Stories in Hindi

कंजूस आदमी: महा कंजूस सेठ की हास्य बाल-कहानी – गोविन्द भारद्वाज

कंजूस आदमी: महा कंजूस सेठ की हास्य बाल-कहानी - गोविन्द भारद्वाज

सेठ लोभीराम बड़ा ही कंजूस आदमी था। वह कई-कई दिनों तक इसलिए भी नहीं नहाता था, कि साबुन कहीं जल्दी घिस न जाए। वह मैले-कुचैले कपड़े पहन कर ही अपनी दुकान पर बैठा रहता था। उसके नौकर उसकी कंजूसी की आदत से बहुत दुखी थे। वह दुकान पर बिना चुपड़ी रोटी और पानी जैसी पतली दाल के अलावा कुछ भी …

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हृदय परिवर्तन: जंगल में मनाया गया ‘वरिष्ठ नागरिक दिवस’ – गोविन्द भारद्वाज

हृदय परिवर्तन: जंगल में मनाया गया 'वरिष्ठ नागरिक दिवस' - गोविन्द भारद्वाज

हृदय परिवर्तन – आज नंदन वन की तरफ जाने वाले रास्ते में मोनू बंदर गले में ढोलक लटका कर बजा रहा था। उसके दो साथी गज्जू हाथी और भोलू भालू नई ड्रैस पहने नाच रहे थे। जैसे ही वे नंदन बन पहुंचे तो लोमड़ी ने पूछा, “अरे तुम तीनों को ऐसा कौन-सा खजाना मिल गया कि झूम रहे हो, गा …

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चिंकी की चॉकलेट: कक्षा अध्यापिका ने विद्यार्थी की बुरी आदत को कैसे छुड़ाया

चिंकी की चॉकलेट

चिंकी की चॉकलेट: चिंकी चॉकलेट खाने की कुछ ज्यादा ही शौकीन थी। उसकी यह आदत छुट्टियों के उपरांत तो और भी बिगड़ गई थी क्योंकि पहले तो मम्मी उसे दुकान से चॉकलेट लाकर खाने से रोकती थीं, मगर अब वह स्कूल जाते समय रास्ते में ही छोटी-छोटी चॉकलेट ले लेती और बस्ते में रख लेती थी। फिर स्कूल समय में …

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राजा की परीक्षा: तानाशाह शेर या लोकतंत्र प्रणाली से जंगल में चुनाव

राजा की परीक्षा: तानाशाह शेर या लोकतंत्र प्रणाली से जंगल में चुनाव

राजा की परीक्षा: सुंदरवन में राजा शेर सिंह का राज था। आज राजा के दरबार में एक बैठक आयोजित हुई। “महाराज की जय हो… महाराज आपकी आज्ञा हो तो बैठक की कार्रवाई शुरू की जाए?” महामंत्री छोटू खरगोश ने कहा। “आज्ञा है…” राजा शेर सिंह ने कहा। राजा की परीक्षा: गोविन्द भारद्वाज छोटू खरगोश अपनी जगह पर खड़े होकर बोला, “महाराज …

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बदलाव: टेडी बियर और बार्बी गुड़िया की आपसी ईर्ष्या पर बाल कहानी

बदलाव: टेडी बियर और बार्बी गुड़िया की आपसी ईर्ष्या पर बाल कहानी

बदलाव -आपसी ईर्ष्या पर डा. दर्शन सिंह ‘आशट’ की हिंदी बाल कहानी: गप्पू की आयु तीन वर्ष की थी। एक दिन उसकी मम्मी उसे बाजार ले गईं। शोरूम खिलौनों से भरपूर था। इतने खिलौने? गप्पू दंग हो रहा था। गप्पू एक चाबी वाली बार्बी गुड़िया पसंद आ गई जिसकी आंखें भूरी थीं। कद लम्बा था और बाल भी भूरे थे। …

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मित्र द्रोह का फल: पंचतंत्र की कहानी

मित्र द्रोह का फल: पंचतंत्र की कहानी

मित्र द्रोह का फल: दो मित्र धर्मबुद्धि और पापबुद्धि हिम्मत नगर में रहते थे। एक बार पापबुद्धि के मन में एक विचार आया कि क्यों न मैं मित्र धर्मबुद्धि के साथ दूसरे देश जाकर धनोपार्जन करूं। बाद में किसी न किसी युक्ति से उसका सारा धन ठग-हड़प कर सुख-चैन से पूरी जिंदगी जीऊंगा। मित्र द्रोह का फल: पंचतंत्र की कहानी …

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पढ़े लिखे मूर्ख: पंचतंत्र की कहानी

पढ़े लिखे मूर्ख: पंचतंत्र की कहानी

किसी नगर में चार लड़के रहते थे। उनमें खासा मेल-जोल था। बचपन में ही उनके मन में आया कि कहीं चल कर पढ़ाई की जाए। एक दिन के पढ़ने के लिए कन्नौज नगर चले गए। वहां जाकर वे किसी पाठशाला में पढ़ने लगे। बारह वर्ष तक जी लगा कर पढ़ने के बाद वे सभी अच्छे विद्वान हो गए। अब उन्होंने …

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नन्हें गणेश: गणपति की मूर्ति के आकार पर मंजरी शुक्ला की प्रेरणादायक कहानी

नन्हें गणेश: डॉ. मंजरी शुक्ला

नन्हें गणेश: “भगवान गणपति की यह मूर्ति कितनी भव्य और भव्य है” रोहन ने माँ से कहा। “हाँ, बहुत सुंदर है” उसकी माँ कमला ने फ़र्श पर पोछा लगाते हुए जवाब दिया। “कम से कम एक नज़र देख तो लो” रोहन बोला। कमला ने अपना सिर घुमाया और फीकी मुस्कान के साथ मूर्ति की ओर देखा और फिर से अपना …

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सर्कस की सैर: दोस्तों के साथ सर्कस के मैनेजर से ली जानवरों की जानकारी

सर्कस की सैर: गोविन्द भारद्वाज

सर्कस की सैर: शहर को बाहर की तरफ खुली जगह में एक सर्कस आई हुई थी। देवांश और उसके दो दोस्त एकांश तथा दिव्यांश सर्कस ग्राउंड के आस-पास घूम रहे थे। “देखो एकांश, शहर में सर्कस के पोस्टरों में हाथी, घोड़े और शेर को कहीं पर नहीं दिखाया गया, लेकिन यहां तो हाथी हैं” देवांश ने कहा। “हां यार… तुम …

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भगवान श्रीकृष्ण और नरकासुर का वध: कृष्ण के 16 हजार 108 रानियों का सच

भगवान श्रीकृष्ण और नरकासुर का वध

बेटा बलात्कारी निकल गया तो श्रीकृष्ण ने घर में घुस किया उसका वध: दिवाली की कथा ये भी – भगवान श्रीकृष्ण और नरकासुर का वध श्रीकृष्ण जब भौमासुर के महल के अंदर पहुँचे तो पाया कि उसने 16,000 स्त्रियों को बंधक बना रखा था। श्रीकृष्ण को देखते ही उन सबने एकमत से मन ही मन उन्हें अपना पति मान लिया। …

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