एक बार एक आदमी ने गांववालों से कहा की वो 1000 रु में एक बन्दर खरीदेगा, ये सुनकर सभी गांववाले नजदीकी जंगल की और दौड़ पड़े और वहां से बन्दर पकड़ पकड़ कर 1000 रु में उस आदमी को बेचने लगे।
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गयी।
फिर उस आदमी ने कहा की वो एक एक बन्दर के लिए 2000 रु देगा, ये सुनकर लोग फिर बन्दर पकड़ने में लग गये, लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर ठंडा हो गया।
अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के लिए 5000 रु देगा, लेकिन क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया।
5000 रु सुनकर गांववाले बदहवास हो गए, लेकिन पहले ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए उन्हें कोई हाथ नही लगा – तब उस आदमी का असिस्टेंट उनसे आकर कहता है – “आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 3500 -3500 रु में बन्दर खरीद सकते हैं, जब सर आ जाएँ तो 5000-5000 में बेच दीजियेगा”।
गांववालों को ये प्रस्ताव भा गया और उन्होंने सारे बन्दर 3500 -3500 रु में खरीद लिए।
अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न ही कोई सर… बस बन्दर ही बन्दर।