दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं – अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में पूरे भारत में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। जहां उत्तर भारत में भगवान राम द्वारा रावण का वध करके 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारत में नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत के प्रतीक के रूप में इस त्योहार को मनाया जाता है। पूर्वी राज्यों की बात करें (खासकर पश्चिम बंगाल में) तो वहां के निवासी देवी काली की बकासुर पर जीत की खुशियों को इस दिन मनाते हैं। वैसे तो अलग-अलग स्थानों पर इस त्योहार को मनाने के कारण अलग-अलग हैं लेकिन देश भर में इसे मनाने की परंपराएं एक जैसी ही हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं दिवाली की सबसे दिलचस्प परंपराओं के बारे में…
दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं
दिवाली के पहले घर की सफाई करना, फालतू की चीजों को घर से बाहर फेंकना, घर की पेंटिंग आदि किया जाता है। माना जाता है कि देवी लक्ष्मी सिर्फ उन्हीं घरों में जाती हैं जहां साफ-सफाई होती है। इसलिए लोग इस रात अपने घरों को लाइट्स और रिबन्स से सजाते हैं। दरवाजे के बाहर रंगोली बनाना दिवाली का एक प्रचलित तथा परंपरागत तरीका है।
मिठाइयां बनाना – दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं
वैसे तो मार्केट में मिठाइयों के लिए बहुत से ऑप्शन उपलब्ध हैं, इसके बावजूद लोग दिवाली पर अपने घरों में अलग-अलग तरह की मिठाइयां बनाते हैं। दीवाली पर सेव, गुझिया, फारसं, चिवड़ा, अलग-अलग तरह के लड्डू, बर्फी, चकली इत्यादि चीजें बनाई जाती हैं। अलग-अलग क्षेत्रों की स्पेशल मिठाइयों की लिस्ट कभी खत्म नहीं हो सकती। इन मिठाइयों को परिवार और रिश्तेदारों के अलावा आसपास के परिचितों को बांटा भी जाता है।
शॉपिंग – दिवाली: बेहद खास हैं ये परंपराएं
नई चीजें खरीदने के लिए दिवाली का त्योहार सबसे शुभ माना जाता है। दिवाली का त्योहार भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग फेस्टिवल है। दिवाली के 2 दिन पहले आने वाला धनतेरस का त्योहार सोने-चांदी के सिक्के और जूलरी खरीदने के लिए अच्छा माना जाता है। इस अवसर पर किचन से जुड़े सामान जैसे बर्तन इत्यादि खरीदना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा इसदिन लोग इलेक्ट्रॉनिक, गैजेट्स, फर्नीचर, कपड़े सहित और भी कई तरह के सामान गिफ्ट करने के लिए खरीदे जाते हैं। साथ ही नई प्रॉपर्टी और गाड़ियों में इन्वेस्ट करने के लिए भी यह समय बहुत अच्छा माना जाता है।
घर की सजावट
भाग्य की देवी लक्ष्मी को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए घर की सजावट बहुत जरूरी है। दिवाली के अवसर पर लोग अलग-अलग तरह से अपने घर की सजावट करते हैं। लेकिन इस सजावट में सर्वाधिक महत्वपूर्ण घर की लाइटिंग होती है। लोग लाइटिंग के लिए म्यूजिकल लाइट ट्री, रोटेटिंग एलईडी बॉल, एलईडी लाइट से झिलमिलाते कैंडल्स, नवरत्न, मल्टीकलर झालर इत्यादि का प्रयोग करते हैं। परंपरागत तरीके की बात करें तो घर को रोशन करने के लिए लोग हाथ से बने मिट्टी के दीपों का उपयोग करते हैं।
पटाखे फोड़ना
बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न को मनाने के लिए पटाखे फोड़ना भी एक परंपरागत तरीका है। कुछ लोग बिना आवाज के आसमान में जाकर तेज रोशनी करने वाले पटाखों का भी प्रयोग करते हैं। माना जाता है कि तेज रोशनी और आवाज वाले पटाखे बुरी शक्तियों को हमसे दूर रखते हैं।
पार्टी करना
कोई त्योहार हो और सभी लोग एक साथ ना हों तो त्योहार का मजा कम हो जाता है। और अगर त्योहार दिवाली का हो तो सभी का साथ रहना काफी जरूरी हो जाता है। दिवाली पर लोग एक साथ मिलकर घर में या किसी रेस्ट्रॉन्ट में जाकर खाना खाते हैं और पार्टी करते हैं।
गिफ्ट देना
दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों को दिवाली पर गिफ्ट्स देना एक पुरानी और सर्वाधिक प्रचलित परंपरा है। पहले सिर्फ मिठाई या ड्राई फ्रूट्स देना प्रचलन में था लेकिन अब फूड बास्केट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, गिफ्ट वाउचर जैसी चीजें भी गिफ्ट की जाने लगी हैं।