कौशल भारत कुशल भारत योजना [Skill India Yojana in Hindi]
इस योजना में तीन महीने, छह महीने और एक साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र पूरे देश में मान्य होता है।
इसका मुख्य उद्देश्य देश में सभी युवा वर्ग को संगठित करके उनके कौशल को निखार कर उनकी योग्तानुसार रोजगार देना है। इस योजना के अंतर्गत पहले वर्ष में 24 लाख युवाओं को शामिल किया जाएगा। इसके बाद 2022 तक यह संख्या 40.2 करोड़ ले जाने की योजना है। इसके अलावा इस योजना से लोग अधिक से अधिक जुड़ सकें, इसके लिए युवाओं को ऋण प्राप्त करने की भी सुविधा है।
इस काम के लिए और लोगों को इस योजना से जोड़ने के लिए सरकार ने कई टेलिकॉम कंपनियों को इस कार्य के लिए अपने साथ जोड़ रखा है। यह मोबाइल कंपनियां मैसेज के द्वारा इस योजना को सभी लोगों तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। इस योजना के तहत मोबाइल कंपनियां योजना से जुड़े लोगों को मैसेज करके एक फ्री ट्रोल नंबर देंगी जिस पर कैंडिडेट को मिस कॉल देना होता है। मिस कॉल के तुरंत बाद आपके पास एक नंबर से फोन आएगा जिसके बाद आप आईवीआर सुविधा से जुड़ जाएंगे। इसके बाद कैंडिंडेट को अपनी जानकारी निर्देशानुसार भेजनी होगी। आपके द्वारा भेजी गई जानकारी कौशल विकास योजना के सिस्टम में सुरक्षित रख ली जाएगी। यह जानकारी मिलने के बाद आवेदनकर्ता को उसी के क्षेत्र में यानी कि उसके निवास स्थान के आस-पास ट्रेनिंग सेंटर से जोड़ा जाएगा।
“कौशल भारत” के अंतर्गत आने वाली अन्य योजनाएँ:
इस योजना के अंतर्गत 4 अन्य योजनाएँ हैं:
- राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन / National Skill Development Mission
- कौशल विकास एवं उद्यमियता के लिए राष्ट्रीय नीति / National Policy for Skill Development and Entrepreneurship
- प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना / Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana (PMKVY)
- स्किल लोन स्कीम / Skill Loan Scheme
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई “कौशल भारत योजना” के अंदर आने वाला मिशन है। इस मिशन को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 1 जुलाई 2015 को मान्यता दे दी गई थी, किन्तु अधिकारिक तौर पर इस मिशन को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 15 जुलाई 2015 को अन्तर्राष्ट्रीय युवा कौशल दिवस के अवसर पर लोंच किया गया। इस मिशन को कौशल प्रशिक्षण एक्टिविटीज की टर्म्स में सभी क्षेत्रों और राज्यों को कवर कर उन्हें विकसित करने के लिए लोंच किया गया है। इसके अलावा “कुशल भारत” का विज़न प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन न केवल उसे मजबूत करने और कौशल विकास के प्रयासों में एफ्फ़ोर्ट्स डालने के लिए है बल्कि स्पीड और स्टैण्डर्ड के साथ बड़े पैमाने पर स्किल्लिंग को प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों में निर्णय लेने में तेजी लाना भी है। यह एक सुव्यवस्थित इंस्टिट्यूशनल मैकेनिज्म के माध्यम से लागू किया गया है, जोकि कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चलाया गया है।
इस मिशन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए इंस्टिट्यूशनल मैकेनिज्म को 3 भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें अपैक्स लेवल पर नीति मार्गदर्शन के लिए एक संचालन परिषद्, एक संचालन समिति एवं एक मिशन निदेशालय, मिशन के कार्यकारी शाखा के रूप में शामिल हैं। मिशन निदेशालय को तीन अन्य संस्थानों द्वारा समर्थित किया गया है राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (NSDA), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT)। ये सभी राष्ट्रीय इंस्टिट्यूशनल मैकेनिज्म की स्मूथ फंक्शनिंग की सुविधा के लिए मिशन निदेशालय के साथ हॉरिजॉन्टल लिंकेज करते हैं। मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में कार्य कर शुरू में 7 उप-मिशनों को प्रस्तावित किया गया है। वे हैं:
- इंस्टिट्यूशनल प्रशिक्षण
- इंफ्रास्ट्रक्चर
- कन्वर्जेंस
- ट्रेनर्स
- प्रवासी रोजगार
- सस्टेनेबल आजीविका
- पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल
