मम्मी ने आवाज़ लगाई – “मामा तुमसे बात करना चाहते है”। चिंटू ने सुन लिया और चुपचाप बना पड़ा रहा। मम्मी बोली – “जल्दी उठो”। “सोने दो ना” चिंटू बुदबुदाया। चिंटू की डिजिटल घड़ी: डॉ. मंजरी शुक्ला “अरे, तुम इतने दिनों से घड़ी के पीछे पड़े थे ना तो मामा उसी के बारे में बात करना चाहते है”। “ओह! कहीं …
Read More »दादी का चश्मा: दादी पोते की मार्मिक हिंदी कहानी
“दादी का चश्मा टूट गया” रोमी अपना होमवर्क छोड़कर मम्मी को बताने के लिए भागा। मम्मी उस वक्त टीवी देख रही थी। रोमी ने टीवी की तरफ़ देखा। टीवी में चिड़ियाघर का दृश्य चल रहा था। दो छोटे बच्चे लोहे के सीखचों के अंदर हाथ डालकर पिंजरें में बंद बंदरों को पत्थर मार रहे थे। चोट से बचने के लिए बन्दर …
Read More »Heart Touching Story of a Poor Father: Groundnut Seller
It was a stormy evening, and all that Natarajan could conjure at that instant was to find some basic form of shelter that could keep him protected from the chilly winds and incessant rains. It was a hard day at work, and this was something that he really hadn’t asked for. He had to get back home on time, as …
Read More »चिंकी का जंगल: खुराफाती गिलहरी की प्रेरणादायक कहानी
चिंकी गिलहरी बहुत शैतान थी। कभी वह पलटू खरगोश की गाजर कुतर कर फेंक देती तो कभी नन्हू कछुहे के ऊपर बैठकर जंगल की सैर कर आती। एक बार तो उसने निफ़्टी गौरैया से शर्त लगाते हुए, जंगल के राजा शेरसिंह की पूँछ ही कुतर दी थी, जब वह झपकी ले रहा था। निफ़्टी को शर्त हारने के कारण कई …
Read More »माँ: गरीब विधवा माँ और उसके दृढ़ निश्चय की कहानी
अरे, मम्मी… आप क्यों पैरेंट टीचर मीटिंग में चल रही है और फिर से वही पुरानी हरी साड़ी पहनकर। दस साल का चिंटू चिढ़चिढ़ाता हुआ बोला। पर उसकी मम्मी तो ख़ुशी के मारे फूली ही नहीं समा रही थी। शहर के सबसे बड़े स्कूल में एक-एक पाई इकठ्ठा करके उसने अपने इकलौते बेटे का एडमिशन बड़ी मुश्किलों से करवाया था। …
Read More »पढ़ाकू शेर: एक तोतले शेर की कहानी जो पढना चाहता है
पढ़ाकू शेर: लेखिका ‘मंजरी शुक्ला’ चिड़ियाघर घूमते-घामते अचानक बबलू का सामना शेर से हो जाता है। डर के मारे बबलू के हाथ पैर काँपने लगते है। शेर हँसते हुए बोला – “डलो मत, मै सिर्फ़ तमातल और दाजल थाता हूँ”। “तुम… तुम तो तोतले हो!” बबलू ने आश्चर्य से कहा। “हाँ… थई पहचाना” शेर ने जवाब दिया। “मै परना चाहता …
Read More »सूरज की सर्दी: मंजरी शुक्ला की बच्चों के लिए कहानी
चारों ओर धुंध छाई हुई थी लोग आश्चर्य कर रहे थे कि सूरज क्यों नहीं निकला। पर बेचारा सूरज निकलता भी तो कैसे… वह तो आसमान में उकड़ूँ बैठा ठंड से काँप रहा था। सुबह से ही सूरज को बहुत ठंड लग रही थी। पर सूरज को इस तरह सर्दी में काँपते देख चाँद बहुत खुश था क्योंकि चाँद को …
Read More »अप्रैल फूल: मूर्ख दिवस की रोचक बाल-कहानी
आज शैतान मोंटू बन्दर को सुबह से ही बहुत मजा आ रहा था। आखिर 1 अप्रैल जो आने वाला था। वह हर साल इस दिन का बेसब्री से इंतज़ार करता था। आखिर इस दिन लोगों को मूर्ख बनाने में कोई ज्यादा डांट भी नहीं पड़ती थी, वरना वो तो पूरे साल किसी ना किसी को तंग करने के चक्कर में हमेशा …
Read More »नन्हे दोस्त: पक्षियों के लिए दाना-पानी की बाल-कहानी
“पूरी कॉलोनी में बस एक यही पेड़ बचा है हमारे लिए” नीतू गौरिया ने चुलबुल तोते से कहा। “मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा है कि सब लोग पेड़ कटवा क्यों रहे है” चुलबुल ने दुखी होते हुए कहा। “अरे, तुम दोनों कहाँ चले गए थे?” पेड़ के झुरमुट से टिन्नू गिलहरी की आवाज़ आई। नीतू चहकते हुए बोली …
Read More »शिबू का नया साल: गरीब विद्यार्थी की प्रेरक कहानी
नया साल आने वाला था और क्लास के सभी बच्चों में खुसुर पुसुर शुरू हो गई थी। सबको पता था कि इस साल भी प्रिंसिपल सर बच्चों के साथ नए साल पर कोई बढ़िया सा आइडिया लेकर आएँगे। क्लास का मॉनीटर दीपेश डस्टर से दस बार ब्लैक बोर्ड पोंछ चुका था पर प्रिंसिपल सर ने अभी तक एंट्री नहीं ली …
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