Stories For Kids

अद्भुत मेंढक: जंतु विज्ञान का स्कूल प्रोजेक्ट जिसने सब को चौका दिया

अद्भुत मेंढक

मोंटी और उसकी बहन सोनी एक ही कक्षा में पढ़ते थे। उनकी जंतु विज्ञान में बहुत गहरी रुचि थी। कक्षा 10 की विज्ञान कौ अध्यापिका ने सभी बच्चों को जंतु विज्ञान पर एक प्रोजैक्ट बनाने के लिए कहा। “मोंटी हम दोनों मिलकर एक ही प्रोजैक्ट बना लेते हैं… मैडम से मैंने पूछ लिया है” सोनी ने कहा। “वह तो ठीक …

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सच्ची दीपावली: गरीब की दिवाली पर हृदयविदारक कथा बच्चों के लिए

सच्ची दीपावली: गरीब की दिवाली पर हृदयविदारक कथा

सच्ची दीपावली: गरीब की दिवाली – दीपावली का पर्व नजदीक आ रहा था और स्कूल में सभी बच्चों के मन में मानों खुशियों के पंख लग गए थे और वे तमाम तरीके से रोज नए पटाखों की लिस्ट बनाते और फिर अचानक दूसरे पटाखे याद आ जाते तो पहली लिस्ट के चिंदे करके चारों ओर उड़ा देते। कोई अपने लिए …

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चुन्नू की इको फ्रेंडली दिवाली: जन जागरूकता पर प्रेरक हिंदी बाल कहानी

इको फ्रेंडली दिवाली

इको फ्रेंडली दिवाली: सात साल का चुन्नू सुबह से ही पटाखे खरीदने की जिद कर रहा था। वह पापा के पास आते हुए बोला – “पटाखे लेने चलो, मेरे सब दोस्त ले आये है”। “अरे, बेटा, तुम पहले अपना होमवर्क तो खत्म कर लो फ़िर समय नहीं मिलेगा”। “अभी तो स्कूल खुलने में चार दिन है, आप पहले पटाखे लेने …

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दिवाली की रात: दिवाली पर हिंदी जासूसी कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

Hindi Detective Story about Diwali and Thieves दीवाली की रात

दिवाली की रात: चन्दन चौदह वर्षीय एक चंचल और चतुर लड़का था। घर से लेकर स्कूल तक सभी उसकी बुद्धिमानी का लोहा मानते थे। जितना वह पढ़ाई लिखाई में अच्छा था उतना ही खेल कूद में भी। हर साल की तरह इस बार भी उसने और उसके दोस्तों ने दिवाली को बड़े ही धूम-धाम से मनाने का निश्चय किया। बच्चों की …

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शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: एक बहादुर चरवाहे की कहानी

शिबू ने लालटेन जलाई - सबने दिवाली मनाई: मंजरी शुक्ला

शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: बहुत समय पहले की बात है… एक गाँव था शिवपुर। उसी गाँव में एक चरवाहा रहता था, बहुत ही सीधा और भोला-भाला बिना किसी लालच और बिना किसी स्वार्थ के सबके दुःख सुख में एक पैर से खड़ा रहता था। गाँव वाले भी उसकी निश्चलता के कारण उसे बहुत प्यार करते थे। …

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बाला की दिवाली: गरीबों की सूनी दिवाली की दिल छू लेने वाली कहानी

बाला की दिवाली: गरीबों की सूनी दिवाली की कहानी

बाला की दिवाली:  “माँ… पटाखे लेने है मुझे” बाला ने दिवार के कोने में बैठे हुए कहा। “कहाँ से ले दूँ?” बाला की माँ, शांता का तुरंत जवाब आया। “पर दिवाली में तो सब बच्चे पटाखे फोड़ते है” बाला ने एक और कोशिश करते हुए कहा। “हाँ, पर उनके मम्मी पापा के पास पैसे होते है?” माँ ने रस्सी पर …

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दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली

दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली

दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: एक दुकान में ढेर सारे पटाखे सजे हुए रखे थे, जो दुकानदार ने दिवाली पर बेचने के लिए रखे हुए थे। पटाखों को यह देखकर बहुत दुःख होता था की जो बच्चे अच्छे कपड़े पहनकर अपने मम्मी पापा के साथ पटाखे लेने आते, उन्हें तो दुकानदार बड़े ही प्यार से पटाखे दिखता और बेचता पर …

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दिवाली की सफाई: सोशल मीडिया से सीखें घर की सफाई के आसान तरीके

दिवाली की सफाई: सोशल मीडिया से सीखें घर की सफाई के आसान तरीके

65 वर्षीय वर्मा जी थे। उनकी दोस्ती एक सुंदर महिला से फेसबुक पर हो गयी। गुड मॉर्निंग, Nice Pic, Wow, से आगे कुछ बातें इनबॉक्स में भी होने लगी। वर्मा जी खुश रहने लगे। रोज़ इधर उधर से फेसबुकिया फूल भेज देते। एक दिन उनके मन की हो गयी। इनबॉक्स में नंबर मांग लिया महिला ने। अब क्या था। व्हाट्सअप …

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कंजूस आदमी: महा कंजूस सेठ की हास्य बाल-कहानी – गोविन्द भारद्वाज

कंजूस आदमी: महा कंजूस सेठ की हास्य बाल-कहानी - गोविन्द भारद्वाज

सेठ लोभीराम बड़ा ही कंजूस आदमी था। वह कई-कई दिनों तक इसलिए भी नहीं नहाता था, कि साबुन कहीं जल्दी घिस न जाए। वह मैले-कुचैले कपड़े पहन कर ही अपनी दुकान पर बैठा रहता था। उसके नौकर उसकी कंजूसी की आदत से बहुत दुखी थे। वह दुकान पर बिना चुपड़ी रोटी और पानी जैसी पतली दाल के अलावा कुछ भी …

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हृदय परिवर्तन: जंगल में मनाया गया ‘वरिष्ठ नागरिक दिवस’ – गोविन्द भारद्वाज

हृदय परिवर्तन: जंगल में मनाया गया 'वरिष्ठ नागरिक दिवस' - गोविन्द भारद्वाज

हृदय परिवर्तन – आज नंदन वन की तरफ जाने वाले रास्ते में मोनू बंदर गले में ढोलक लटका कर बजा रहा था। उसके दो साथी गज्जू हाथी और भोलू भालू नई ड्रैस पहने नाच रहे थे। जैसे ही वे नंदन बन पहुंचे तो लोमड़ी ने पूछा, “अरे तुम तीनों को ऐसा कौन-सा खजाना मिल गया कि झूम रहे हो, गा …

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