कौशल विकास एवं उद्यमियता के लिए राष्ट्रीय नीति
कौशल विकास एवं उद्यमियता (Entrepreneurship) के लिए राष्ट्रीय नीति, 2015 का उद्देश्य स्पीड एवं स्टैण्डर्ड (गुणवत्ता) के साथ बड़े पैमाने पर कौशल विकास की चुनौती का सामना किया जाना है। यह सभी कौशल विकास एक्टिविटीज़ का देश के अंदर एक छाते के सामान फ्रेमवर्क में उपलब्ध कराने का उद्देश्य है। जोकि कॉमन स्टैंडर्ड्स अलाइन करने के लिए एवं स्किल्लिंग को डिमांड सेंटर्स के साथ जोड़ने के लिए है। इन उद्देश्यों एवं एक्सपेक्टेड परिणामों के अलावा, विभिन्न इंस्टिट्यूशनल फ्रेमवर्क की पहचान के लिए प्रयास करना भी है जोकि एक्सपेक्टेड परिणामों तक पहुँचने के लिए वाहन के सामान कार्य कर सकता है। राष्ट्रीय नीति स्पष्टता और कॉहेरेंस भी प्रदान करती है कि कैसे मौजूदा इंस्टिट्यूशनल व्यवस्था के अंदर देश भर में कौशल विकास के प्रयासों का गठबंधन किया जा सके। यह नीति कौशल विकास के लिए रोजगार एवं प्रोडक्टिविटी में सुधार करने के लिए एक कड़ी है।
प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
यह “कौशल भारत योजना” के अंतर्गत आने वाली योजना है, जिसकी शुरुआत स्वयं प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने की। इस योजना का उद्देश्य रोजगार कौशल के प्रति रूचि को प्रोत्साहित करना एवं संभावित (Probable) और मौजूदा समय में रोज के वेतन लेने वालों को पुरस्कार देकर तथा उन्हें गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करके उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाना है। प्रति व्यक्ति औसतन पुरस्कार राशि 8000 रूपये रखी गई है। उन वेतन लेने वालों को पहले से ही कौशल के एक स्टैण्डर्ड लेवल में रखकर योजना के अनुसार मान्यता दी जाएगी और उनके लिए औसत पुरस्कार राशि 2000 से 2500 है। शुरुआत के साल में योजना के लिए 15 अरब वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें।
इसके प्रशिक्षण प्रोग्राम को राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों के आधार पर तैयार किया गया है एवं योग्यता पैक्स विशेष रूप से कौशल के विभिन्न क्षेत्रों में विकसित किये गये हैं। इन योग्यता एवं गुणवत्ता प्लान्स के लिए इंडस्ट्रीज के पार्टिसिपेशन के साथ विभिन्न सेक्टर स्किल कौंसिल्स द्वारा इसे विकसित किया गया है। राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद की कोओर्डीनेटिंग एवं उसी के लिए ड्राइविंग एजेंसी बना दी गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट द्वारा 120 अरब के आउटले (Outlay) की मंजूरी दी गई है। इस योजना का लक्ष्य 2016 – 2020 तक 1 करोड़ भारतीय युवाओं को प्रशिक्षित करना है। 18 जुलाई 2016 तक 18 लाख में से 17.93 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया, जो इस योजना में नामांकित थे।
स्किल लोन स्कीम (Skill Loan Scheme)
यह भी कौशल भारत योजना के अंतर्गत आने वाली स्कीम है, जिसे प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 जुलाई सन 2015 को ही लोंच किया। इस स्किल लोन स्कीम को, पहले ही इंडियन बैंक एसोसिएशन मॉडल लोन स्कीम से व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए बदल दिया गया है। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने पहले से ही इस स्कीम को इसके इम्प्लीमेंटेशन के लिए सभी मेम्बर बैंक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारीयों में सर्कुलेट कर दिया है।
इस स्कीम के तहत भारत के 34 लाख युवाओं के लिए अगले पांच वर्षों में कौशल विकास प्रोग्राम में भाग लेने के लिए लोन की 5000 रु से लेकर 1.5 लाख रु तक की मांग को उपलब्ध कराया गया है। पहले एवर स्किल लोन के लिए स्वीकृति पत्र, प्रधानमंत्री द्वारा एस्पायरिंग ट्रेनीस को सौंप दिया गया है।
इस तरह कौशल भारत योजना के अंतर्गत आने वाली योजनाएँ प्रधानमंत्री जी ने लोंच की जिससे देश के कौशल का विकास हो सके।
“कौशल भारत” की विशेषताएँ
- इसके तहत युवाओं के कौशल में जोर देना है ताकि उनके रोजगार पाने एवं इंटरप्रेंयूर्शिप में सुधार होगा।
- पारम्परिक तरीके से सभी व्यवसायों जैसे बढई, मोची, वेल्डर, लोहार, राजमिस्त्री, नर्स, दर्जी वीवर्स आदि के लिए प्रशिक्षण, सपोर्ट एवं मार्गदर्शन प्रदान करना है।
