के सिंहासन …
Read More »भिन्नता सफर की!
ट्रेन में सफ़र करते समय मन में विचार आया। सफर के दौरान कितने खूबसूरत द्रश्य हमारी आँखों के सामने से गुजर जाते हैं पर हमे उससे कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता! क्यों? थोडी देर के बाद आँखों के सामने कुछ देर के लिए आते है ऐसे द्रश्य जो हम देखना पसंद नहीं करते मसलन गन्दी नालिया या कचरों के ढेर …
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