एक बार गधे ने सोचा क्यों ना जंगल के उस पार जाकर देखा जाए कि आखिर उस तरफ है क्या?
अगले दिन भोर में ही वह जंगल की ओर बढ़ चला।
जंगल घना था और गधा मूर्ख। बिना सोचे समझे उसे जिधर मन करता उधर चल पड़ता। जैसे-तैसे करके उसने जंगल पार किया और दूसरी छोर पर स्थित एक और गाँव पहुँच गया।
उधर गाँव में हल्ला मच गया कि भोलू गधा गाँव छोड़ कर चला गया है, सब बात करने लगे कि वो कितना भाग्यशाली है, और अब कितनी आराम की ज़िन्दगी जी रहा होगा। लोगों की बात सुनकर कुत्तों के एक झुण्ड ने भी जंगल पार करने का निश्चय किया।
अगली सुबह वह गधे की गंध का पीछा करते हुए उसी रास्ते से जंगल के उस पार चले गए।
फिर क्या था, गाँव के अन्य पशुओं में भी जंगल पार करने की होड़ सी लग गयी और सभी गधे द्वारा खोजे गए रास्ते पर चलते हुए जंगल पार करने लगे।
बार-बार उस रास्ते पर चलने से एक पगडण्डी सी बन गयी और कुछ सालों बाद इंसान भी उसी रास्ते को पकड़ कर जंगल पार करने लगे । समय बीतता गया और धीरे-धीरे गाँव की आबादी काफी बढ़ गयी। तब सरकार ने जंगल पार करने के लिए एक रोड बनाने का निर्णय लिया गया।
शहर से इंजीनियरों का एक दल आया और इलाके की निरिक्षण करने लगा।
गाँव वालों ने बताया कि जंगल पार करने के लिए एक पगडण्डी बनी हुई है उसी पर अगर सड़क बना दी जाए तो अच्छा रहेगा।
उनकी बात सुनकर चीफ इंजीनियर थोडा मुस्कुराया और बोला, “क्या मैं जान सकता हूँ ये पगडण्डी किसने बनायी?”
गाँव के एक बुजुर्ग बोले, “जहाँ तक मुझे पता है ये रास्ता किसी गधे ने खोजा था!”, और उसने पूरी कहानी कह सुनाई।