कभी घी भर घना, कभी मुट्ठी भर चना-Folktale on Hindi Proverb

कभी घी भर घना, कभी मुट्ठी भर चना Folktale on Hindi Proverb

एक संपन्न परिवार था। उसके यहाँ खेतीवाड़ी का काम होता था। घर मेँ गांय – भैंसे थी। फसल खूब होती थी। घर मेँ सब तरह का सामान बना रहता था। रिश्तेदारोँ की आव – भगत भी अच्छी होती थी। तीज – त्योहार के दिन पूरी पकवान बनते थे। कहने का मतलब किसी तरह की कोई कमी न थी।

गाय – भैंस मा लिया जाता शाम को जमा लिया जाता था। सुबह होते ही दही को मथानी मेँ डालकर मथा जाता था। मथते समय मथानी मेँ मक्खन के फुटके बन जाते थे। फुटकों को इकट्ठा करके लोंदा बनाते थे। लोंदा बनाकर एक बर्तन मेँ डालते रहते थे। जब तक फुटके बनते रहते थे, तब तक लोंदे बनाकर रखे बर्तन मेँ डाले जाते रहते थे। मथानी मेँ छाछ शेष रह जाता था। मक्खन को गर्म करके घी तैयार करते थे। कुछ छाछ को घर मेँ इस्तेमाल करते थे ओर बाती को पड़ोसियों को दे देते थे। यह रोज का काम था। घर मेँ घी के एक – दो मटके हमेशा तैयार रहते थे। घी जी – भरकर खाने की छूट थी।

एक बार प्रकृति का ऐसा कोप हुआ कि पूरी फसलेँ खराब हो गई। एक दाना भी नहीँ हुआ। बोया गया अनाज भी जाता रहा। घर मेँ रखा हुआ गेहूँ कुछ दिन ही चल सका। उसके बाद खाने के लिए गेहूँ खरीदना शुरु कर दिया। चारा भी नहीँ हुआ था। अब पूरे साल तक गांय – भैंसों को चारा खिलाना मुश्किल था। उसने एक – एक करके गाय – भैंस बेच दी। घर मेँ जो पैसे थे, लडकी के विवाह मेँ खर्च कर दिए थे।

अब उसके यहाँ गेहूँ की जगह बेजड़ की रोटियाँ बनने लगी। उस घर मेँ चनोँ का इस्तेमाल अधिक होने लगा था। अब रिश्तेदारोँ को पहले जैसा भोजन नहीँ खिला पाता था। और न गाँव के लोगोँ की आव – भगत कर पाता था।

आने वाले रिश्तेदारोँ के सामने फसल नष्ट होने की व्यथा सुनता रहता। वे लोग तस्सली देते हुए कहते कि भाई, यह तो समय की चलती – फिरती छाया है। ‘कभी घी भर घना, कभी मुट्ठी भर चना‘।

Check Also

28 Years Later: 2025 British post-apocalyptic horror film

28 Years Later: 2025 British post-apocalyptic horror film

Movie Name: 28 Years Later Directed by: Jonathan Entwistle Starring: Jodie Comer, Aaron Taylor-Johnson, Ralph Fiennes, …