कितनी बार अपनी पसंदीदा नीली कलम उठाई और डायरी के बीच में फँसा दी। भूरे ज़िल्द की डायरी के सफ़ेद पन्नों ने जैसे अपनी उम्र पूरी कर ली हो और हल्की पीली चादर तान कर सोने जा रहे हो। तकदीर का खेल पर पन्नों के बीच छुपकर भला कहाँ चैन पाता है, वो तो आज़ाद होकर सबको अपनी उँगलियों पर …
Read More »चाँद और लम्बू जिराफ़ की दोस्ती पर हिंदी बाल-कहानी
रोज़ की तरह आज फ़िर खेल-खेल में चाँद सितारों की आपस में लड़ाई हो गई थी। चाँद बेचारा क्या करता, वह एक तरफ़ अकेला पड़ जाता और ढेर सारे सितारे एक तरफ़… आख़िर चाँद रूठ गया और बोला – “मैं जा रहा हूँ, धरती की ओर…” सितारे यह सुनकर घबरा गए। उन्होंने उसे बहुत मनाया। उसकी बड़ी खुशामद की, पर …
Read More »योग दिवस पर दिलचस्प कहानी: स्वीटू का प्राणायाम
आज सुबह से नीलू चिड़िया तालाब के किनारे बैठी अपनी सहेली स्वीटू मछली का बहुत देर से इंतज़ार कर रही थी पर स्वीटू का कहीं अता पता नहीं था। नीलू को अब भूख भी लगने लगी थी। उसने इधर उधर कुछ खाने के लिए ढूंढना शुरू किया। तभी कुछ दूरी पर चिप्स के टुकड़े देखकर उसके मुँह में पानी आ …
Read More »“अभी दिल्ली दूर है” की कहावत और हजरत निज़ामुद्दीन औलिया
मध्यकाल में दिल्ली ही नहीं बल्कि सारे भारत के जनजीवन पर सूफियों का बड़ा प्रभाव था। यद्यपि सुलतान इसलाम के पालक और संरक्षक थे, मुल्लों और कठमुल्लों के बहकावे मे आ कर हिंदू प्रजा पर मनमाने अत्याचार भी करते थे। लेकिन सुलतान के अधिकांश अमीरों, विशेषतः आम जनता का सूफीमत की ओर अधिक झुकाव था। सूफी धर्म भारत के अद्वैतवाद …
Read More »नशा: तम्बाकू सेवन के हानिकारक प्रभाव और पश्चाताप की कहानी
क्या चाचा, लो जरा सा आईना तो देख लो… कितने दिन हो गए तुमने बाल भी नहीं सँवारे। सूरज की आवाज़ से मैं खिड़की से बाहर झाँकता हुआ जैसे नींद से जागा। मैंने पनियल आँखों से सूरज की ओर देखा, जो मेरा भतीजा था पर आज मेरे बेटे से बढ़कर मेरा साथ दे रहा था। वो मेरी मन-स्तिथि समझ गया …
Read More »देव-कन्या: नर्स और मरीज की एक प्रेरणादायक कहानी
“लगता है जिन्दगी और मौत के बीच का फासला बहुत कम है…!” “ऐसा मत बोलो… जन्म हो या मृत्यु, जो कुछ ऊपर वाले ने लिख दिया वह होना तय है, घबराने से कुछ नहीं मिलता! जिन्दगी के साथ सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं।” “और तो कुछ नहीं, बस छोटी का विवाह मेरे सामने हो जाता फिर भले ही चला …
Read More »गूंगी: गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानी
गूंगी: गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानी – टैगोर के १५० वें जन्मदिन के अवसर पर उनके कार्यों का एक (कालनुक्रोमिक रबीन्द्र रचनाबली) नामक एक संकलन वर्तमान में बंगाली कालानुक्रमिक क्रम में प्रकाशित किया गया है। इसमें प्रत्येक कार्य के सभी संस्करण शामिल हैं और लगभग अस्सी संस्करण है। २०११ में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय के साथ अंग्रेजी …
Read More »रबीन्द्रनाथ टैगोर की श्रेष्ठ कहानियों में से एक: अनमोल भेंट
रबीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा के संस्करण की उत्पत्ति का श्रेय दिया जाता …
Read More »विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष बाल कहानी: बंटी की दादी
ना जाने कहाँ छुपा बैठा हैं ये, रोज का इसका यह तमाशा हैं… आवाज़ लगा लगा कर तो मेरा गला दुःख गया हैं… मीनू उसे ढूंढते हुए बगीचे तक आ गई थी। आम के पेड़ के पीछे छुपे बैठे तीन साल के बंटी को देखकर मीनू का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच गया था। उसने ना आव देखा ना ताव …
Read More »नन्हे बच्चों के लिए हिंदी बाल-कहानियाँ
दादी और नानी की मीठी कहानियों का संसार इतना सुंदर और लुभावना है कि बाल-मन उससे बाहर निकलना ही नहीं चाहता। हर बालक यही चाहता है कि कहानी (छोटे बच्चों की कहानियां) बस चलती ही जाए। हर रात, सोने से पहले, नानी या दादी की गोदी में सिर रखकर कहानी सुनने की बातें कई बच्चों को परी-कथा जैसी लग सकती …
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