इको फ्रेंडली दिवाली: सात साल का चुन्नू सुबह से ही पटाखे खरीदने की जिद कर रहा था। वह पापा के पास आते हुए बोला – “पटाखे लेने चलो, मेरे सब दोस्त ले आये है”। “अरे, बेटा, तुम पहले अपना होमवर्क तो खत्म कर लो फ़िर समय नहीं मिलेगा”। “अभी तो स्कूल खुलने में चार दिन है, आप पहले पटाखे लेने …
Read More »दिवाली की रात: दिवाली पर हिंदी जासूसी कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की रात: चन्दन चौदह वर्षीय एक चंचल और चतुर लड़का था। घर से लेकर स्कूल तक सभी उसकी बुद्धिमानी का लोहा मानते थे। जितना वह पढ़ाई लिखाई में अच्छा था उतना ही खेल कूद में भी। हर साल की तरह इस बार भी उसने और उसके दोस्तों ने दिवाली को बड़े ही धूम-धाम से मनाने का निश्चय किया। बच्चों की …
Read More »शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: एक बहादुर चरवाहे की कहानी
शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: बहुत समय पहले की बात है… एक गाँव था शिवपुर। उसी गाँव में एक चरवाहा रहता था, बहुत ही सीधा और भोला-भाला बिना किसी लालच और बिना किसी स्वार्थ के सबके दुःख सुख में एक पैर से खड़ा रहता था। गाँव वाले भी उसकी निश्चलता के कारण उसे बहुत प्यार करते थे। …
Read More »बाला की दिवाली: गरीबों की सूनी दिवाली की दिल छू लेने वाली कहानी
बाला की दिवाली: “माँ… पटाखे लेने है मुझे” बाला ने दिवार के कोने में बैठे हुए कहा। “कहाँ से ले दूँ?” बाला की माँ, शांता का तुरंत जवाब आया। “पर दिवाली में तो सब बच्चे पटाखे फोड़ते है” बाला ने एक और कोशिश करते हुए कहा। “हाँ, पर उनके मम्मी पापा के पास पैसे होते है?” माँ ने रस्सी पर …
Read More »दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली
दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: एक दुकान में ढेर सारे पटाखे सजे हुए रखे थे, जो दुकानदार ने दिवाली पर बेचने के लिए रखे हुए थे। पटाखों को यह देखकर बहुत दुःख होता था की जो बच्चे अच्छे कपड़े पहनकर अपने मम्मी पापा के साथ पटाखे लेने आते, उन्हें तो दुकानदार बड़े ही प्यार से पटाखे दिखता और बेचता पर …
Read More »दिवाली की सफाई: सोशल मीडिया से सीखें घर की सफाई के आसान तरीके
65 वर्षीय वर्मा जी थे। उनकी दोस्ती एक सुंदर महिला से फेसबुक पर हो गयी। गुड मॉर्निंग, Nice Pic, Wow, से आगे कुछ बातें इनबॉक्स में भी होने लगी। वर्मा जी खुश रहने लगे। रोज़ इधर उधर से फेसबुकिया फूल भेज देते। एक दिन उनके मन की हो गयी। इनबॉक्स में नंबर मांग लिया महिला ने। अब क्या था। व्हाट्सअप …
Read More »कंजूस आदमी: महा कंजूस सेठ की हास्य बाल-कहानी – गोविन्द भारद्वाज
सेठ लोभीराम बड़ा ही कंजूस आदमी था। वह कई-कई दिनों तक इसलिए भी नहीं नहाता था, कि साबुन कहीं जल्दी घिस न जाए। वह मैले-कुचैले कपड़े पहन कर ही अपनी दुकान पर बैठा रहता था। उसके नौकर उसकी कंजूसी की आदत से बहुत दुखी थे। वह दुकान पर बिना चुपड़ी रोटी और पानी जैसी पतली दाल के अलावा कुछ भी …
Read More »हृदय परिवर्तन: जंगल में मनाया गया ‘वरिष्ठ नागरिक दिवस’ – गोविन्द भारद्वाज
हृदय परिवर्तन – आज नंदन वन की तरफ जाने वाले रास्ते में मोनू बंदर गले में ढोलक लटका कर बजा रहा था। उसके दो साथी गज्जू हाथी और भोलू भालू नई ड्रैस पहने नाच रहे थे। जैसे ही वे नंदन बन पहुंचे तो लोमड़ी ने पूछा, “अरे तुम तीनों को ऐसा कौन-सा खजाना मिल गया कि झूम रहे हो, गा …
Read More »चिंकी की चॉकलेट: कक्षा अध्यापिका ने विद्यार्थी की बुरी आदत को कैसे छुड़ाया
चिंकी की चॉकलेट: चिंकी चॉकलेट खाने की कुछ ज्यादा ही शौकीन थी। उसकी यह आदत छुट्टियों के उपरांत तो और भी बिगड़ गई थी क्योंकि पहले तो मम्मी उसे दुकान से चॉकलेट लाकर खाने से रोकती थीं, मगर अब वह स्कूल जाते समय रास्ते में ही छोटी-छोटी चॉकलेट ले लेती और बस्ते में रख लेती थी। फिर स्कूल समय में …
Read More »राजा की परीक्षा: तानाशाह शेर या लोकतंत्र प्रणाली से जंगल में चुनाव
राजा की परीक्षा: सुंदरवन में राजा शेर सिंह का राज था। आज राजा के दरबार में एक बैठक आयोजित हुई। “महाराज की जय हो… महाराज आपकी आज्ञा हो तो बैठक की कार्रवाई शुरू की जाए?” महामंत्री छोटू खरगोश ने कहा। “आज्ञा है…” राजा शेर सिंह ने कहा। राजा की परीक्षा: गोविन्द भारद्वाज छोटू खरगोश अपनी जगह पर खड़े होकर बोला, “महाराज …
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