Stories in Hindi

भ्रम (Kannitverstan) Johann Peter Hebel Short German Story in Hindi

भ्रम (Kannitverstan) Johann Peter Hebel Short German Story in Hindi

Kannitverstan is a short story by the German author Johann Peter Hebel, which first appeared as a calendar story in 1808 in Rheinländischer Hausfreund (Rhenish family friend). एक जरमन यात्री घूमते हुए नीदरलैंड की राजधानी एमस्टर्डम पहुंचा वहां बहुत शानदार इमारत पर उस की नजर पड़ी। उस ने अपनी पूरी यात्रा में इस अधिक शानदार इमारत नहीं देखी थी। वह …

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नींबू का अचार Funny Hindi story – Lemon Pickle

नींबू का अचार Funny Hindi story - Lemon Pickle

रीना मर्तबान से नींबू का अचार निकाल रही थी और पूसी दरवाजे की झीरी से मसालेदार नींबू की फांकें देख कर अपनी जीभ लपलपा रही थी। रीना ने एक प्लास्टिक के चम्मच से नीबूं के अचार की दो फांकें निकाली और अपनी प्लेट में परांठे के साथ रख दी। पूसी के मुँह में पानी आ गया। तभी रीना की मम्मी …

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सुरीला वृक्ष Hindi moral story of a musical tree

सुरीला वृक्ष Hindi moral story of a musical tree

हरे भरे वृक्षों से लदा सुन्दरपुर वन बहुत खूबसूरत था। चारों तरफ़ रंग बिरंगे फूलों से लदा हुआ जंगल आते – जाते राहगीरों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता, पर सबसे अनोखा और अदभूत था… एक विशालकाय पेड़ था… जो सबको संगीत सुनाता था। जब भी कलरव करते पक्षी उस पर आकर बैठते या राहगीर उसकी छाया में आराम …

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मुनिया की पाठशाला Motivational story on Girl child education

मुनिया की पाठशाला Motivational story on Girl child education

कितनी देर हो गई है, भैया के जूते क्यों नहीं पॉलिश कर रही तू, उसे स्कूल जाने में देर हो रही है मालती आठ साल की मुनिया की तरफ़ गुस्से से देखते हुए बोली। मुनिया की आखों में आँसूं आ गए। माँ की डाँट से ज्यादा दुःख उसे अपने छोटे भाई राजू के साथ स्कूल जाने का नहीं था। वो …

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नन्ही – Heart Touching Hindi Story of Little Spider

नन्ही - Heart Touching Hindi Story of Little Spider

बेबी मकड़ी नन्ही माँ के साथ दीवार पर बढ़ी जा रही थी। चढ़ते- चढ़ते नन्ही थक गई। वह माँ से बोली – “अब माँ, तुम यही पर जाला बना लो ना… मुझसे और चढ़ा नहीं जा रहा हैं। देखो मेरे नन्हे नन्हे पैर थक कितना गए हैं।” यह सुनकर माँ उसके भोलेपन पर हंस पड़ी और वहीँ पर जाला बनाने …

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अब्दाली की लूट – Invasion of Ahmad Shah Abdali

अब्दाली की लूट - Invasion of Ahmad Shah Abdali

अहमदशाह अब्दाली नादिरशाह का सेनापति था। जब नादिरशाह से सन 1739 में मुहम्मशाह रंगीले के समय दिल्ली को लूटा तो उस समय अब्दाली भी उस के साथ था। नादिरशाह कोहनूर हीरा और तख़्तेताऊस के अलावा सत्तर करोड़ रुपए की कीमत के हिरेजवाहरात, सोनाचांदी लूट कर ले गया था, अफगान सरदार अब्दाली ने इस लूट को अपनी आंखों से देखा था, …

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बाल की खाल – Hindi Mystery Story on House Theft

बाल की खाल - Hindi Mystery Story on House Theft

राजू की आदत थी, हर बात में बाल की खाल निकालने की, सो उस दिन भी सुबहसुबह जब बिल्लू ने आ कर बताया कि मनोहर चाचा के यहां चोरी हो गई है, तो वह तुरंत चालू हो गया, “कब.. और कैसे…?” “कल उन के यहां अखंड कीर्तन का पाठ था। सभी लोग थके थे। बस, रात में चोर घुसे और …

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आँखों ने पकड़वाया अपराधी को – Murder Mystery Story in Hindi

आँखों ने पकड़वाया अपराधी को - Murder Mystery Story in Hindi

“गुडमोर्निंग… गुडमोर्निंग… गुडमोर्निंग…” उसे देखते ही सभी पुलिस वाले एक के बाद एक सलाम करने लगे और वह विनम्र भाव से सब के अभिवादन का जवाब देता जा रहा था क्योंकि उस का दाहिना हाथ ओवरकोट की जेब में था, इसलिए सलाम के जवाब में वह बायां हाथ अपनी कैप तक ला कर जवाब दे रहा था। चलतेचलते वह अचानक …

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माली काका की नटखट मुनिया – An Inspirational Hindi Story

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माली काका की नटखट मुनिया सारे गाँव की आँखों का तारा थी। कहीं अगर तुलसी का पौधा मुरझा रहा हो या फिर लाल सुर्ख गुलाबों की कलमें छांटनी हो तो चारों ओर मुनिया के नाम की गुहार लगती। नन्ही मुनिया झट से पहुँच जाती और जैसे ही उसके काम की तारीफ़ होती मुनिया फूल कर कुप्पा हो जाती और उसके …

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नमक का क़र्ज़ – डॉ. मंजरी शुक्ल

नमक का क़र्ज़ - डॉ. मंजरी शुक्ल

चारों ओर से धमाकों की आवाज़ आ रही थी। ऐसा लग रहा था मानो दीपावली हो, पर यह पटाखों की नहीं बल्कि हथगोलों और बंदूकों की आवाज़े थी। सन्नाटे को चीरती जब किसी जवान की बन्दूक चलने की आवाज़ आती तो मानों पनघट और चौबारे भी थरथरा उठते। इन्ही के बीच दस वर्षीय नन्हा बालक टीपू अपनी बूढी और अंधी …

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