होली वाला बर्थडे: मंजरी शुक्ला ऐसे मनी होली: मंजरी शुक्ला होली: मंजरी शुक्ला मुस्कान की होली: मंजरी शुक्ला रंगों की होली: मंजरी शुक्ला होली वाला बर्थडे: मंजरी शुक्ला चुनमुन एक बहुत ही प्यारी और सुन्दर सी लड़की थी जिसके गोरे-गोरे गाल हमेशा कश्मीरी सेब की तरह लाल रहते थे और जब वह अपनी नीली आँखों को गोल गोल नचाकर देखती तो …
Read More »नन्हे छोटू की बड़ी कहानी: मानवाधिकार पर बाल-कहानी
सर्दी की छुट्टियाँ आ गई थी और रिमझिम के तो खुशी के मारे पैर ज़मीन पर ही नहीं पड़ रहे थे। उसके पापा उसे उसकी बेस्ट फ्रैंड स्वाति के घर छोड़ने के लिए तीन दिन के लिए तैयार हो गए थे। रिमझिम और स्वाति एक दूसरे के साथ जी भर कर मस्ती करना चाहती थी, इसलिए दोनों ही बहुत खुश …
Read More »न्यू ईयर रिजोल्यूशन: मंजरी शुक्ला
सुना है, इस बार नए साल पर सागर की मम्मी ने उसे एक जादुई मेज लाकर दी है – बिन्नी बोली। क्या कह रही हो, जादुई मेज – अमित बोला। और क्या देखा नहीं, उस मेज के आने के बाद से अब सागर कितना बदल गया है? हाँ… वो तो है… पढ़ाकू राम बन गया है अपना सागर तो… नेहा …
Read More »The Fir Tree: Hans Christian Andersen
Out in the woods stood a nice little Fir-tree. The place he had was a very good one; the sun shone on him; as to fresh air, there was enough of that, and round him grew many large-sized comrades, pines as well as firs. But the little Fir wanted so very much to be a grown-up tree. He did not …
Read More »Bertie’s Christmas Storynory
Now, this morning it is a bit cold in this part of the world. Mr Frosty has been to visit, and the vegetable patch is white and glistening. There is ice on the pond. Brrrr, said Colin the Carp. It is too cold in this stupid pond. You know what today is, don’t you? said Bertie. Nope, said Tim the …
Read More »Little Piccola: Nora A. Smith
Piccola lived in Italy, where the oranges grow, and where all the year the sun shines warm and bright. I suppose you think Piccola a very strange name for a little girl; but in her country it was not strange at all, and her mother thought it the sweetest name a little girl ever had. Piccola had no kind father, …
Read More »O. Henry’s Suspense Thriller Story in Hindi बीस साल बाद
एक पुलिस अधिकारी बड़ी फुरती से सड़क पर गश्त लगा रहा था। रात के अभी मुशकिल से 10 बजे थे, लेकिन हलकी-हलकी बारिश तथा ठंडी हवा के कारण सड़क पर बहुत कम आदमी नजर आ रहे थे। सड़क के एक छोर पर एक गोदाम था। जब पुलिस अधिकारी उस गोदाम के करीब पहुंचा तो उसके दरवाजे के पास उसने एक …
Read More »परोपकार – श्री पारसनाथ सरस्वती
यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति कि है जो बहुत गंदा रहता था। मैली धोती और फटा हुआ कुर्ता पहनता था। सिर पर कपड़े की टोपी पहनता था जिसमे एक सुराख भी था। वह बहुत बुड़ा हो गया था और उसकी कमर कमान बन गयी थी। बाल बिलकुल सफेद और मुंह में दांत भी न रहे थे। चहरे पर झुर्रियां पड़ी …
Read More »गुरु दक्षिणा – डॉ. मंजरी शुक्ला
शब्दों से क्या होता हैं वो तो मुँह से निकलते हैं और ब्रह्मांड में विलीन हो जाए हैं। अगर हम चाहे तो हम पर असर करते हैं वरना अगर हम कर्ण जैसा कवच बहरेपन का कस कर अपने कानों से चिपका ले तो मौज ही मौज हैं… आखिर बेचारा सामने वाला भी कितना बकर बकर करेगा, खुद ही चल देगा …
Read More »रैडफ़ोर्ट पर फ़्लैग होस्टिंग: एक हास्य व्यंग
15 अगस्त मार्निंग 8 बजे हमारी कन्ट्री के पी.एम. साहब रैडफ़ोर्ट पर आएंगे। फ्लैग होस्टिंग भी होगा और कन्ट्री की कंडीशन पर पी.एम. साहब अपनी स्पीच भी देंगे। वैसे पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हैजा फैलने के कारण दिल्ली में सफाई अभियान चल रहा है और किस निकम्मे अधिकारी ने दिल्ली में हैजा फ़ैलाने में विदेशी हाथ को …
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