- नए क्षेत्रों में अधिक ध्यान दिया जायेगा जैसे रियल एस्टेट, निर्माण, ट्रांस्पोटेशन, वस्त्र, धातु उद्योग, आभूषण डिजाइनिंग, बैंकिंग, पर्यटन एवं और भी कई क्षेत्रों में जहाँ कौशल विकास अपर्याप्त या बराबर से नहीं हुआ है।
- इसका प्रशिक्षण प्रोग्राम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की तर्ज पर होगा ताकि हमारे देश के युवा न केवल देश की मांग को पूरा कर सकेंगे, बल्कि अमेरिका, जापान, चीन, जर्मनी, रूस और पश्चिम एशिया जैसे कई देशों की मांग को भी पूरा कर सकेंगे।
- कौशल भारत प्रोग्राम की एक उल्लेखनीय विशेषता “ग्रामीण भारत कौशल” नामक एक हॉलमार्क बनाना भी है जोकि प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्रमाणित एवं स्टैंडराइज करने के लिए है।
- उदाहरण के लिए दर्जी, आवश्यकता आधारित प्रोग्रामों को विशिष्ट आयु समूहों के लिए शुरू किया जाएगा ताकि वे नौकरी और रोजगार कौशल सहित भाषा और संचार कौशल, जीवन और सकारात्मक सोच कौशल, व्यक्तित्व विकास कौशल, प्रबंधन कौशल एवं व्यवहार कौशल भी हो सकें।
- “कौशल भारत” की कार्यप्रणाली का कोर्स इनोवेटिव होगा जिसमें खेल, ग्रुप डिस्कशन, ब्रेनस्टोर्मिंग सेशन, प्रैक्टिकल अनुभव, केस स्टडीज आदि भी शामिल होंगे।
कैसे यह पिछली कौशल विकास नीति से अलग है?
ऐसा नहीं है कि हमारे पास पहले से ही कोई कौशल विकास प्रोग्राम नहीं है। भारत सरकार ने हमेशा ही कौशल विकास पर एक राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में विचार किया है। यह सिर्फ इतना है कि अब मंत्रालय नया है और कौशल विकास के लिए दृष्टीकोण लेना भी नया है। पहले परंपरागत नौकरियों पर जोर दिया जाता था किन्तु अब सभी प्रकार की नौकरियों के लिए जोर दिया जायेगा। पहले जिम्मेदारी विभिन्न मंत्रालयों में विभाजित की जाती थी किन्तु अब यह एक दूसरे के साथ क्लब्ड है। कौशल विकास और इंटरप्रेंयूर्शिप मंत्रालय, प्रिंसिपल मंत्रालय होगा जो अन्य मंत्रालयों एवं संगठनों के साथ कोओर्डीनेट करने जा रहा है।
नमो सरकार के अनुसार, कौशल भारत सिर्फ एक प्रोग्राम नहीं है बल्कि एक आन्दोलन है। जहाँ वे युवा जोकि बेरोजगार हैं, कॉलेज और स्कूल छोड़ दिए हैं और जो शिक्षित लोगों के साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से है। सभी को वैल्यू एडिशन दिया जायेगा। नया मंत्रालय सर्टिफयिंग एजेंसी होगी। प्रमाण पत्र उन लोगों के लिए जारी किया जायेगा जो एक विशेष कौशल या प्रोग्राम को पूरा करेंगे, और इस प्रमाण पत्र को विदेशी संगठनों सहित सभी सार्वजानिक एवं निजी एजेंसियों और संस्थानों द्वारा मान्यता दी जाएगी। यह कौशल भारत प्रोग्राम पूरे देश के लिए है।
कौशल भारत के लाभ: Benefits
यह विचार आत्मविश्वास बढ़ाने, प्रोडक्टिविटी इम्प्रूव करने और उचित कौशल विकास के माध्यम से दिशा देने के लिए है। कौशल विकास युवाओं को ब्लू कलर जॉब पाने के लिए सक्षम होगा। कौशल का विकास, एक यंग उम्र में, एवं सही स्कूल लेवल में उचित रोजगार अवसरों के लिए उन्हें चैनेलाइस करने में बहुत आवश्यक है। यहाँ सभी क्षेत्रों में एक संतुलित विकास होना चाहिए और सभी नौकरियों को बराबर महत्व दिया जाना चाहिए। एक उचित और सभ्य जीवन जीने के लिए हर एस्पिरेंट जॉब, सॉफ्ट कौशल में प्रशिक्षण देगी। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में कौशल विकास पहुँचाया जायेगा। कॉर्पोरेट शैक्षित संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, सरकार, शैक्षित संस्थानों और समाज के युवाओं के कौशल के विकास में मदद मिलेगी ताकि कम से कम संभव समय में बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकेंगे।
साझेदारी: Partnership Concept
इस प्रोग्राम के अंतर्गत भारत की UK के साथ साझेदारी की जाएगी। देश के युवा लोगों को सक्षम करने के लिए, अन्य देश की स्कूल प्रणाली का अनुभव और संस्कृति, परम्पराओं और सामाजिक एवं परम्परिक प्रणालियों की समझ को विकसित करने के लिए वर्चुअल पार्टनरशिप स्कूल स्तर पर शुरू की जाएगी। एक कमिटमेंट UK और भारत की योग्यता को आपसी मान्यता प्राप्त करने के लिए बनाई गई थी।
