अल्लाह का घर सब जगह है-Hindi Folktale on Proverb God Is Everywhere

अल्लाह का घर सब जगह है Hindi Folktale on Proverb ‘God Is Everywhere’

गुरु नानक के अधिकांश जीवन भ्रमण मेँ बिताया। वे देश के विभिन्न स्थानोँ पर घूमते रहे, गुरु महिमा का प्रचार करते रहे। समाज मेँ जागरुकता फैलाते रहे। कुरीतियाँ का हमेशा विरोध करते रहे। जहाँ – जहाँ वे जाते थे, उनकी वाणी सुनने के लिए भी भीड़ उमड़ पड़ती थी।

एक बार वे घूमते – घूमते मक्का मदीना जा पहुंचे। वे थके हुए थे। उनको नींद की झपकियाँ आने लगी थी। वे काबे के सामने थे। उन्होंने यह सोचे बिना कि हम इस समय कहाँ है, वही लेट गए। वे चैन की नींद सोने लगे।

उस समय तमाम लोग काबे मेँ जा रहे थे, उसमेँ से निकलकर आ रहे थे। सब कोई बिना कुछ देखे अपना ध्यान अल्लाह से लगाये जा रहे थे। कुछ लोग गुरु नानक को लेटा हुआ देखते निकल जाते।

अचानक एक आदमी कुछ क्षण रुककर देखता रहा आने – जाने वाले लोगोँ को कहता रहा, “देखो, यह कौन है जो काबे की ओर पैर करके सो रहा है?” वहाँ भीड़ लग गई। कुछ लोगोँ ने उन्हें जगाया लेकिन उनकी नींद नहीँ खुली। तब तक एक व्यक्ति दौड़कर गया और मौलवी को बुला लाया। मौलवी भी उसको देखकर हैरत मेँ रह गया।

लोगोँ ने बताया कि वे इसे जगा रहे हैं, जागता ही नहीँ। मौलवी साहब से जगाते हुए कहा, “अरे जनाब, उठिये। खुदा के घर की ओर पैर किए लेटे हो।” थोडी भनक गुरु नानक के कानोँ मेँ पड़ी। कुछ ही क्षण मेँ आँखेँ खोली और बोले, “क्या बात है भाई। मैं सो रहा था, जगा दिया।” मौलवी बोले, “आप अल्लाह के घर की ओर पैर करके सो रहे हो।” गुरु नानक ने एक् क्षण सोचा फिर बोले, मै थका हुआ हूँ भाई। जिधर अल्लाह का घर हो, उधर पैर कर दो।” इतना कहकर गुरु नानक फिर आंखे बंद करके लेटे रहे। मौलवी को गुस्सा आया और गुरु नानक के पैर घुमाए और छोड़ दिए। फिर गुरु नानक के पैर देखे और काबे को देखा, “मौलवी देखता ही रह गया। उनके पैर के सामने अल्लाह का घर काबा था। उसकी समझ मेँ कुछ भी नहीँ आया। फिर उसने पैरोँ को घुमाकर देखा। पैर काबे की ओर थे। वह झुंझला गया। एक बार फिर गुरु नानक के पैर पकड़कर घुमाया। फिर उसने देखा, पैरों के सामने काबा था।

वह अपना सिर पकड़कर खड़ा हो गया। फिर गुरु नानक की ओर देखा। गुरु नानक ने कहा – ‘अल्लाह का घर सब जगह है’।

गुरु नानक की बात सुनकर मौलवी और सब लोग एक – एक करके वहाँ से चले गए।

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