चिंकी की चॉकलेट: चिंकी चॉकलेट खाने की कुछ ज्यादा ही शौकीन थी। उसकी यह आदत छुट्टियों के उपरांत तो और भी बिगड़ गई थी क्योंकि पहले तो मम्मी उसे दुकान से चॉकलेट लाकर खाने से रोकती थीं, मगर अब वह स्कूल जाते समय रास्ते में ही छोटी-छोटी चॉकलेट ले लेती और बस्ते में रख लेती थी। फिर स्कूल समय में …
Read More »राजा की परीक्षा: तानाशाह शेर या लोकतंत्र प्रणाली से जंगल में चुनाव
राजा की परीक्षा: सुंदरवन में राजा शेर सिंह का राज था। आज राजा के दरबार में एक बैठक आयोजित हुई। “महाराज की जय हो… महाराज आपकी आज्ञा हो तो बैठक की कार्रवाई शुरू की जाए?” महामंत्री छोटू खरगोश ने कहा। “आज्ञा है…” राजा शेर सिंह ने कहा। राजा की परीक्षा: गोविन्द भारद्वाज छोटू खरगोश अपनी जगह पर खड़े होकर बोला, “महाराज …
Read More »बदलाव: टेडी बियर और बार्बी गुड़िया की आपसी ईर्ष्या पर बाल कहानी
बदलाव -आपसी ईर्ष्या पर डा. दर्शन सिंह ‘आशट’ की हिंदी बाल कहानी: गप्पू की आयु तीन वर्ष की थी। एक दिन उसकी मम्मी उसे बाजार ले गईं। शोरूम खिलौनों से भरपूर था। इतने खिलौने? गप्पू दंग हो रहा था। गप्पू एक चाबी वाली बार्बी गुड़िया पसंद आ गई जिसकी आंखें भूरी थीं। कद लम्बा था और बाल भी भूरे थे। …
Read More »मित्र द्रोह का फल: पंचतंत्र की कहानी
मित्र द्रोह का फल: दो मित्र धर्मबुद्धि और पापबुद्धि हिम्मत नगर में रहते थे। एक बार पापबुद्धि के मन में एक विचार आया कि क्यों न मैं मित्र धर्मबुद्धि के साथ दूसरे देश जाकर धनोपार्जन करूं। बाद में किसी न किसी युक्ति से उसका सारा धन ठग-हड़प कर सुख-चैन से पूरी जिंदगी जीऊंगा। मित्र द्रोह का फल: पंचतंत्र की कहानी …
Read More »पढ़े लिखे मूर्ख: पंचतंत्र की कहानी
किसी नगर में चार लड़के रहते थे। उनमें खासा मेल-जोल था। बचपन में ही उनके मन में आया कि कहीं चल कर पढ़ाई की जाए। एक दिन के पढ़ने के लिए कन्नौज नगर चले गए। वहां जाकर वे किसी पाठशाला में पढ़ने लगे। बारह वर्ष तक जी लगा कर पढ़ने के बाद वे सभी अच्छे विद्वान हो गए। अब उन्होंने …
Read More »नन्हें गणेश: गणपति की मूर्ति के आकार पर मंजरी शुक्ला की प्रेरणादायक कहानी
नन्हें गणेश: “भगवान गणपति की यह मूर्ति कितनी भव्य और भव्य है” रोहन ने माँ से कहा। “हाँ, बहुत सुंदर है” उसकी माँ कमला ने फ़र्श पर पोछा लगाते हुए जवाब दिया। “कम से कम एक नज़र देख तो लो” रोहन बोला। कमला ने अपना सिर घुमाया और फीकी मुस्कान के साथ मूर्ति की ओर देखा और फिर से अपना …
Read More »My Ganesha: Manjari Shukla’s Story on Size of Lord Ganesha Idol
“How imposing and magnificent is this idol of Lord Ganpati” little Rohan asked his mother without moving his eyes from the imposing statue of Lord Ganesha. “Yes of course son. It is indeed quite splendid” his mother Kamla answered while mopping the floor. “Oh mother at least give it a glance” little Rohan insisted. Kamla turned her head and looked at the …
Read More »सर्कस की सैर: दोस्तों के साथ सर्कस के मैनेजर से ली जानवरों की जानकारी
सर्कस की सैर: शहर को बाहर की तरफ खुली जगह में एक सर्कस आई हुई थी। देवांश और उसके दो दोस्त एकांश तथा दिव्यांश सर्कस ग्राउंड के आस-पास घूम रहे थे। “देखो एकांश, शहर में सर्कस के पोस्टरों में हाथी, घोड़े और शेर को कहीं पर नहीं दिखाया गया, लेकिन यहां तो हाथी हैं” देवांश ने कहा। “हां यार… तुम …
Read More »Krishna Visits Mathura: Krishna’s Childhood Story
Krishna Visits Mathura: Now stories about Krishna’s deeds spread far and wide. When Kamsa heard about Krishna, he was sure that Krishna was Devaki’s eight born child, born to destroy him. He, in turn, planned to invite Krishna to Mathura (Uttar Pradesh, India) and have him killed. He summoned an old minister by the name of Akrura and sent him …
Read More »Krishna & Syamantaka Gem: Lord Krishna Story
Krishna & Syamantaka Gem: Satrajit, a nobleman of Dwarka, was a devotee of Surya, the Sun God. Surya being pleased with Satrajit’s devotion appeared before him and gifted him the Syamantaka gem. The Syamantaka gem’s specialty was that it could magically produce eight measures of gold a day. Krishna & Syamantaka Gem: Satrajit became a really wealthy man. Krishna then …
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