प्रतिक्रिया: Response
Oracle, 12 फरवरी 2016 को यह घोषणा की गई कि बैंगलूरू में एक नये 2.8 मिलियन वर्ग फ़ीट कैम्पस का निर्माण होगा, इस Oracle का सबसे बड़ा आउटसाइड यह है कि California के रेडवुड शोर्स में इसका मुख्यालय होगा। कंप्यूटर विज्ञान कौशल को विकसित करने के लिए Oracle अकैडमी ने हर साल 50,000 विद्यार्थियों से भी ज्यादा को प्रशिक्षित करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है, इस पार्टनरशिप से वर्तमान में भारत में 1700 से 2700 संस्थान बढ़ गये है।
प्रदर्शन: Performance
15 फरवरी 2016 तक “भारतीय चमड़ा विकास कार्यक्रम” में 100 दिनों की अवधि में 51,216 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और यह एन्नुअली 1,44,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना है। “Footwear Design and Development Institute” की चार नई शाखायें हैदराबाद, पटना, बानुर (पंजाब) और अंकलेश्वर (गुजरात) में प्रशिक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर को इम्प्रूव करने के लिए स्थापित की जा रही है। इंडस्ट्री तीव्र कौशल की कमी के दौर से गुजर रही है एवं अधिकांश प्रशिक्षित लोगों को इंडस्ट्री द्वारा खपा लिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का आप कैसे उठा सकते हैं फायदा?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) केन्द्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। PMKVY कौशल विकास एवं उद्यमता मंत्रालय की ओर चलाई जाती है।
PMKVY का उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके। PMKVY में युवाओं को ट्रेनिंग देने की फीस का सरकार खुद भुगतान करती है।
सरकार PMKVY के जरिये कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा ड्राप आउट (बीच में स्कूल छोड़ने वाले) युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देती है। सरकार ने साल 2020 तक PMKVY के तहत एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है।
कैसे करायें PMKVY में रजिस्ट्रेशन?
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) में आवेदक को अपना नामांकन कराना जरूरी होता है। इसके लिए http://pmkvyofficial.org पर जाकर अपना नाम, पता और ईमेल आदि जानकारी भरनी होती है।
- फार्म भरने के बाद आवेदक जिस तकनीकी क्षेत्र में ट्रेनिंग करना चाहता है उसे चुनना होगा। PMKVY में कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग,फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स एवं ज्वेलरी और लेदर टेक्नोलॉजी जैसे करीब 40 तकनीकी क्षेत्र दिये गए हैं।
- PMKVY में पसंदीदा तकनीकी क्षेत्र के एक अतिरिक्त तकनीकी क्षेत्र का भी चयन करना होगा। ये जानकारियां भरने के बाद अपने ट्रेनिंग सेंटर का चयन करना होगा।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) की 5 खास बातें?
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के लिए कोई फीस नहीं चुकानी पड़ती है बल्कि बतौर पुरस्कार राशि करीब 8000 रुपये सरकार देती है।
- PMKVY में 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। कोर्स पूरा करने के बाद ही सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यह सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य होगा।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) में ट्रेनिंग करने के बाद सरकार आर्थिक सहायता करने के साथ नौकरी दिलाने में भी मदद करती है। रोजगार मेलों के जरिए सरकार ऐसे युवाओं को नौकरी दिलाने में मदद करती है।
- PMKVY योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना है जोकि कम पढ़े लिखे हैं या बीच में स्कूल छोड़ देते हैं।
- PMKVY के पाठ्यक्रम के पूरा होने पर आपका SSC द्वारा स्वीकृत मूल्यांकन एजेंसी द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। यदि आप मूल्यांकन पास कर लेते हैं और आपके पास वैध आधार (AADHAAR) कार्ड है, तो आपको सरकारी प्रमाणपत्र तथा स्किल कार्ड प्राप्त होगा। उम्मीदवार PMKVY में कई बार अपना मूल्यांकन करवा सकते हैं,पर उन्हें हर बार मूल्यांकन शुल्क भरना होगा।
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