पता नहीं किसने उसका नाम रखा चक्कू। उसका नाम इसलिए मशहूर हो गया कि वह चोरी करने लगा था। चक्कू चोर कई बार पकड़ा गया, उसको सजा भी हुई, पर वह सुधरा नहीं। वह कई गलत काम करने लगा, जिनमें एक था रोज शराब पीना। उसकी पत्नी, बच्चे उसकी इस बुरी आदत से परेशान थे। उसका बेटा 12-13 वर्ष का …
Read More »गुलेल तोड़ दी: पक्षियों का शिकार न करने को प्रेरित करती हिंदी कहानी
गुलेल तोड़ दी: अभिनय सातवीं कक्षा की परीक्षा दे चुका था। उसका परीक्षा परिणाम आने में अभी कई दिन बाकी थे। उसके बार-बार कहने पर उसके पापा उसे अपने गांव उसके चाचा-चाची तथा दादा-दादी के पास छोड़ आए। अभिनय को गांव के खुले वातावरण में घूमना-फिरना बहुत पसंद था। उसकी अपने चाचा जी के बेटे गुलजार से बनती भी बहुत …
Read More »स्वाद का आनंद: जब गिलहरी ने पहली बार बेर खाया – नैतिक शिक्षा की कहानी
स्वाद का आनंद – शहर से कुछ दूरी पर एक बड़े-से पार्क में नीम के बहुत अधिक पेड़ थे, जिन पर पंछियों के अलावा गिलहरियां भी रहती थीं। पार्क के बीच में नीम का एक बूढ़ा पेड़ था, जिसे सब दादा कहते थे। उस पर एक गिलहरी रहती थी कम्मो। कम्मो का स्वभाव बहुत ही सौम्य था। उसकी गिटर-पिटर बूढ़े …
Read More »स्वच्छता अभियान: स्वच्छ जंगल अभियान पर प्रेरक हिंदी बाल-कहानी
स्वच्छता अभियान – कालू कुत्ता, पीलू लोमड़ी दोनों ने एक दिन कार्यक्रम बनाया कि हमें अपने जंगल को साफ-सुथरा रखने के लिए कुछ न कुछ अवश्य करना चाहिए। बस फिर क्या था, जंगल की पंचायत के सभी सभ्यों को एकत्रित करके विचार विर्मश करने का फैसला किया गया। सभा का विषय जानने के बाद एक भी सदस्य ने आने में …
Read More »चक्रव्यूह: हालात से मजबूर होनहार विद्यार्थी की दिल छु लेने वाली कहानी
चक्रव्यूह: गांव का वह स्कूल 11वीं कक्षा तक का था। बच्चे दो-दो, चार-चार के गुट में बतिया रहे थे। आज 10वीं का परिणाम आने वाला था। अभिमन्यु को देखकर एक गुट के बच्चों ने उसे अपने पास बुला लिया। वह गया तो एक बच्चा बोला, ‘अभिमन्यु, इस बार तुम चक्रव्यूह में घिर गए हो।’ ‘मैं समझा नहीं।’ चक्रव्यूह: गोविंद शर्मा ‘हर …
Read More »होली वाला बर्थडे: रोचक हिंदी बाल-कहानी
होली वाला बर्थडे: होली वाले दिन “मेरा हैप्पी बर्थडे है…” कहते हुए सात साल का गोलू सारे घर के कमरों में घूम रहा था। घर के सभी सदस्य होली के तैयारियों में व्यस्त थे इसलिए कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था। थक हार कर वह अपनी माँ को सब जगह देखते हुए राजू भैया के कमरे …
Read More »निबलू की होली: शिक्षाप्रद हिंदी बाल कहानी
निबलू की होली: निबलू बहुत देर से बैठा-बैठा शेरू के कान उमेंठ रहा था। बेचारा शेरू रह-रह कर दर्द के मारे कूँ-कूँ करके भागने की कोशिश कर रहा था पर चेन छोटी होने के कारण वह भाग भी नहीं पा रहा था। तभी मम्मी कमरे से बाहर निकल कर आई और बोली – “मैं होली के लिए मिठाई और गुलाल …
Read More »दोस्ती के रंगों वाली होली: दोस्तों संग होली के त्यौहार पर प्रेरणादायक कहानी
दोस्ती के रंगों वाली होली: “मैं होली पर बड़ी वाली लाल पिचकारी खरीदूंगा” अम्बर ने माही से कहा। “मैं तो पीले रंग वाली खरीदूंगी जो तेरी लाल से भी बड़ी होगी” माही ने कहा। “और मेरे से बड़ी पिचकारी तो किसी की हो ही नहीं सकती, जैसा कि तुम सभी जानते हो” सचिन ने मुस्कुराते हुए कहा। “मैं लाल और पीला …
Read More »होली का असली आनंद: झुग्गी झोपड़ी के रहने वाले बच्चों के साथ मनाई होली
होली का असली आनंद – कल होली का त्यौहार आने वाला था। चौथी कक्षा में पढ़ता राहुल सोच रहा था, “इस बार मनु के साथ ऐसी होली खेलूंगा कि वह याद रखेगा – गोबर होली”। न जाने वह मोबाइल पर किस-किस दोस्त के साथ कैसे-कैसे होली खेलने की योजनाएं बना रहा था। मम्मी को उसकी शरारत भर योजना का पता …
Read More »प्रतिशोध: नारी उत्पीड़न की कहानी – मंजरी शुक्ला
प्रतिशोध: नारी उत्पीड़न की कहानी – दूर से आती आवाज़ को कभी गौर से सुनना नहीं पड़ा और जो सामने था उसकी स्पष्ट आवाज़ कभी कानों में आई नहीं। क्या, क्यों और कैसे शब्दों का कोई अर्थ नहीं रह गया था। किसी शान्त नदी के किनारे या उफ़नते समुद्र के ज्वर भाटे उसे एक सा ही सुकून देते थे। उसे …
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